रांची: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में रुचि रखने वाले सरकारी स्कूलों के नौनिहाल अब अपनी कल्पना को उड़ान दे सकेंगे, जिसका माध्यम स्टेम लैब्स बनेगा. राज्य सरकार ने जिले के कई प्रखंडों में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रयोगशाला स्थापित करने का लेकर निर्णय लिया है.
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माना जाता है कि 21वीं सदी विज्ञान और तकनीक की सदी है. यही वजह है कि छात्रों को विज्ञान, तकनीक और गणित की बारीकियों से अवगत कराने और क्लास में प्राप्त ज्ञान को वास्तविक जीवन में उतारने के लिए राजधानी रांची के कुछ प्रखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्टेम प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं. परियोजना विशेष रूप से उन बच्चों पर केंद्रित है, जिनकी गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में रुचि है. झारखंड के सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने के लक्ष्य को परिलक्षित करने की दिशा में सरकार का यह दूसरा कदम है. सरकार का मानना है कि परियोजना से न सिर्फ सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को नई दिशा मिलेगी, बल्कि छात्रों के लिए यह अपनी सोच को आकार देने में भी सहायक होगा. यह लैब संबंधित प्रखंडों के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए होगी. प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम के बाद राज्य के सभी प्रखंडों में समान रूप से स्टेम लैब की स्थापना की योजना है.
क्या है स्टेम लैब
स्टेम, एजुकेशन सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस सिस्टम से विज्ञान, तकनीक और गणित के विषय को विद्यार्थियों की योग्यता और रुचि के अनुसार रोचक तरीके से सिखाया जाता है. रांची में शुरू किए गए स्टेम लैब्स विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने में बच्चों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो सकता है. भारत में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली अभी भी पुस्तकों पर केंद्रित है, जबकि, पुस्तकों के अतिरिक्त बच्चों को विषय का व्यावहारिक ज्ञान देना भी आवश्यक है. यही कार्य स्टेम लैब करता है. बच्चों को एक मंच मिलता है, जहां वे अपनी सोच को सामने ला सकते हैं.
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विश्वस्तरीय शिक्षा की पहल
स्टेम एजुकेशन सिस्टम के तहत स्कूलों के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले विषय से संबंधित विभिन्न प्रादर्श से लैब को सुसज्जित किया गया है. पिनहोल कैमरा, एलईडी-आधारित हार्ट, आई मॉडल, ईयर मॉडल, इन्फिनिटी वॉल, विभिन्न माध्यमों की ध्वनि, सोलर सिस्टम, हैंड पंप, सौर ऊर्जा प्रणाली, हाइड्रो टर्बाइन, मोटर मॉडल, सेंसर सेटअप, जेनरेटर, न्यूटन के गति के नियम, जैव विविधता, विभिन्न प्रकार के रोबोट, प्रोजेक्टर, टैब, इंटरएक्टिव कम्प्यूटिंग डिवाइस आदि के प्रारुप लगाये गए हैं, ताकि लैब में स्थापित इनकी मदद से छात्रों को खुद कुछ करने की प्रेरणा मिले और उनके सोचने की क्षमता को विकसित किया जा सके.