रांचीः आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. गणतंत्र दिवस पर ग्रामीण इलाकों में अफसरों की ओर से किए गए झंडोत्तोलन को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'देश में गणतंत्र दिवस का उल्लास है। अपने राज्य में भी। पर पंचायती राज संस्थाओं में झंडोत्तोलन गांव की सरकार की बजाए अफसरों ने किए। पंचायत चुनाव नहीं कराने के चलते यह नौबत आई। सत्ता के विकेंद्रीकरण की चूलें ऐसी व्यवस्था से हिलती हैं। ' आगे उन्होंने लिखा कि 'पंचायती राज्य संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अगले 6 महीने के लिए जो वैकल्पिक व्यवस्था की गई है उसके तहत झंडोत्तोलन का अधिकार भी पंचायत प्रतिनिधियों को दिया जाना चाहिए था। आखिर वे चुने हुए प्रतिनिधि हैं.।'
4 जनवरी को समाप्त पंचायत का कार्यकाल
पंचायती राज व्यवस्था के तहत कार्य कर चुके प्रतिनिधियों के तहत चुने गए जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड पार्षद की अवधि 4 जनवरी को समाप्त हो चुका है. ऐसे में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वैश्विक महामारी की वजह से इस बार चुनाव का समय पर नहीं कराया जा सकता है.
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साल 2015 में हुआ था पंचायत चुनाव
झारखंड में दूसरी बार पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था. 24 जिला में 263 प्रखंडों में 4402 ग्राम पंचायतों में मुखिया के लिए चुनाव संपन्न हुए थे. पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 5423 और जिला परिषद क्षेत्र निर्वाचित की संख्या 545 थी. लगभग 10 हजार पंचायत प्रतिनिधि निर्वाचित होकर पहुंचे थे. इन्हीं का तीसरे चरण का चुनाव होना था, इसके अलावा छह नगर निकाय चुनाव की अवधि मई में ही समाप्त हो चुकी है, यह भी महामारी के कारण अटक गई है.