रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्तमान परिस्थिति अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश अजीबो-गरीब स्थिति से गुजर रहा है. इससे बहुत ही संभलकर और सूझबूझ के साथ पार करना होगा. आवेश में और तैश में अक्सरहां गलतियां हो जाती हैं. ये शहर जंग का मैदान नहीं है इसलिए मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए हमें हरेक कदम बढ़ाने की आवश्यकता है.
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झारखंड मंत्रालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाकर रखने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम सभी को अभी के समय कहीं ना कहीं से विचलित करनेवाली खबरें मिलेंगी जिसमें कोई ना कोई हिडेन एजेंडा छिपा हुआ रहता है. हमें इसे देखने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने मौजूदा परिस्थिति में देश की संविधान को बचाने पर जोर दिया.
मुख्यमंत्री लगातार केंद्र पर उठा रहे हैं सवाल: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने बयान से एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. हालांकि मुख्यमंत्री भाजपा और केन्द्र का नाम लेने से परहेज करते दिखे. इससे पहले भी कई ऐसे मौके आये हैं जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्र के खिलाफ मुखर होकर हमला बोलते आये हैं. चाहे वो झारखंड की बकाया कोल रॉयल्टी का मामला हो या डीवीसी बिजली बकाया राशि को केंद्र द्वारा मनमाने तरीके से वसुले जाने का मुद्दा हो.
हाल ही में बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग के द्वारा ऑफिस ऑफ प्रोफिट के मामले में घिरे हेमंत सोरेन इसे केंद्र की साजिश मानकर संवैधानिक संस्थाओं के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाकर केंद्र पर हमला बोलते रहे हैं. बहरहाल मुख्यमंत्री का देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने का आह्वान कहीं ना कहीं इस ओर इशारा कर रहा है कि परिस्थितियां भले ही विकट हो मगर वे हिम्मत हारने वाले नहीं हैं और इसका डटकर मुकाबला करेंगे.