रांची: राज्य के गरीब नागरिकों और किसानों पर से बिजली के बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने ऐसे प्रत्येक परिवारों को मासिक 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की थी. योजना के तहत इस मद में बिजली बिल का भुगतान राज्य सरकार द्वारा ही किया जाएगा. इस योजना से किसानों को भी सिंचाई की सुविधा में राहत देने की बात कही गई है. झारखंड फ्री बिजली योजना से राज्य के 33 लाख गरीब नागरिक और किसानों को सीधा लाभ पहुंचने की संभावना है. इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल की राशि में अतिरिक्त भार को कम करने के लिए 1800 करोड़ की बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया था जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022- 23 में विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है.
100 यूनिट बिजली फ्री पर सियासत जारी: सरकार द्वारा घोषणा अनुरूप अब तक 100 यूनिट बिजली फ्री नहीं दिये जाने पर सवाल उठने लगे हैं. विभागीय अधिकारी हाई लेवल मैटर बताते हुए पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं. जेबीवीएनएल महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव से जब यह पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राजस्व बढ़ाना है इसके तहत 400 यूनिट से अधिक खपत होने पर ऐसे उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा.100 यूनिट फ्री बिजली योजना अब तक शुरू नहीं होने के सवाल पर उन्होंने हाई लेवल मैटर बताते हुए कुछ भी बोलने पर विवशता जाहिर की.
इधर 100 यूनिट बिजली फ्री को लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह सिर्फ और सिर्फ घोषणाओं की सरकार है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सरकार की वादाखिलाफी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सरकार जनता पर बोझ डालने वाली सरकार है. इधर बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में सरकार विचार कर रही है और जल्द ही जनता को घोषणा अनुरूप राहत मिलेगी. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने बीजेपी को जनता से पूर्व में किये वादे को याद करने की सलाह देते हुए कहा कि इन वजहों से जनता आज भी ठगा हुआ महसूस कर रही है.
बहरहाल दिल्ली के तर्ज पर चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में 100 यूनिट फ्री बिजली देने की सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने घोषणा तो कर दी मगर इसे लागू करना ही भूल गई है. ऐसे में नाराज जनता को उम्मीद है कि देर सवेर जरूर यह लागू होगा.