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राज्य सरकार ने जारी किया समेकित पुनरीक्षित गाइड लाइन, इंसिडेंट कमांडर्स की होगी तैनाती

झारखंड के गृह विभाग ने लॉकडाउन में सशर्त ढील दिए जाने पर एक समेकित पुनरीक्षित गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है. लॉकडाउन संबंधित सभी प्रतिवेदन सबमिट करने और एसेंशियल सप्लाईज खासकर कंटेनमेंट जोन में सुनिश्चित करने और गृह विभाग के निर्देशों के अनुपालन के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किए जाएंगे.

राज्य सरकार ने जारी किया समेकित पुनरीक्षित गाइड लाइन, इंसिडेंट कमांडर्स की होगी तैनाती
मंत्रालय
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Published : Apr 20, 2020, 10:00 PM IST

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर जारी लॉकडाउन में सशर्त ढील दिए जाने पर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र के बाद अब राज्य के गृह विभाग ने भी एक समेकित पुनरीक्षित गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है.

राज्य के गृह, कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने इस बाबत सभी उपायुक्तों सोमवार को पत्र भेजा है कि अपर समाहर्ता या अपर उपायुक्त को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही वह लॉकडाउन संबंधित सभी प्रतिवेदन सबमिट करने और एसेंशियल सप्लाईज खासकर कंटेनमेंट जोन में सुनिश्चित करने और गृह विभाग के निर्देशों के अनुपालन के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किए जाएंगे.

इंसिडेंट कमांडर्स की हो प्रतिनियुक्ति

इसके अलावा हर जिले में इंसिडेंट कमांडर्स की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. दरअसल गाइडलाइन के अनुसार ग्रामीण इलाके में हर 1-2 पुलिस थानों पर और शहरी इलाके में हर 3-4 पुलिस थानों पर एक एसडीओ या बीडीओ या स्पेशल ऑफिसर स्थानीय निकाय या समकक्ष पदाधिकारी को इंसिडेंट कमांडर के रूप में प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सभी उपविकास आयुक्त जन वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार वितरण, स्कूल मध्यान भोजन, मनरेगा इत्यादि के कार्यान्वयन के लिए नोडल पदाधिकारी होंगे. साथ ही वे गैर सरकारी संस्थाएं या कॉरपोरेट हाउसेस के साथ कोऑर्डिनेट कर रिलीफ कार्य संपादित करेंगे.

जिला से राज्य और प्रवासी मजदूरों के लिए अधिकारी हुए चिन्हित

गाइडलाइन में जिला अंतर्गत विशेष गतिविधियों के लिए पास निर्गत करने की जिम्मेदारी भी इंसीडेंट कमांडर की होगी. जबकि अंतर जिला मूवमेंट के लिए पास निर्गत करने के लिए एसडीएम को प्राधिकृत किया जाए. इस संबंध में इंसिडेंट कमांडर के प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. वहीं इंटर स्टेट मूवमेंट के लिए संबंधित इंसिडेंट कमांडर प्रतिवेदन पेश करेंगे. जिले में और प्रवासी मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए डिप्टी लेबर कमिश्नर या लेबर सुपरिटेंडेंट नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किए जाएंगे. वहीं हर जिले में एक जिला नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करेगा.

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर जारी लॉकडाउन में सशर्त ढील दिए जाने पर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र के बाद अब राज्य के गृह विभाग ने भी एक समेकित पुनरीक्षित गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है.

राज्य के गृह, कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने इस बाबत सभी उपायुक्तों सोमवार को पत्र भेजा है कि अपर समाहर्ता या अपर उपायुक्त को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही वह लॉकडाउन संबंधित सभी प्रतिवेदन सबमिट करने और एसेंशियल सप्लाईज खासकर कंटेनमेंट जोन में सुनिश्चित करने और गृह विभाग के निर्देशों के अनुपालन के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किए जाएंगे.

इंसिडेंट कमांडर्स की हो प्रतिनियुक्ति

इसके अलावा हर जिले में इंसिडेंट कमांडर्स की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. दरअसल गाइडलाइन के अनुसार ग्रामीण इलाके में हर 1-2 पुलिस थानों पर और शहरी इलाके में हर 3-4 पुलिस थानों पर एक एसडीओ या बीडीओ या स्पेशल ऑफिसर स्थानीय निकाय या समकक्ष पदाधिकारी को इंसिडेंट कमांडर के रूप में प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सभी उपविकास आयुक्त जन वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार वितरण, स्कूल मध्यान भोजन, मनरेगा इत्यादि के कार्यान्वयन के लिए नोडल पदाधिकारी होंगे. साथ ही वे गैर सरकारी संस्थाएं या कॉरपोरेट हाउसेस के साथ कोऑर्डिनेट कर रिलीफ कार्य संपादित करेंगे.

जिला से राज्य और प्रवासी मजदूरों के लिए अधिकारी हुए चिन्हित

गाइडलाइन में जिला अंतर्गत विशेष गतिविधियों के लिए पास निर्गत करने की जिम्मेदारी भी इंसीडेंट कमांडर की होगी. जबकि अंतर जिला मूवमेंट के लिए पास निर्गत करने के लिए एसडीएम को प्राधिकृत किया जाए. इस संबंध में इंसिडेंट कमांडर के प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. वहीं इंटर स्टेट मूवमेंट के लिए संबंधित इंसिडेंट कमांडर प्रतिवेदन पेश करेंगे. जिले में और प्रवासी मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए डिप्टी लेबर कमिश्नर या लेबर सुपरिटेंडेंट नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किए जाएंगे. वहीं हर जिले में एक जिला नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करेगा.

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