रांची: अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोईया संयोजी संघ की तरफ से 26 फरवरी को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने की तैयारी को लेकर प्रशासन की तरफ से रसोइया संयोजी संघ को अनुमति नहीं दी गई थी. रसोईया संयोजी संघ की तरफ से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए बिरसा चौक पर धरना देने की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने बिरसा चौक पर धरना पर बैठने की मजूरी नहीं दी. उन्हें धुर्वा के साईं बाबा मंदिर के पीछे फुटबॉल मैदान में धरना देने को कहा गया.
इसे भी पढ़ें-कामेश्वर बैठा का माओवादी से सांसद तक का सफर, अब कहते हैं आधुनिक भारत में हथियारबंद संघर्ष की जगह नहीं
मैदान में नहीं है कोई सुविधा
रसोइया संयोजी संघ ने प्रशासन की बात मानते हुए जब धुर्वा के साईं बाबा मंदिर के पीछे वाले मैदान में धरना पर बैठने का विचार बनाया, तो वहां पर कई तरह की समस्याएं देखने को मिली. झारखंड प्रदेश रसोईया संयोजी संघ की अध्यक्ष अनीता देवी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से चिन्हित किया गया मैदान कहीं से भी सुरक्षित नहीं है. वहां पर न तो किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाएं हैं और न ही आने जाने का रास्ता है. साथ ही साथ सुरक्षा की भी कमी है, जिसको लेकर महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
राजभवन के समक्ष आंदोलन करने को मजबूर
झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोईया संयोजी संघ ने यह निर्णय लिया है कि फिलहाल वो अपने धरना को रद्द करते हैं और सरकार से आग्रह करते हैं कि उनकी मांगों पर विचार करें, नहीं तो आने वाले समय में राजभवन के समक्ष आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. गौरतलब है कि झारखंड प्रदेश रसोईया संयोजी संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर वर्षों से आंदोलनरत है और वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन और स्थाईकरण किया जाए, ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके.