रांची: अगर इंसान में अपने लक्ष्य को पाने का जुनून हो तो वह विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है. कुछ ऐसे ही लक्ष्य को अपने जुनून से साकार किया है रामगढ़ के रहने वाले दिवस नायक ने. दिवस नायक पेशे से एक चित्रकार और एक बेहतरीन गायक हैं. उन्होंने देश के बड़े टीवी शोज में भी अपने परफॉर्मेंस से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. दिवस नायक अपनी उंगलियों के जादू से रास्ते से गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति की तस्वीर बनाने का हुनर रखते हैं.
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रामगढ़ निवासी दिवस नायक एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. उन्हें बचपन से ही पेंटिंग और गाने का शौक था. लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी पारिवारिक समस्याओं को अपने शौक के आड़े नहीं आने दिया.
दिवस नायक बताते हैं कि उन्होंने देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में शुमार जेजे कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपनी सफलता की कहानी सुनाते हुए कहा कि उनके पास कॉलेज में पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे. लेकिन उन्हें पेंटिंग और गायन में सफलता हासिल करने का जुनून था. इसी जुनून के चलते उन्होंने सबसे पहले उसी कॉलेज की कैंटीन में काम करने का फैसला किया और फिर धीरे-धीरे उसी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. फिर वहीं से कला का ज्ञान भी हासिल किया.
मोरहाबादी मैदान में दुकान लगा बनाते हैं लोगों की तस्वीर: लॉकडाउन के बाद वह झारखंड लौट आए और झारखंड में अपनी कला के माध्यम से लोगों को शिक्षित करना शुरू कर दिया. इसके अलावा वह रांची के मोरहाबादी मैदान के पास अपनी दुकान लगाते हैं और लोगों की फरमाइश पर उनकी तस्वीरें बनाते हैं. उन्हें चित्र बनाने के बदले जीविका चलाने के लिए पारिश्रमिक के रूप में कुछ पैसे मिल जाते हैं.
दिवस नायक की मदद कर रहे उनके सहयोगी सुबोध कुमार कहते हैं कि आजकल लोग पेंटिंग जैसी कला के प्रति जागरूक नहीं हैं. क्योंकि लोगों को लगता है कि पेंटिंग में इससे बेहतर कोई भविष्य नहीं है. ऐसे में दिवस नायक जैसे कलाकार मिसाल हैं कि वे आज भी पूरी सादगी के साथ लोगों के बीच पेंटिंग पेश कर रहे हैं. इसलिए दिवस नायक जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है.
सरकारी मदद की आस: वहीं दिवस नायक के पास अपना चित्र बनवाने आए शेखर चंद्र ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से इस युवा लड़के को पेंटिंग करते हुए देख रहे थे. दिवस नायक की उत्कृष्ट चित्रकारी कला को देखकर उन्होंने अपनी बेटी का चित्र बनवाया, जिसे वह उसके जन्मदिन पर उपहार स्वरूप देंगे. दिवस नायक की यह कलाकृति लोगों को खूब पसंद आती है, लेकिन दिवस नायक ने कहा कि अगर उन्हें सरकारी स्तर पर मदद दी जाए तो वह राज्य के उन युवाओं को प्रशिक्षण और जानकारी दे सकेंगे जो कला में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं.
हुनरमंद दिवस नायक की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसलिए वह मोरहाबादी के पास सड़क पर बैठकर काम करने को मजबूर हैं. यदि उन्हें संसाधन मुहैया कराया जाए तो वे निश्चित ही कला के क्षेत्र में राज्य के युवाओं को बेहतर दिशा दिखा सकेंगे.