रांची: 11 नवंबर को बुलाई गई झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र (Special session of Jharkhand Assembly) बेहद ही खास होगा. सदन की कार्यवाही से ठीक पहले 10 नवंबर को सत्तापक्ष और विपक्ष की अलग अलग बैठक बुलाई गई है. बीजेपी कार्यालय में गुरुवार को शाम भाजपा विधायक दल की बैठक (BJP Legislature Party meeting) होगी जिसमें बाबूलाल मरांडी सहित पार्टी के सभी विधायक मौजूद रहेंगे. इस दौरान विशेष सत्र के दौरान सदन में आनेवाले दोनों विधेयक पर पार्टी रणनीति बनायेगी.
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बीजेपी के लिए खतियान आधारित स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण संबंधी विधेयक पर स्टैंड साफ करना बेहद ही मुश्किल भरा काम है. पार्टी यह मानती है कि इस पर होने वाले निर्णय राजनीतिक रुप से अहम हैं और इसका प्रभाव 2024 के चुनाव पर भी पड़ सकता है. इधर सत्तारूढ़ दलों की बैठक गुरुवार शाम मेंं होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में होने वाले यूपीए विधायक दल की बैठक (UPA Legislature Party meeting) में विशेष सत्र को लेकर चर्चा होगी और सदन में सभी विधायकों की मौजूदगी बनी रहे इस पर जोर दिया जाएगा.
विशेष सत्र से पहले आजसू ने कर दिया है स्टैंड साफ: इधर, आजसू ने विशेष सत्र के दौरान पेश होने वाले दोनों विधेयक पर स्टैंड साफ कर दिया है. पार्टी ने 1932 खतियान आधारित स्थानीयता का जहां सदन में समर्थन करने का निर्णय लिया है वहीं ओबीसी आरक्षण पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को मजबूरी में उठाया गया कदम बताया है.
11 नवंबर को दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी. विशेष सत्र के दौरान औपचारिकता पूरी करने के बाद सरकार की ओर से पूर्व घोषित दोनों विधेयक को सदन के पटल पर रखा जायेगा. सदन में चर्चा के बाद पारित कराई जायेगी. चूंकि सरकार बहुमत में है इसलिए विधेयक पास होने में कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि कैशकांड में फंसे कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप के सदन में उपस्थित होने पर संशय बना हुआ है. इन तीनों विधायक के मामले में हाई कोर्ट में 10 नवंबर को सुनवाई होनी है. न्यायालय की अनुमति के पश्चात तीनों विधायक की उपस्थिति साफ होगी.