रांचीः किसान को देश का जीवन रेखा माना जाता है. किसी भी देश के विकास उसके कृषि क्षेत्र के विकास के बिना अधूरा है. लेकिन बीते कुछ सालों से मौसम की बेरुखी के कारण किसानों को पारंपरिक खेती से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि किसान इस बार खेती से थोड़े मायूस नजर आ रहे हैं. इस बार भी मानसून ने किसानों के साथ बेईमानी कर 15 दिन देरी से प्रवेश किया.
प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कई सारी योजनाएं चला रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को उच्च तकनीक से खेती करने के गुर सीखाने के लिए इजराइल तक भेजने का काम कर चुकी है. किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए 4 पहलुओं का उल्लेख किया था. जिनमें कच्चे माल की लागत कम, उपज की उचित मूल्य सुनिश्चित करना, फसलों की बर्बादी रोकना और आमदनी के वैकल्पिक स्रोत सृजित करने पर विशेष जोर दिया था.
कृषि एवं विकास कल्याण मंत्रालय के बजट अनुमानों का वर्षवार विवरण
बजट अनुमान (करोड़ में)
⦁ 2014-15 -31542.95
⦁ 2015-16- 25460.51
⦁ 2016-17- 45035.20
⦁ 2017-18- 51576.00
⦁ 2018-19- 58080.00
⦁ कुल-- 211694.66
कृषि विभाग के समेति निदेशक सुभाष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य से कई कल्याणकरी योजनाएं चला रही हैं. जिससे किसानों की आय दुगनी की जा सके. सरकार किसानों के लिए मत्स्य पालन, गव्य पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन पर विशेष जोर दे रही है. जिसके तहत किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रस्तावित योजना
योजना का नाम- बजट उपबंध राशि (लाख)- प्रस्तावित योजना राशि (लाख)
1. उद्यान विकास योजना- 7500.00- 7500.00
2. जैविक खेती हेतु वृत्त एवं कृषि अपशिष्ट कल्चर का उत्पादन एवं उपयोग जिला स्तर से कार्यन्वित- 8000.00- 3000.00
3. राज्य बागवानी मिशन गैर कार्यान्वित जिला- 2000.00- 2000.00
4. मिट्टी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन की योजना-100.0-100
5. राष्ट्रीय बागवानी मिशन MIDH- 6250.00- 6250.00
योग- 23850.00-18850.00
प्रगतिशील किसान नकुल महतो का कहना है कृषि क्षेत्र में इस तरह चौमुखी विकास किया जाए कि कृषि उत्पादन के भंडारों के साथ किसान की आय भी बढ़े. किसान को खेती के साथ-साथ अन्य चीजों में किस तरह से अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं, इस ओर भी ध्यान देना होगा. राज्य में कृषि मित्र से लेकर कृषि मंत्री तक है लेकिन योजनाओं को लेकर अधिकारियों का तालमेल नहीं होने के कारण योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पाती. ये सिर्फ फाइलों में दब जाती हैं. किसान कहते हैं कि
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सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, जैसे पारंपरिक खेती के अलावा मत्स्य पालन, पशु पालन, बकरी पालन, सूकर पालन जैसी योजनाएं है लेकिन इन योजनाओं का लाभ किसानों तक सीधा नहीं पहुंच पा रहा है.
किसान कहते हैं कि सब्जी उत्पादन में किसानों को 3 महीने का समय लगता है, लेकिन कई क्षेत्रों में पानी की समस्या होने के कारण किसान पूरे साल भर सब्जी की खेती नहीं कर पाते. ऐसे में किसानों को प्रशिक्षण देकर पारंपरिक खेती के अलावा अन्य खेती में लाने के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है.