रांची: नियोजन नीति को लेकर छात्रों के द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन अब जोर पकड़ने लगा है. 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों ने 10 और 11 जून को झारखंड बंद बुलाया है. इससे पहले जारी आंदोलन के दूसरे चरण में 26 मई से 8 जून तक ढोल, ढाक, मांदर के थाप के साथ राज्य के सभी चौक-चौराहा, हाट-बाजार एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थलों में झारखंड की पारंपरिक वेशभूषा के साथ सखुआ पत्ता परिभ्रमण कराया जाएगा. झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों की मांग को अनसुनी कर रही है जिसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
विधायक-सांसद से छात्रों ने मांगा है समर्थन: आंदोलन के पहले चरण में छात्रों ने 42 सत्ताधारी सहित 72 विधायकों के पास जाकर उनके समक्ष मांगें रखी है. इसके अलावे 13 सांसदों से लिखित समर्थन मिलने का भी दावा किया गया है. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने दावा करते हुए कहा है कि अधिकांश सांसद-विधायक ने 60-40 नाय चलतो का समर्थन किया है. इन सारे दस्तावेज को लेकर जल्द ही छात्रों का एक शिष्टमंडल स्पीकर से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा. इसके अलावे राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के समक्ष ज्ञापन भेजकर झारखंडी जन भावना से अवगत कराया जाएगा.
छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा जिस नियुक्ति विज्ञापन में झारखंड शब्द का जिक्र नहीं वह झारखंडियों का नहीं हो सकता. दूसरे चरण के आंदोलन के दौरान छात्र जाहेर थान, मरांग बुरु, सिंगबोंगा, सरना माई, बूढ़ा बाबा, जैसे देवी-देवताओं के समक्ष वर्तमान हेमंत सरकार के सद्बुद्धि का कामना करेंगे. वहीं, 9 जून को संपूर्ण झारखंड में विशाल मशाल जुलूस और 10 एवं 11 जून को संपूर्ण झारखंड बंदी का निर्णय लिया है.
60-40 नियोजन नीति के खिलाफ लगातार चल रहा है आंदोलन: वर्तमान नियोजन नीति के खिलाफ लगातार आंदोलन चल रहा है. बजट सत्र के अंतिम दिन 23 मार्च को बड़ी संख्या में छात्रों ने विधानसभा घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद हुई पुलिस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए थे. इसके बाद 17 अप्रैल को छात्रों ने 72 घंटे का महाआंदोलन कर सीएम आवास घेरने की असफल कोशिश की जिसमें हुए लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए.