रांचीः झारखंड में फरवरी महीने से ही तापमान न सिर्फ तेजी से बढ़ा है, बल्कि पिछले तीन-चार महीने में पूरा झारखंड लगभग शुष्क (ड्राई) ही रहा है. बसंत ऋतु में ही लोग गर्मी का एहसास कर रहे हैं. आलम यह है कि मार्च महीने के प्रारंभ में ही राज्य के सभी जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चल रहा है. रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, पलामू, गढ़वा, कोडरमा, पश्चिम सिंहभूम सहित लगभग सभी जिलों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है.
आम और लीची को नुकसान का अनुमानः समय से पहले आयी गर्मी और अक्टूबर के बाद से राज्य में हल्की फुल्की बारिश नहीं होने से इस वर्ष बढ़िया मंजर आने के बावजूद आम और लीची को नुकसान पहुंचने का डर बागवानी पदाधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों को सताने लगी है. वहीं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग के हेड और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ संयत कुमार मिश्रा ने कहा कि अगर ड्राई स्पेल लंबा खींचा तो फिर आम की फसल को नुकसान पहुंचना तय है.
ड्राई स्पेल लंबा खींचा तो होगी परेशानीः ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ संयत कुमार मिश्रा ने कहा कि पिछले वर्ष आम का ऑफ सीजन था लेकिन राज्य में लीची के पेड़ पर बहुत मंजर आये थे. उन्होंने कहा कि अगर ड्राई स्पेल लंबा खींचने और किसानों द्वारा लीची के पेड़ में पटवन नहीं कर पाने की वजह से सभी मंजर झड़ गए थे. डॉ संयत कुमार मिश्रा कहते हैं कि न सिर्फ फलों की बागवानी को तेज गर्मी और ड्राई स्पेल की वजह से नुकसान पहुंचने का अनुमान है, बल्कि सब्जियों पर भी कीट का प्रकोप बढ़ेगा. ऐसे में उन्होंने किसानों से कीटनाशी दवा के छिड़काव की सलाह दी है. राज्य में समय से पहले आयी गर्मी और तेज हवा की वजह से फूल का उत्पादन भी कम होने का अनुमान है. यही हाल हनी उत्पादन का भी होगा.
कृषि वैज्ञानिक ने दी पटवन की सलाहः उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी कि जब उन्हें यह लगे कि उनके बगान का जलस्तर नीचे जाने की वजह से उनके फलों के पौधे को ठीक से पानी नहीं मिल पा रहा है, तो हर 10 से 15 दिन के अंतराल पर आम लीची के फलों के जड़ में पटवन कर दें, इससे उनकी आम लीची की फसल बर्बाद नहीं होगी.
झारखंड में 405.24 मीट्रिक टन आम उत्पादन की है उम्मीदः बीएयू के उद्यान विभाग के एचओडी और कृषि वैज्ञानिक डॉ सनत कुमार मिश्रा ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 55.44 हेक्टेयर में 400 8.24 मीट्रिक टन आम उत्पादन की उम्मीद है जबकि 4.10 हेक्टेयर में 64.42 मीट्रिक टन लीची उत्पादन की उम्मीद जतायी गई है. इसी तरह राज्य में 311.72 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी सब्जियों से 3773.67 मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद है.
1.65 मीट्रिक टन हनी उत्पादन का लक्ष्यः राज्य में 1.20 हेक्टेयर में फूल की 4.81 मीट्रिक टन उत्पादन होता है. लंबे ड्राई स्पेल की वजह से जब फलों, सब्जियों और फूलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा तो इसका असर मधु उत्पादन पर भी पड़ेगा. राज्य में इस वर्ष 1.65 मीट्रिक टन हनी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
क्या है मौसम केंद्र का आकलनः वहीं मौसम केंद्र रांची ने अपने ताजा पूर्वानुमान में बताया है कि राज्य के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है.
सबसे अधिक तापमान जमशेदपुर और डालटनगंज का रहाः मौसम केंद्र रांची के अनुसार पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस जमशेदपुर और डालटनगंज का रिकॉर्ड किया गया. वहीं सबसे कम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस सिमडेगा का रहा.
10 मार्च को हल्की बारिश की संभावनाः मौसम केंद्र रांची ने आठ मार्च तक राज्य भर में आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने की उम्मीद जतायी है. वहीं नौ मार्च को झारखंड के पूर्वी और निकटवर्ती मध्य भाग में आंशिक बादल बनने, 10 मार्च को इन क्षेत्रों में हल्की मेघ गर्जन के बाद हल्की बारिश की संभावना जतायी है. राज्य के अन्य हिस्सों में मौसम शुष्क ही रहेगा. इस दौरान तापमान में कोई ज्यादा परिवर्तन या उतार-चढ़ाव नहीं होगा.