रांचीः लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने कांग्रेस की 7 सीटों में से 3 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. जिसमें रांची, लोहरदगा और सिंहभूम शामिल है. लोहरदगा सीट पर अनुसूचित जनजाति का खास दबदबा रहा है. ऐसे में यहां झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया गया है. सुखदेव भगत लोहरदगा से दो बार विधायक रह चुके हैं.
सुदर्शन भगत के सामने सुखदेव भगत
लोहरदगा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होती है. पिछले दो चुनाव से बीजेपी के सुदर्शन भगत जीतते रहे हैं. इस बार यहां के सीटिंग विद्यायक सुखदेव भगत को कांग्रेस की तरफ से टिकट मिला है.
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प्रशासनिक सेवा छोड़ कर राजनीति में आए
सुखदेव भगत राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने 2005 में स्वैच्छिक सेवानिवृति लिया और कांग्रेस में शामिल हुए. उन्होंने 2005 में ही कांग्रेस के टिकट पर लोहरदगा से विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की. हालांकि 2009 में वह आदसी के कमल किशोर भगत से हार गए.
लोहरदगा सीट पर था 5 लोगों का दावा
झारखंड में लोहरदगा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पांच लोगों ने एक साथ दावा ठोंका था. जिन लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की थी. उसमें सुखदेव भगत, रामेश्वर उरांव और अरुण उरांव शामिल थे. रामेश्वर उरांव को 2014 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था. जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. इन सब को पीछे छोड़ते हुए इस बार कांग्रेस ने सुखदेव भगत पर भरोसा जताया है.
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सुखदेव भगत रहे लगातार सक्रिय
सुखदेव भगत लगातार अपने क्षेत्र में बने हुए हैं. जनता से लगातार जुड़े हैं. लोहरदगा के अलावा गुमला जिले का भी लगातार दौरा करते रहे हैं. अब तक वो खुद को टिकट दिए जाने को लेकर आश्वस्त थे.
लोहरदगा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
ये सीट अनिश्चितताओं से भरा रहा है. 2004 में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव जीते थे. 2009 और 2014 का चुनाव में बीजेपी के सुदर्शन भगत जीते. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के सुदर्शन भगत ने कांग्रेस के रामेश्वर उरांव को करीबी मुकाबले में हराया था. सुदर्शन भगत को 2.26 लाख और रामेश्वर ओरेन को 2.20 लाख वोट मिले थे. इस सीट पर करीब 58 फीसदी मतदान हुआ था.