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रांची में रोज 300 लोगों को काट रहे आवारा कुत्ते, विधानसभा परिसर में भी दहशत में माननीय - government should call the people of Nagaland

झारखंड में आवारा और पागल कुत्ते परेशानी का सबब बन गए हैं. सदन में इनके कहर की गूंज सुनाई दी. सफाये के लिए बात नागालैंड तक पहुंच गई.

havoc of stray dogs echoed in the House
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Published : Mar 1, 2023, 8:25 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 9:14 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र 2023 में प्रश्नकाल के दौरान आज आवारा कुत्तों के कहर का मामला उठा. भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि आवारा और पागल कुत्तों के आतंक का मामला बढ़ गया है. डॉग बाइट के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राजधानी रांची में हर दिन 300 से ज्यादा मरीज डॉग बाइट सेंटर पहुंच रहे हैं. लेकिन अफसोस की बात है कि बोकारो जैसे शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक गाड़ी की भी व्यवस्था नहीं है. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि हर जिले में डॉग स्क्वायड का गठन होना चाहिए. आश्चर्य की बात है कि बोकारो जैसे शहर में एंटी रेबीज की व्यवस्था नहीं है. रांची में सिर्फ 73 पेट लवर ने लाइसेंस ले रखा है. देश में हर साल औसतन 20 हजार से ज्यादा लोगों की डॉग बाइट की वजह से मौत होती है.

ये भी पढ़ें: Bicycle sharing system: विधानसभा में उठा साइकिल शेयरिंग सिस्टम का मुद्दा, BJP विधायक ने कहा- बिना स्पेशल ट्रैक के बेकार है योजना

बिरंची नारायण ने कहा कि अगर सरकार इस समस्या का हल नहीं निकाल पा रही है तो नागालैंड से लोगों को बुला लेना चाहिए. इस पर हस्तक्षेप करते हुए मांडर से कांग्रेस विधायक नेहा तिर्की ने कहा कि ऐसा कहना नागालैंड के लोगों का अपमान है. लिहाजा विरंची नारायण को माफी मांगनी चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि वह बोकारो में टीम भिजवाकर आवारा कुत्तों को पकड़ने और टीका लगाने की व्यवस्था कराएं. उन्होंने बताया कि पालतू जानवरों को पालने का लाइसेंस नगर निगम नहीं बल्कि पशुपालन विभाग जारी करता था.

खास बात है कि यह सवाल इस कदर गरमाया कि कई माननीयों ने पूरक सवाल पूछे. भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि उन्होंने रांची नगर निगम को अपने विधायक फंड से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक गाड़ी खरीद कर दी है. भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह गंभीर मसला है. राज्य में औसतन 50 लोगों की मौत डॉग बाइट के कारण होती है. रांची में तीन लोगों की मौत सालाना होती है. उन्होंने इस पर मुआवजा पॉलिसी भी बनाने की मांग की.

वहीं नीरा यादव ने कहा कि उन्होंने विधानसभा परिसर में भी चार-पांच आवारा कुत्तों को घूमते देखा है. इस पर स्पीकर ने कहा कि यह गंभीर विषय है. इसलिए माननीय चिंतित हैं. इसलिए सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार इसको गंभीरता से लेकर हर जगह अभियान चलाएगी. इसी बीच जमुना विधायक मथुरा महतो ने कहा कि धनबाद के लोग बहुत परेशान हैं. आवारा कुत्तों को बोकारो में पकड़ा जाता है और धनबाद में लाकर छोड़ दिया जाता है.

सरकार की ओर से बताया गया कि रांची नगर निगम के सभी वार्ड में आवारा और पागल कुत्तों के प्रजनन दर पर नियंत्रण के लिए मेसर्स होप एंड एनिमल ट्रस्ट अभियान चलाता है. हर दिन 10 से 15 कुत्तों का बंध्याकरण और वैक्सीनेशन होता है. चास, गिरिडीह, धनबाद और देवघर नगर निगम भी कार्रवाई हो रही है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जमशेदपुर, हजारीबाग और आदित्यपुर में एजेंसी का चयन प्रक्रियाधीन है.

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र 2023 में प्रश्नकाल के दौरान आज आवारा कुत्तों के कहर का मामला उठा. भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि आवारा और पागल कुत्तों के आतंक का मामला बढ़ गया है. डॉग बाइट के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राजधानी रांची में हर दिन 300 से ज्यादा मरीज डॉग बाइट सेंटर पहुंच रहे हैं. लेकिन अफसोस की बात है कि बोकारो जैसे शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक गाड़ी की भी व्यवस्था नहीं है. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि हर जिले में डॉग स्क्वायड का गठन होना चाहिए. आश्चर्य की बात है कि बोकारो जैसे शहर में एंटी रेबीज की व्यवस्था नहीं है. रांची में सिर्फ 73 पेट लवर ने लाइसेंस ले रखा है. देश में हर साल औसतन 20 हजार से ज्यादा लोगों की डॉग बाइट की वजह से मौत होती है.

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बिरंची नारायण ने कहा कि अगर सरकार इस समस्या का हल नहीं निकाल पा रही है तो नागालैंड से लोगों को बुला लेना चाहिए. इस पर हस्तक्षेप करते हुए मांडर से कांग्रेस विधायक नेहा तिर्की ने कहा कि ऐसा कहना नागालैंड के लोगों का अपमान है. लिहाजा विरंची नारायण को माफी मांगनी चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि वह बोकारो में टीम भिजवाकर आवारा कुत्तों को पकड़ने और टीका लगाने की व्यवस्था कराएं. उन्होंने बताया कि पालतू जानवरों को पालने का लाइसेंस नगर निगम नहीं बल्कि पशुपालन विभाग जारी करता था.

खास बात है कि यह सवाल इस कदर गरमाया कि कई माननीयों ने पूरक सवाल पूछे. भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि उन्होंने रांची नगर निगम को अपने विधायक फंड से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक गाड़ी खरीद कर दी है. भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह गंभीर मसला है. राज्य में औसतन 50 लोगों की मौत डॉग बाइट के कारण होती है. रांची में तीन लोगों की मौत सालाना होती है. उन्होंने इस पर मुआवजा पॉलिसी भी बनाने की मांग की.

वहीं नीरा यादव ने कहा कि उन्होंने विधानसभा परिसर में भी चार-पांच आवारा कुत्तों को घूमते देखा है. इस पर स्पीकर ने कहा कि यह गंभीर विषय है. इसलिए माननीय चिंतित हैं. इसलिए सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार इसको गंभीरता से लेकर हर जगह अभियान चलाएगी. इसी बीच जमुना विधायक मथुरा महतो ने कहा कि धनबाद के लोग बहुत परेशान हैं. आवारा कुत्तों को बोकारो में पकड़ा जाता है और धनबाद में लाकर छोड़ दिया जाता है.

सरकार की ओर से बताया गया कि रांची नगर निगम के सभी वार्ड में आवारा और पागल कुत्तों के प्रजनन दर पर नियंत्रण के लिए मेसर्स होप एंड एनिमल ट्रस्ट अभियान चलाता है. हर दिन 10 से 15 कुत्तों का बंध्याकरण और वैक्सीनेशन होता है. चास, गिरिडीह, धनबाद और देवघर नगर निगम भी कार्रवाई हो रही है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जमशेदपुर, हजारीबाग और आदित्यपुर में एजेंसी का चयन प्रक्रियाधीन है.

Last Updated : Mar 1, 2023, 9:14 PM IST
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