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झारखंड में अवैध तरीके से प्रैक्टिस कर रहे 4 हजार से ज्यादा डॉक्टरों के खिलाफ राज्य मेडिकल बोर्ड सख्त, जारी किया जाएगा नोटिस

झारखंड में करीब 4000 डॉक्टर अवैध तरीके से प्रैक्टिस कर रहे हैं. इन डॉक्टरों ने अपना निबंधन झारखंड के बजाए दूसरे राज्यों में करा रखा है. इसे लेकर झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड ऐसे डॉक्टरों को जल्द नोटिस जारी करेगा. Doctors practicing illegally in Jharkhand

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 13, 2023, 5:43 PM IST

Doctors practicing illegally in Jharkhand
झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड
डॉक्टर के अवैध तरीके से प्रैक्टिस पर मेडिकल बोर्ड सख्त

रांची: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड अब आधुनिक चिकित्सा का इलाज करने वाले उन डॉक्टरों को नोटिस जारी करेगा, जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे राज्य में कराया है और झारखंड में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि नियम के मुताबिक, दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराने वाले ऐसे डॉक्टरों के लिए राज्य में मरीजों का इलाज करना वैध नहीं है.

यह भी पढ़ें: Sahibganj News: गलत इलाज की वजह से हुई थी नाबालिग की मौत, पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को किया गिरफ्तार

झारखंड में दूसरे राज्यों से निबंधित करीब 4000 डॉक्टर्स-डॉ बिमलेश: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ बिमलेश सिंह के मुताबिक, राज्य में करीब 14-15 हजार एलोपैथिक डॉक्टर हैं, लेकिन राज्य रजिस्ट्रेशन बोर्ड में सिर्फ 8900 डॉक्टरों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. काउंसिल को यह भी पता है कि लगभग 02 हजार डॉक्टरों ने पूर्ववर्ती एमसीआई (एनएमसी) के साथ पंजीकरण कराया है, वे राज्य में प्रैक्टिस करने के लिए वैध हैं. लेकिन 04 हजार डॉक्टर ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों के मेडिकल बोर्ड से पंजीकृत हैं.

डॉ. बिमलेश सिंह के मुताबिक यह कहीं से भी वैध नहीं है. ऐसे में कई बार मौका देने के बाद भी झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड से रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले डॉक्टरों को नोटिस भेजा जायेगा. इसके बाद भी यदि वे राज्य मेडिकल बोर्ड में निबंधन नहीं कराते हैं तो आगे की कार्रवाई की जायेगी.

डॉक्टरों को सीएमई-क्रेडिट के लिए बनेगी अलग नियमावली: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ. बिमलेश सिंह ने कहा कि काउंसिल की नई बनी नियमावली में पांच साल के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन और सीएमई-क्रेडिट का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए एनएमसी के निर्देशानुसार इसके लिए नये नियम बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. शासन से अनुमति मिलते ही यह प्रभावी हो जाएगा.

डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि सीएमई क्रेडिट का लाभ मिलने से युवा डॉक्टरों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी. झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार के मुताबिक, अब तक राज्य के डॉक्टरों को सीएमई का कोई क्रेडिट नहीं मिलता था. इससे हमारे राज्य के डॉक्टर दूसरे राज्यों के युवा डॉक्टरों से पिछड़ गये. सीएमई क्रेडिट का लाभ मिलने से राज्य के मेधावी युवाओं डॉक्टरों को भी उच्च शिक्षा के लिए बेहतर चिकित्सा संस्थानों में नामांकन लेने में आसानी होगी.

डॉक्टर के अवैध तरीके से प्रैक्टिस पर मेडिकल बोर्ड सख्त

रांची: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड अब आधुनिक चिकित्सा का इलाज करने वाले उन डॉक्टरों को नोटिस जारी करेगा, जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे राज्य में कराया है और झारखंड में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि नियम के मुताबिक, दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराने वाले ऐसे डॉक्टरों के लिए राज्य में मरीजों का इलाज करना वैध नहीं है.

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झारखंड में दूसरे राज्यों से निबंधित करीब 4000 डॉक्टर्स-डॉ बिमलेश: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ बिमलेश सिंह के मुताबिक, राज्य में करीब 14-15 हजार एलोपैथिक डॉक्टर हैं, लेकिन राज्य रजिस्ट्रेशन बोर्ड में सिर्फ 8900 डॉक्टरों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. काउंसिल को यह भी पता है कि लगभग 02 हजार डॉक्टरों ने पूर्ववर्ती एमसीआई (एनएमसी) के साथ पंजीकरण कराया है, वे राज्य में प्रैक्टिस करने के लिए वैध हैं. लेकिन 04 हजार डॉक्टर ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों के मेडिकल बोर्ड से पंजीकृत हैं.

डॉ. बिमलेश सिंह के मुताबिक यह कहीं से भी वैध नहीं है. ऐसे में कई बार मौका देने के बाद भी झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड से रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले डॉक्टरों को नोटिस भेजा जायेगा. इसके बाद भी यदि वे राज्य मेडिकल बोर्ड में निबंधन नहीं कराते हैं तो आगे की कार्रवाई की जायेगी.

डॉक्टरों को सीएमई-क्रेडिट के लिए बनेगी अलग नियमावली: झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ. बिमलेश सिंह ने कहा कि काउंसिल की नई बनी नियमावली में पांच साल के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन और सीएमई-क्रेडिट का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए एनएमसी के निर्देशानुसार इसके लिए नये नियम बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. शासन से अनुमति मिलते ही यह प्रभावी हो जाएगा.

डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि सीएमई क्रेडिट का लाभ मिलने से युवा डॉक्टरों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी. झारखंड राज्य मेडिकल बोर्ड के रजिस्ट्रार के मुताबिक, अब तक राज्य के डॉक्टरों को सीएमई का कोई क्रेडिट नहीं मिलता था. इससे हमारे राज्य के डॉक्टर दूसरे राज्यों के युवा डॉक्टरों से पिछड़ गये. सीएमई क्रेडिट का लाभ मिलने से राज्य के मेधावी युवाओं डॉक्टरों को भी उच्च शिक्षा के लिए बेहतर चिकित्सा संस्थानों में नामांकन लेने में आसानी होगी.

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