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राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक, राष्ट्रीय एकता दिवस पर 141 बंदियों को रिहा करने पर बनी सहमति

रांची में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक हुई, जिसमें 141 कैदियों को जेल से रिहाई करने का निर्णय लिया गया. यह बैठक मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में की गई.

राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक
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Published : Oct 31, 2019, 11:20 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 11:58 PM IST

रांची: झारखंड के जेलों में उम्र कैद की सजा काट चुके विभिन्न जिलों से 141 बंदियों को जल्द ही जेल से आजादी मिल जाएगी. राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर इन बंदियों को रिहा किया जाएगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

सजा काट चुके बंदियों को भी जीने का हक
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सजा काट चुके बंदियों को भी सामान्य जिंदगी जीने का पूरा हक है, उन्होंने जाने-अनजाने जो गलती की थी, उसकी सजा उन्हें मिल गई है, अब उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना समाज के हर व्यक्ति का काम है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जीये यह हक उसे हमारा संविधान प्रदान करता है.

इसे भी पढ़ें:- CM ने किया टेक्सटाइल यूनिट का शिलान्यास, कहा- युवतियों को मिलेगा रोजगार, रुकेगा पलायन

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कई सारे मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें बंदी सजा काट लेते हैं, सजा पूरी हो जाती है लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वे बरी होने से वंचित हो जाते हैं.

3 महीने में होनी चाहिए पर्षद की बैठक
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को कहा कि वे हर 3 महीने में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा करें. गुरुवार की बैठक में कुल 153 मामलों पर चर्चा की गई. एक-एक कर सभी मामलों पर विस्तार से बातचीत हुई, इसके बाद 141 बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी. बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजीपी कमल नयन चौबे, कारा महानिरीक्षक शशि रंजन समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

रांची: झारखंड के जेलों में उम्र कैद की सजा काट चुके विभिन्न जिलों से 141 बंदियों को जल्द ही जेल से आजादी मिल जाएगी. राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर इन बंदियों को रिहा किया जाएगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

सजा काट चुके बंदियों को भी जीने का हक
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सजा काट चुके बंदियों को भी सामान्य जिंदगी जीने का पूरा हक है, उन्होंने जाने-अनजाने जो गलती की थी, उसकी सजा उन्हें मिल गई है, अब उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना समाज के हर व्यक्ति का काम है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जीये यह हक उसे हमारा संविधान प्रदान करता है.

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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कई सारे मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें बंदी सजा काट लेते हैं, सजा पूरी हो जाती है लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वे बरी होने से वंचित हो जाते हैं.

3 महीने में होनी चाहिए पर्षद की बैठक
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को कहा कि वे हर 3 महीने में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा करें. गुरुवार की बैठक में कुल 153 मामलों पर चर्चा की गई. एक-एक कर सभी मामलों पर विस्तार से बातचीत हुई, इसके बाद 141 बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी. बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजीपी कमल नयन चौबे, कारा महानिरीक्षक शशि रंजन समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

Intro:राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक की, राष्ट्रीय एकता दिवस पर 141 बंदियों को रिहा करने पर बनी सहमति

झारखंड के जेलों में उम्र कैद की सजा काट चुके 141 बंधुओं को जल्द ही जेल से आजादी मिल जाएगी। राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर 141 बंदियों को रिहा किया जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है ।जल्द ही झारखंड के विभिन्न जिलों से 141 बंदियों को रिहा कर दिया जाएगा।


सजा काट चुके बंदियो को भी जीने का हक

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सजा काट चुके बंदियों को भी सामान्य जिंदगी जीने का पूरा हक़ है। उन्होंने जाने-अनजाने जो गलती की थी, उसकी सजा उन्हें मिल गई है। अब उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना समाज के हर व्यक्ति का काम है। कोई भी व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जीये यह हक उसे हमारा संविधान प्रदान करता है। उक्त बातें उन्होंने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि कई सारे मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें बंदी सजा काट लेते हैं, सजा पूरी हो जाती है लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वे बरी होने से वंचित हो जाते हैं।

3 माह में होनी चाहिए पर्षद की बैठक

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को कहा कि वे हर 3 माह में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा करें। आज की बैठक में कुल 153 मामलों पर चर्चा हुई। एक-एक कर सभी मामलों पर विस्तार से बातचीत हुई। इसके बाद 141 बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी।बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजीपी  कमल नयन चौबे, कारा महानिरीक्षक  शशि रंजन समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।Body:1Conclusion:2
Last Updated : Oct 31, 2019, 11:58 PM IST
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