रांची: झारखंड के लिए शुक्रवार यानी 11 नवंबर की तारीख बेहद खास होने वाली है. इस दिन हेमंत सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian based domicile policy) और ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) से जुड़े बिल को विधानसभा से पास कराएगी. इन दोनों बिल के अलावा राज्य में राष्ट्रपति शासन की जरूरत से जुड़े रघुवर दास के बयान पर मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री आलमगीर आलम और मंत्री जगरनाथ महतो ने प्रतिक्रिया दी है.
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि शुक्रवार को विशेष (Special session of Jharkhand Assembly) सत्र बुलाया गया है. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ा बिल शुक्रवार को सदन में पारित होगा. उस पारित बिल को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों बिल में सारी बातों का जिक्र होगा. उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि राज्यहित में दोनों बिल को पास कराने में समर्थन करें. रघुवर सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन की जरूरत के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनका विचार है. सरकार तो संख्या के आधार पर चलती है. तीनों कांग्रेसी विधायकों के जमानत मिलने पर उन्होंने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों विधायक कांग्रेस खेमे में ही सदन में बैठेंगे.
रघुवर दास के बयान पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास जिस राष्ट्रपति शासन की बात कर रहे हैं, उसे मैं लंबे से कह रहा हूं. क्यों पीठ में छूरा मार रहे हो. धारा 356 लगाकर डायरेक्ट कर दो और चलो चुनाव मैदान में. जनता फिर चुन लेगी. मंत्री बन्ना गुप्ता ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता के सवाल पर कहा कि हमारी सरकार 1932 से लेकर 2022 तक का ख्याल रखेगी. आप देखते रहें. विपक्ष की दूरदृष्टि कमजोर है. जब-जब कैबिनेट होता है तो भाजपा के पेट में दर्द होने लगता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ओबीसी के लिए भी बड़ा फैसला लिया है, जो आजतक नहीं हुआ.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि विपक्ष जिसको नौटंकी कह रहा है, वह राज्य की मांग है. जनता की मांग को देखते हुए ही 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता तय करने की कवायद चल रही है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास को मालूम होना चाहिए कि राष्ट्रपति शासन कैसे लगता है. क्या वो कानून के ज्ञाता हैं. उनको संविधान के जानकारों से राय लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने बीस साल तक राज्य के लिए कुछ नहीं कहा. अब राष्ट्रपति शासन की बात कर रहे हैं.