ETV Bharat / state

झारखंड में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की कवायद, दूसरे राज्यों पर घटेगी निर्भरता

झारखंड में इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने की कवायद शुरू की गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने उद्यमियों से राज्य में उद्योग लगाने की अपील की. वर्तमान में झारखंड में सिर्फ 5% इथेनॉल का उत्पादन होता है जबकि 95% आयात होता है.

ethanol production in Jharkhand
झारखंड में इथेनॉल का उत्पादन
author img

By

Published : Jul 27, 2021, 5:55 PM IST

रांची: झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हेमंत सरकार नई औद्योगिक नीति 2021 लाई है. इसके तहत झारखंड में पांच लाख लोगों को रोजगार और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. नई औद्योगिक नीति से राज्य में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को उद्योग विभाग द्वारा झारखंड इथेनॉल प्रोडक्शन पॉलिसी 2021 का ड्राफ्ट जारी करते हुए स्टेकहोल्डर्स मीट का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Cabinet: नई औद्योगिक नीति को मंजूरी, 6 प्रस्तावों पर लगी मुहर

95% आयात होता है इथेनॉल, उत्पादन मात्र 5%

राजधानी के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने पॉलिसी की रूपरेखा पेश की. इस दौरान उन्होंने उद्यमियों से भविष्य में इथेनॉल की बड़े पैमाने पर मांग को देखते हुए राज्य में उद्योग लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा मिलाकर 100 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी. वर्तमान में झारखंड में मात्र 5% उत्पादन है और 95% आयात पर ही निर्भरता है. अगले तीन साल में 5 से 6 प्लांट की जरूरत है जिसके लिए राज्य सरकार कई रियायत के साथ प्रोत्साहन नीति बनाई है. कार्यक्रम में आए उद्यमियों ने सरकार की इथेनॉल पॉलिसी की सराहना करते हुए कई सुझाव भी दिए.

नई औद्योगिक नीति में पांच सेक्टरों टेक्सटाइल एंड अपेरल, ऑटोमोबाइल्स, ऑटो कंपोनेंट्स एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रोफूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फार्माक्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग पर सर्वाधिक फोकस किया गया है. नई औद्योगिक नीति के तहत आठ सेक्टर स्टार्टअप एंड इक्यूबेसन सेंटर्स, शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान, हेल्थकेयर, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, ब्रुअरी एंड डिस्टीलरी को खास ध्यान रखा गया है.

5% अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी देगी सरकार

नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में पहली बार जल्द भौतिक रूप से काम शुरू करने के लिए यूनिट को पांच प्रतिशत की अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. इसी प्रकार निजी विश्वविद्यालय, मेडिकल एजुकेशन एंड हेल्थ केयर फैसिलिटी को इनसेंटिव का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही कोप्रीहेंसिव प्रोजेक्ट इंसेंटिव, स्टांप ड्यूटी रिम्बर्समेंट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन एंड रजिस्ट्रेशन में मदद सरकार की ओर से उपलब्ध होगी.

उद्योग के लिए 2015 एकड़ जमीन उपलब्ध

झारखंड में उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार के पास 2015 एकड़ जमीन उपलब्ध है जो निवेशकों को दी जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि इससे भारी भरकम निवेश होगा और उद्योगपतियों को व्यापार करने का समुचित माहौल मिलेगा.

कहां कितनी जमीन उपलब्ध ?

क्षेत्रकुल जमीनउपलब्ध
आदित्यपुर 4550889
रांची2307684
बोकारो161834
संथाल परगना1429407

*जमीन एकड़ में

इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए पर्याप्त संसाधन का दावा

सालफसलउत्पादन(लाख टन में)
2019-20ईख5.2
2019-20मक्का5.92
2020-21धान40

कहां होता है इथेनॉल का उपयोग ?

