रांची: 60:40 नियोजन नीति के विरोध में झारखंड बंद को सफल बनाने के लिए राज्य भर के छात्र सड़क पर उतर आए हैं. अलग-अलग जिलों में चिलचिलाती धूप में सैकड़ों छात्र बंद को सफल बनाने में जुटे हैं. किसी जिले में बंद का अच्छा खासा असर दिखने को मिल रहा है, तो कहीं पूरी सामान्य स्थिति बनी हुई है.
दुमका में बंद का व्यापक असर: खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग और 60-40 के फार्मूले के विरोध में दुमका में बंद का व्यापक असर दिख रहा है. भीषण गर्मी के बाद भी छात्र अपनी मांग को लेकर सड़कों पर हैं. छात्रों ने लगभग दुमका के सभी सड़कों को जाम कर दिया है. फूलो झानो चौक पर सैकड़ों छात्र बैठे हुए हैं. इससे साहिबगंज-गोविंदपुर मार्ग में आवागमन पुरी तरह से बाधित हो गया है. वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. बंद का नेतृत्व कर रहे छात्र नेताओं ने कहा कि यह बंद छात्रों के आंदोलन का आगाज है. सरकार को हम लोगों की बात माननी होगी. अगर सरकार नहीं चेतेगी तो आने वाले समय में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी.
पलामू में खुले रहे बाजार, रोड पर नहीं उतरे छात्र: छात्र संगठनों के बंद का पलामू प्रमंडल में असर नहीं देखा गया. बाजार सामान्य तरीके से खुले रहे और जनजीवन सामान्य रहा. बंद का पलामू प्रमंडल के तीनों जिले पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में कोई असर नहीं देखा गया. मंगलवार को छात्र संगठन मशाल जुलूस निकालने वाले थे, लेकिन पलामू प्रमंडल में मशाल जुलूस नहीं निकला. वहीं बुधवार को बंद को सफल बनाने के लिए ना कोई छात्र संगठन सड़क पर उतरा और ना ही कोई छात्र सड़क पर नजर आए. पलामू से रांची समेत अन्य इलाकों में जाने वाली बसों का परिचालन भी सामान्य रहा. गढ़वा के इंटर स्टेट बस स्टैंड से बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ के लिए बसों का परिचालन सामान्य रहा. पलामू से हजारीबाग जाने वाली बसों का ही परिचालन सिर्फ आंशिक रूप से प्रभावित हुई है. बंद को देखते हुए नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के साथ रेलवे की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
पाकुड़ में सड़क जाम: छात्र संगठनों ने आज पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया और हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सड़क जाम के कारण खासकर यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. सड़क पर बैठे आंदोलनकारी नयी नियोजन नीति को रद्द करने, 60/40 के फार्मूले को खत्म करने, झारखंड के खतियानी को रोजगार देने, आदिवासी मूलवासियों के साथ धोखाधड़ी बंद करने की और बाहरी लोगों को बढ़ावा नही देने की मांग कर रहे थे. आंदोलनकारियों ने पूरे शहर का भ्रमण किया और बाजार को भी बंद कराया. सड़क जाम की वजह से पाकुड़ से दूसरे जिले जाने वाली सभी बस सेवा बाधित रही. इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. कड़ी धूप और गर्मी के बावजूद आदिवासी छात्र छात्राएं पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क पर बैठे रहें.
धनबाद में बंद का मिलाजुला असर: नियोजन नीति 60-40 के विरोध में छात्र संगठन के झारखंड बंद का असर धनबाद में भी देखा जा रहा है. छात्र संगठन के लोग सड़क पर उतर दुकानो को बंद करा रहे हैं. वहीं निजी और लंबी दूरी की बसें नहीं चलाई गई. धनबाद रांची मुख्य मार्ग के पुटकी में छात्र संगठन टायर जला विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मुख्य सड़क को बैरिकेडिंग लगा कर पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है. वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस गश्ती लगा रही है.
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जमशेदपुर में करनडीह चौक जाम: झारखंड बंद के तहत जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम स्टूडेंट यूनियन के द्वारा करनडीह चौक जाम कर दिया गया, जिससे टाटा चाईबासा हाता मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप्प पड़ गया. शहर में कई इलाकों में दुकान और बाजार भी बंद रहें. बंद के मद्देनजर शहर में जगह-जगह पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेताओं ने कहा कि सरकार को नई नियोजन नीति में बदलाव करना होगा. सरकार शीशे से पत्थर तोड़ने का काम ना करे.
सरायकेला में जेसीबी लगाकर सड़क जाम: वर्तमान नियोजन नीति के विरोध में टोल ब्रिज मुख्य सड़क के सामने सुबह सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने 60-40 नाय चलतो नारे के साथ अपना विरोध जताया. सुबह-सुबह सड़क जाम होने से घंटों यातायात प्रभावित रहा. इधर, मौके पर पहुंची आदित्यपुर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने बुझाने का काम किया. बावजूद इसके छात्र सड़क जाम पर अड़े रहें. इसके अलावा गम्हरिया दुर्गा पूजा मैदान के पास बंद समर्थकों ने सड़क पर जेसीबी खड़ा कर दिया, जिससे सड़क पूरी तरह जाम हो गया. बड़ी संख्या में छात्रों के साथ महिला और पुरुषों ने भी बंद का समर्थन किया. घंटों सड़क जाम रहने पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. जिसमें ड्यूटी जाने वाले लोग सर्वाधिक परेशान रहें. बाद में पुलिस द्वारा समझाने पर प्रदर्शनकारी माने और सड़क जाम हटाया.