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ऑनलाइन-ऑफलाइन के चक्कर में फंसा सिलेबस, परीक्षा की तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं छात्र

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Published : Feb 12, 2021, 8:51 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 2:56 PM IST

कोरोना के चलते इस बार मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही है. ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर में सिलेबस फंसा है. एक तरफ शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस से सिलेबस कंप्लीट कर दिया गया है वहीं, छात्रों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन क्लास का कोई फायदा नहीं हुआ.

10th, 12th exam during covid in jharkhand
ऑनलाइन-ऑफलाइन के चक्कर में फंसा 10वीं, 12वीं का सिलेबस

रांची: कोरोना के चलते इस बार मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही है. ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर में सिलेबस फंसा है. एक तरफ शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस से सिलेबस कंप्लीट हो गया है वहीं, छात्रों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन क्लास का कोई फायदा नहीं हुआ. कोरोना की वजह से इस बार छात्रों की सहूलियत को देखते हुए झारखंड में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में 40 फीसदी सिलेबस कम कर दिया गया है, लेकिन, विद्यार्थी परीक्षा को लेकर कितने तैयार हैं. इसकी जानकारी या रिकॉर्ड शिक्षकों के पास भी नहीं है.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: मैट्रिक और इंटर परीक्षा को लेकर JAC की विशेष बैठक, प्रधानाध्यापकों को दिया गया निर्देश

ऑफलाइन सिलेबस कंप्लीट करने को लेकर असमंजस

कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए झारखंड में दिसंबर से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए, लेकिन, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम है. ऑफलाइन क्लास का रिस्पॉन्स स्कूल प्रबंधकों को सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है. स्कूल प्रबंधन की तरफ से ऑनलाइन कोर्स कंप्लीट करने का दावा है, लेकिन, ऑफलाइन क्लास में काफी सिलेबस बचा है.

क्लास में छात्रों का नहीं आना भी स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय है. स्कूल प्रबंधकों की तरफ से छात्रों और अभिभावकों को स्कूल आने को लेकर रिमाइंडर भेजा जा रहा है. इसके बावजूद कोविड के डर की वजह से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. मई से परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में मई से पहले कोर्स कंप्लीट होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति है.

तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं बच्चे

शिक्षक इस बात को स्वीकार कर रहे हैं भले ही ऑनलाइन तरीके से 60 फीसदी सिलेबस के तहत कोर्स कंप्लीट करा दिया गया हो लेकिन, बच्चों की जैसी तैयारी होनी चाहिए वैसी नहीं है. ऑनलाइन पठन-पाठन के तहत पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए टेलीविजय के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जा रही थी.

छात्रों को सिलेबस की जानकारी टीवी के जरिए दी जा रही थी. ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा लरनेटिक ऐप के जरिए छात्रों को स्टडी मैटेरियल पहुंचाया जा रहा था. विद्यार्थियों की मानें तो लगातार ऑनलाइन क्लासेस करने के बावजूद परीक्षा से संबंधित विषयों को समझने में काफी दिक्कत हुई. टीवी प्रसारण से भी कोई फायदा नहीं मिला.

साइंस के छात्रों को प्रैक्टिकल न होने से भी काफी दिक्कत हुई. छात्रों का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद चीजें थोड़ी सामान्य जरूर हुईं हैं, लेकिन, अभी काफी सिलेबस बचा है. स्कूल जाने वाले छात्रों का कहना है कि उनके कई साथी घर में रहकर ही तैयारी कर रहे हैं, लेकिन, हकीकत यही है कि कोरोना की वजह से छात्रों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हुई और ज्यादातर छात्र अपनी तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं.

रांची: कोरोना के चलते इस बार मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही है. ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर में सिलेबस फंसा है. एक तरफ शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस से सिलेबस कंप्लीट हो गया है वहीं, छात्रों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन क्लास का कोई फायदा नहीं हुआ. कोरोना की वजह से इस बार छात्रों की सहूलियत को देखते हुए झारखंड में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में 40 फीसदी सिलेबस कम कर दिया गया है, लेकिन, विद्यार्थी परीक्षा को लेकर कितने तैयार हैं. इसकी जानकारी या रिकॉर्ड शिक्षकों के पास भी नहीं है.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: मैट्रिक और इंटर परीक्षा को लेकर JAC की विशेष बैठक, प्रधानाध्यापकों को दिया गया निर्देश

ऑफलाइन सिलेबस कंप्लीट करने को लेकर असमंजस

कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए झारखंड में दिसंबर से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए, लेकिन, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम है. ऑफलाइन क्लास का रिस्पॉन्स स्कूल प्रबंधकों को सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है. स्कूल प्रबंधन की तरफ से ऑनलाइन कोर्स कंप्लीट करने का दावा है, लेकिन, ऑफलाइन क्लास में काफी सिलेबस बचा है.

क्लास में छात्रों का नहीं आना भी स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय है. स्कूल प्रबंधकों की तरफ से छात्रों और अभिभावकों को स्कूल आने को लेकर रिमाइंडर भेजा जा रहा है. इसके बावजूद कोविड के डर की वजह से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. मई से परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में मई से पहले कोर्स कंप्लीट होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति है.

तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं बच्चे

शिक्षक इस बात को स्वीकार कर रहे हैं भले ही ऑनलाइन तरीके से 60 फीसदी सिलेबस के तहत कोर्स कंप्लीट करा दिया गया हो लेकिन, बच्चों की जैसी तैयारी होनी चाहिए वैसी नहीं है. ऑनलाइन पठन-पाठन के तहत पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए टेलीविजय के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जा रही थी.

छात्रों को सिलेबस की जानकारी टीवी के जरिए दी जा रही थी. ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा लरनेटिक ऐप के जरिए छात्रों को स्टडी मैटेरियल पहुंचाया जा रहा था. विद्यार्थियों की मानें तो लगातार ऑनलाइन क्लासेस करने के बावजूद परीक्षा से संबंधित विषयों को समझने में काफी दिक्कत हुई. टीवी प्रसारण से भी कोई फायदा नहीं मिला.

साइंस के छात्रों को प्रैक्टिकल न होने से भी काफी दिक्कत हुई. छात्रों का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद चीजें थोड़ी सामान्य जरूर हुईं हैं, लेकिन, अभी काफी सिलेबस बचा है. स्कूल जाने वाले छात्रों का कहना है कि उनके कई साथी घर में रहकर ही तैयारी कर रहे हैं, लेकिन, हकीकत यही है कि कोरोना की वजह से छात्रों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हुई और ज्यादातर छात्र अपनी तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं.

Last Updated : Feb 13, 2021, 2:56 PM IST
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