दुनिया में इथेनॉल का सर्वाधिक उपयोग ब्राजील में होता है जहां पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल का उपयोग कर 90 फीसदी गाड़ियां चलती हैं. अपने देश में महाराष्ट्र, गोवा और कई राज्यों में इथेनॉल युक्त 8% गाड़ियां पेट्रोल और 9-9.5% डीजल उपयोग में आती है. पेट्रोल में अगर इसे इस्तेमताल किया जाए तो देश को 30 हजार करोड़ वार्षिक बचत होगी. पेट्रोल, डीजल, कॉस्मेटिक, फार्मास्युटिकल, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में इथेनॉल का उपयोग होता है. 2025 तक अपने देश में 1000 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

रांची: झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हेमंत सरकार नई औद्योगिक नीति 2021 लाई है. इसके तहत झारखंड में पांच लाख लोगों को रोजगार और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. नई औद्योगिक नीति से राज्य में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को उद्योग विभाग द्वारा झारखंड इथेनॉल प्रोडक्शन पॉलिसी 2021 का ड्राफ्ट जारी करते हुए स्टेकहोल्डर्स मीट का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Cabinet: नई औद्योगिक नीति को मंजूरी, 6 प्रस्तावों पर लगी मुहर

95% आयात होता है इथेनॉल, उत्पादन मात्र 5%

राजधानी के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने पॉलिसी की रूपरेखा पेश की. इस दौरान उन्होंने उद्यमियों से भविष्य में इथेनॉल की बड़े पैमाने पर मांग को देखते हुए राज्य में उद्योग लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा मिलाकर 100 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी. वर्तमान में झारखंड में मात्र 5% उत्पादन है और 95% आयात पर ही निर्भरता है. अगले तीन साल में 5 से 6 प्लांट की जरूरत है जिसके लिए राज्य सरकार कई रियायत के साथ प्रोत्साहन नीति बनाई है. कार्यक्रम में आए उद्यमियों ने सरकार की इथेनॉल पॉलिसी की सराहना करते हुए कई सुझाव भी दिए.

नई औद्योगिक नीति में पांच सेक्टरों टेक्सटाइल एंड अपेरल, ऑटोमोबाइल्स, ऑटो कंपोनेंट्स एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रोफूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फार्माक्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग पर सर्वाधिक फोकस किया गया है. नई औद्योगिक नीति के तहत आठ सेक्टर स्टार्टअप एंड इक्यूबेसन सेंटर्स, शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान, हेल्थकेयर, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, ब्रुअरी एंड डिस्टीलरी को खास ध्यान रखा गया है.

5% अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी देगी सरकार

नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में पहली बार जल्द भौतिक रूप से काम शुरू करने के लिए यूनिट को पांच प्रतिशत की अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. इसी प्रकार निजी विश्वविद्यालय, मेडिकल एजुकेशन एंड हेल्थ केयर फैसिलिटी को इनसेंटिव का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही कोप्रीहेंसिव प्रोजेक्ट इंसेंटिव, स्टांप ड्यूटी रिम्बर्समेंट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन एंड रजिस्ट्रेशन में मदद सरकार की ओर से उपलब्ध होगी.

उद्योग के लिए 2015 एकड़ जमीन उपलब्ध

झारखंड में उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार के पास 2015 एकड़ जमीन उपलब्ध है जो निवेशकों को दी जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि इससे भारी भरकम निवेश होगा और उद्योगपतियों को व्यापार करने का समुचित माहौल मिलेगा.

कहां कितनी जमीन उपलब्ध ?

क्षेत्रकुल जमीनउपलब्ध
आदित्यपुर 4550889
रांची2307684
बोकारो161834
संथाल परगना1429407

*जमीन एकड़ में

इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए पर्याप्त संसाधन का दावा

सालफसलउत्पादन(लाख टन में)
2019-20ईख5.2
2019-20मक्का5.92
2020-21धान40

कहां होता है इथेनॉल का उपयोग ?

दुनिया में इथेनॉल का सर्वाधिक उपयोग ब्राजील में होता है जहां पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल का उपयोग कर 90 फीसदी गाड़ियां चलती हैं. अपने देश में महाराष्ट्र, गोवा और कई राज्यों में इथेनॉल युक्त 8% गाड़ियां पेट्रोल और 9-9.5% डीजल उपयोग में आती है. पेट्रोल में अगर इसे इस्तेमताल किया जाए तो देश को 30 हजार करोड़ वार्षिक बचत होगी. पेट्रोल, डीजल, कॉस्मेटिक, फार्मास्युटिकल, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में इथेनॉल का उपयोग होता है. 2025 तक अपने देश में 1000 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.