रांची: ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में घिरे हेमंत सोरेन लगातार लोकलुभावन फैसले ले रहे हैं. 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है (Special Session Of Jharkhand Legislative Assembly). इस सत्र में दो बेहद महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया गया. इसमें एक है 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को कानून का दर्जा देने और जबकि दूसरा ओबीसी आरक्षण को 14% से 27% करने को लेकर है. इससे पहले शुक्रवार को होने वाले झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र (Special Session of Jharkhand Assembly) को लेकर मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक भी हुई (UPA Legislature Party meeting). जिसमें सरकार में शामिल तीनों दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेता और तीनों दलों के विधायक मंत्री शामिल हुए.
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झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर यूपीए विधायक दल की बैठक में सदन के अंदर पूरी एकजुटता प्रदर्शित करने और सदन के अंदर और सदन के बाहर यह बताने का है कि कैसे भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में ओबीसी के आरक्षण को 27% से घटा कर 14% कर दिया गया था. अब हेमंत सरकार ओबीसी को हक और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लाकर झारखंडवासियों को पहचान दे रही है.
वहीं, मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में जितने भी फैसले लिए गए हैं वो सभी मील के पत्थर साबित होने वाले हैं और शुक्रवार को गर्दा उड़ान होगा. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि विधानसभा सत्र में सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष नहीं टिकेगी और सदन राज्य की बेहतरी के लिए चलेगा और भाजपा सदन के अंदर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण पर बेनकाब होगी. कांग्रेस के निलंबित तीन विधायकों के सदन की कार्यवाही में भाग लेने पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे तीनों छोटे भाई हैं, सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे तो खुशी होगी. इसके साथ ही इस विशेष सत्र में लाए जाने वाले ओबीसी 27% आरक्षण और 1932 खतियान आधारित आरक्षण नीति विधेयक को भाजपा द्वारा राजनीति बताने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तेंदुआ और चीता लाने पर भी इवेंट कर दिया, उन्हें हम पर बोलने का अधिकार नहीं है. एक सवाल के जवाब में बन्ना गुप्ता ने कहा कि यूपीए विधायकों और नेताओं की गर्दन इतनी कमजोर नहीं की ईडी उसे धर सके.
हेमंत सोरेन सरकार ने 3 महीनों के अंदर दूसरी बार विशेष सत्र आहूत किया है. इससे पहले 5 सितंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया था. इस सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार के समर्थन में बहुमत को साबित किया था. जबकि इस बार की सत्र में सीएम हेमंत सोरेन झारखंड के मूल निवासियों और आदिवासियों की मुख्य मांग 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक पास कराएगी.