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राज्य में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य को सभी डीसी दें प्राथमिकता - मुख्य सचिव - INFRASTRUCTURE REVIEW MEETING

मुख्य सचिव ने इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य को लेकर समीक्षा बैठक की. कार्य में आ रहे रुकावटों को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए.

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झारखंड मुख्य सचिव के साथ मौजूद अधिकारी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 17 hours ago

रांचीः मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य की समीक्षा की. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्त को इसे प्राथमिकता देने को कहा है. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने प्रोजेक्ट भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी उपायुक्तों से ऑनलाइन उनके जिले में चल रहे कार्यों की समीक्षा की.

उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को प्राथमिकता देकर उनमें आ रही रुकावटों को जिला स्तर पर ही दूर करें. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कारणों से प्रोजेक्ट रुक जाते हैं. उसकी लागत भी अनावश्यक रूप से बढ़ती है. इससे रिसोर्स और राज्य दोनों का नुकसान होता है. अगर, थोड़ा सा अतिरिक्त ध्यान दिया जाए, तो जिला स्तर पर ही समस्या का समाधान हो जाएगा. इसके अलावा मुख्य सचिव ने राज्य में नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, रेलवे ओवरब्रिज और राज्य सड़क निर्माण विभाग की उन योजनाओं की भी समीक्षा की, जो मुआवजा, भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लियरेंस और विधि व्यवस्था जैसे कारणों से बाधित हैं.

एनएचएआइ की चल रहीं योजनाएं

करीब दो घंटे तक चली इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी के अलावे पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर समेत एनएचएआइ, वन विभाग आदि के अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य में एनएचएआइ की 38 हजार 483 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. वहीं, कई रेलवे ओवरब्रिज का काम भी जारी है. राज्य सरकार की सड़कों का विस्तार और चौड़ीकरण की भी हजारों किलोमीटर का काम चल रहा है.

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी होने की वजह से राज्य को केंद्र से सड़क निर्माण की नई योजनाएं मिलने में दिक्कत हो रही है. राज्य में सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, फॉरेस्ट क्लियरेंस और विवाद है. मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाकर ससमय कार्य पूरी करने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें: उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक, मंत्री ने देसी शराब की बिक्री बढ़ाने पर दिया जोर

ये भी पढ़ें: अधिकारियों पर भड़कीं कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, सवाल का नहीं मिला जवाब

रांचीः मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य की समीक्षा की. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्त को इसे प्राथमिकता देने को कहा है. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने प्रोजेक्ट भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी उपायुक्तों से ऑनलाइन उनके जिले में चल रहे कार्यों की समीक्षा की.

उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को प्राथमिकता देकर उनमें आ रही रुकावटों को जिला स्तर पर ही दूर करें. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कारणों से प्रोजेक्ट रुक जाते हैं. उसकी लागत भी अनावश्यक रूप से बढ़ती है. इससे रिसोर्स और राज्य दोनों का नुकसान होता है. अगर, थोड़ा सा अतिरिक्त ध्यान दिया जाए, तो जिला स्तर पर ही समस्या का समाधान हो जाएगा. इसके अलावा मुख्य सचिव ने राज्य में नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, रेलवे ओवरब्रिज और राज्य सड़क निर्माण विभाग की उन योजनाओं की भी समीक्षा की, जो मुआवजा, भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लियरेंस और विधि व्यवस्था जैसे कारणों से बाधित हैं.

एनएचएआइ की चल रहीं योजनाएं

करीब दो घंटे तक चली इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी के अलावे पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर समेत एनएचएआइ, वन विभाग आदि के अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य में एनएचएआइ की 38 हजार 483 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. वहीं, कई रेलवे ओवरब्रिज का काम भी जारी है. राज्य सरकार की सड़कों का विस्तार और चौड़ीकरण की भी हजारों किलोमीटर का काम चल रहा है.

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी होने की वजह से राज्य को केंद्र से सड़क निर्माण की नई योजनाएं मिलने में दिक्कत हो रही है. राज्य में सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, फॉरेस्ट क्लियरेंस और विवाद है. मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाकर ससमय कार्य पूरी करने का निर्देश दिया.

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