रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अंदरूनी मतभेद खत्म होता नहीं दिख रहा है. पार्टी में अप्रत्यक्ष रूप से गुटबाजी फिर से जारी होने लगी है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लोहरदगा से कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर लोकसभा चुनाव में समर्थन नहीं देने का आरोप लगाया है. इस बात को प्रदेश कांग्रेस ने आलाकमान के संज्ञान में लिए जाने की बात कही है.
पिछले 3 अगस्त को एआईसीसी की बैठक में झारखंड के वरिष्ठ नेताओं से संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने साफ तौर पर कहा था कि किसी भी तरह की आपसी मतभेद को अब नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने पार्टी नेताओं को हिदायत दी थी कि सार्वजनिक रूप से कोई भी बयानबाजी ना करें. इन दिनों प्रदेश कांग्रेस में ऐसा लग रहा है कि सुखदेव भगत को अध्यक्ष पद नहीं मिलने का मलाल है. वहीं, रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी बीजेपी का दामन थामने की चर्चा आम है. सुखदेव भगत के रामेश्वर उरांव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिए जाने की चर्चा भी शुरू हो गई है. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि आलाकमान हर मुद्दों पर पैनी नजर बनाए हुए है और इस मामले को भी हाईकमान के संज्ञान में दिया जाएगा.
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वहीं, प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा ने जानकारी दी कि किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए उसका निर्णय आलाकमान लेता है. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रदेश अध्यक्ष हो उनके पद की गरिमा होती है और सुखदेव भगत पहले प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. ऐसे में उनके द्वारा नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पर आरोप लगाना कहीं से सही नहीं है.