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स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना रखरखाव में घोटाला मामला, CBI कोर्ट से 9 के खिलाफ समन जारी

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Published : Nov 3, 2020, 10:39 AM IST

स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव और मरम्मत कार्य में 20.87 करोड़ रुपये घपला किए जाने का मामला सामने आया था. इस मामले में सीबीआई ने भोपाल भेल के तीन वरीय पदाधिकारी और जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष समेत नौ लोगों के खिलाफ समन जारी किया है.

swarnrekha jal vidyut pariyojana scam case in ranchi
सिविल कोर्ट

रांचीः स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव और मरम्मत में 20.87 करोड़ रुपये घपला करने का मामला सामने आया था. इस मामले में सीबीआई ने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) भोपाल के तीन वरीय पदाधिकारी और झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसईबी) के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा समेत नौ लोगों के खिलाफ समन जारी कर दिया है. सभी को 25 नवंबर तक सीबीआई की विशेष अदालत में स्वयं या फिर अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी होगी.

2016 में दर्ज की गई थी प्राथमिकी

मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने दो जून 2016 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी. जेएसईबी रांची के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा, जेएसईबी रांची के तत्कालीन वित्तीय सदस्य आलोक शर, भेल भोपाल के सीनियर डीजीएम सुनिति कुमार मजूमदार, भेल पीडीएक्स भोपाल के एजीएम आरके आर्या, भेल भोपाल के गुरुकृत सिंह सचदेवा, मेसर्स नॉर्थन पावर इरेक्टॉर्स लि. नई दिल्ली के संचालक नवनीत सागर मित्तल और उनकी कंपनी, मेसर्स फाइब्रेटेक मेरठ यूपी के संचालक आशुतोष मित्तल और उनकी कंपनी शामिल है.

इसे भी पढ़ें- JPSC के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने की राज्यपाल से मुलाकात, बोले- ईमानदारी से करेंगे काम

मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये खर्च

स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव और मरम्मत के लिए वर्ष 2011-12 में टेंडर निकाला गया था. टेंडर में न्यूनतम 59.75 लाख रुपये और अधिकतम 20.87 करोड़ रुपये का आवेदन आया. जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष और भेल के तीनों वरीय पदाधिकारियों ने आपराधिक साजिश और पद का दुरुपयोग करते हुए टेंडर सबसे ऊंची दर डालने वाली कंपनी को दे दिया, जबकि रख रखाव और मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये खर्च किया जाना था.

रांचीः स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव और मरम्मत में 20.87 करोड़ रुपये घपला करने का मामला सामने आया था. इस मामले में सीबीआई ने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) भोपाल के तीन वरीय पदाधिकारी और झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसईबी) के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा समेत नौ लोगों के खिलाफ समन जारी कर दिया है. सभी को 25 नवंबर तक सीबीआई की विशेष अदालत में स्वयं या फिर अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी होगी.

2016 में दर्ज की गई थी प्राथमिकी

मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने दो जून 2016 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी. जेएसईबी रांची के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा, जेएसईबी रांची के तत्कालीन वित्तीय सदस्य आलोक शर, भेल भोपाल के सीनियर डीजीएम सुनिति कुमार मजूमदार, भेल पीडीएक्स भोपाल के एजीएम आरके आर्या, भेल भोपाल के गुरुकृत सिंह सचदेवा, मेसर्स नॉर्थन पावर इरेक्टॉर्स लि. नई दिल्ली के संचालक नवनीत सागर मित्तल और उनकी कंपनी, मेसर्स फाइब्रेटेक मेरठ यूपी के संचालक आशुतोष मित्तल और उनकी कंपनी शामिल है.

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मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये खर्च

स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव और मरम्मत के लिए वर्ष 2011-12 में टेंडर निकाला गया था. टेंडर में न्यूनतम 59.75 लाख रुपये और अधिकतम 20.87 करोड़ रुपये का आवेदन आया. जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष और भेल के तीनों वरीय पदाधिकारियों ने आपराधिक साजिश और पद का दुरुपयोग करते हुए टेंडर सबसे ऊंची दर डालने वाली कंपनी को दे दिया, जबकि रख रखाव और मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये खर्च किया जाना था.

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