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अफीम की खेती करने वालों पर अब IB की नजर, पुलिस मुख्यालय ले रहा संज्ञान

अफीम की खेती पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया है. इस तरह के कार्य में संलिप्त लोगों पर अब आईबी नजर रख रही है. आईबी ने चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र में अफीम की खेती करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है.

Strict action now on poppy cultivation in jharkhand
अफीम की खेती
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Published : Jan 3, 2020, 7:16 AM IST

रांची: अफीम की खेती करने वाले अब इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की रडार पर हैं. आईबी ने चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र में अफीम की खेती करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है. जिसके बाद मुख्यालय के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने चतरा एसपी को अफीम की खेती करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

देखें पूरी खबर

क्या है रिपोर्ट में

आईबी के रिपोर्ट के मुताबिक, चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र के भूरा गांव के आदित्य यादव और सुरेश यादव ने 5 से 7 एकड़ वन क्षेत्र की जमीन पर अफीम की खेती की है. वहीं आईबी को चतरा सदर थाना क्षेत्र के कारी गांव में भी 4 से 5 एकड़ जमीन में योगेंद्र गंझू के खेती करने की सूचना है. आईबी के रिपोर्ट के आधार पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने चतरा एसपी अखिलेश बेरियर को अफीम की खेती नष्ट करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पूरे मामले में कार्रवाई के लिए एडीजी अभियान और हजारीबाग रेंज के डीआईजी पंकज कंबोज को भी पत्राचार किया गया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए नहीं मिला समय, मैं ठीक से राज्य को समझ भी नहीं पाया: ओम प्रकाश माथुर

नक्सलियों की आमदनी का जरिया है अफीम की खेती

राज्य पुलिस की विशेष शाखा के रिपोर्ट के मुताबिक, अफीम से नक्सली संगठनों को मोटी कमाई होती है. नक्सली संगठन किसानों को अफीम की खेती करवाते है और उससे मोटी रकम कमाते हैं. अधिकांश खेती वन भूमि पर की जाती है. अफीम की फसल तैयार होने के बाद इसे यूपी, पंजाब और नेपाल के बाजारों में बेचा जाता है. इसके जरिए नक्सलियों को काफी कमाई होती है.

रांची: अफीम की खेती करने वाले अब इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की रडार पर हैं. आईबी ने चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र में अफीम की खेती करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है. जिसके बाद मुख्यालय के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने चतरा एसपी को अफीम की खेती करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

देखें पूरी खबर

क्या है रिपोर्ट में

आईबी के रिपोर्ट के मुताबिक, चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र के भूरा गांव के आदित्य यादव और सुरेश यादव ने 5 से 7 एकड़ वन क्षेत्र की जमीन पर अफीम की खेती की है. वहीं आईबी को चतरा सदर थाना क्षेत्र के कारी गांव में भी 4 से 5 एकड़ जमीन में योगेंद्र गंझू के खेती करने की सूचना है. आईबी के रिपोर्ट के आधार पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने चतरा एसपी अखिलेश बेरियर को अफीम की खेती नष्ट करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पूरे मामले में कार्रवाई के लिए एडीजी अभियान और हजारीबाग रेंज के डीआईजी पंकज कंबोज को भी पत्राचार किया गया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए नहीं मिला समय, मैं ठीक से राज्य को समझ भी नहीं पाया: ओम प्रकाश माथुर

नक्सलियों की आमदनी का जरिया है अफीम की खेती

राज्य पुलिस की विशेष शाखा के रिपोर्ट के मुताबिक, अफीम से नक्सली संगठनों को मोटी कमाई होती है. नक्सली संगठन किसानों को अफीम की खेती करवाते है और उससे मोटी रकम कमाते हैं. अधिकांश खेती वन भूमि पर की जाती है. अफीम की फसल तैयार होने के बाद इसे यूपी, पंजाब और नेपाल के बाजारों में बेचा जाता है. इसके जरिए नक्सलियों को काफी कमाई होती है.

Intro:अफीम की खेती करने वाले आईबी के रडार पर,चतरा में करवाई के लिए आईजी अभियान ने लिखा एसपी को पत्र

रांची।
चतरा में अफीम की खेती करने वाले इंटेलीजेंस ब्यूरो(आईबी) की रडार पर हैं। आईबी ने चतरा के सदर और कुंदा थाना क्षेत्र में अफीम की खेती करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है। जिसके बाद मुख्यालय के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने चतरा एसपी को अफीम की खेती करने वालों पर कार्रवाई के लिए लिखा है। वहीं पूरे मामले में एक्शन टेकर रिपोर्ट डीजीपी कार्यायल भेजने का आदेश चतरा एसपी को दिया है।

क्या है रिपोर्ट में
आईबी के रिपोर्ट के मुताबिक, चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र के भूरा गांव के आदित्य यादव और सुरेश यादव के द्वारा पांच से सात एकड़ जमीन में वन क्षेत्र में खेती की गई है। वहीं आईबी को चतरा सदर थाना क्षेत्र के कारी गांव में भी चार से पांच एकड़ जमीन में योगेंद्र गंझू के द्वारा खेती किए जाने की सूचना है। आईबी के रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुलिस मुख्यालय ने चतरा एसपी अखिलेश बेरियर को अफीम की खेती नष्ट करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। पूरे मामले में कार्रवाई के लिए एडीजी अभियान और हजारीबाग रेंज के डीआईजी पंकज कंबोज से भी पत्राचार किया गया है।

नक्सलियों की कमायी का जरिए है अफीम

राज्य पुलिस की विशेष शाखा के रिपोर्ट के मुताबिक, अफीम से नक्सली संगठनों को मोटी कमायी होती है। नक्सली संगठन किसानों को अफीम की खेती करवाते है। अधिकांश खेती वन भूमि पर की जाती है। अफीम की फसल तैयार होने के बाद इसे यूपी, पंजाब और नेपाल के बाजार में बेचा जाता है। इसके जरिए नक्सलियों को काफी कमायी होती है।

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