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नक्सली हमले के बाद लोहरदगा से सटे सभी जिलों की सीमाएं सील, रवींद्र का दस्ता बन रहा चुनौती

लोहरदगा के सेरेंगदाग में आईइडी ब्लास्ट कर पुलिस बलों पर हमला करने के मामले में माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते की भूमिका सामने आयी है. झारखंड पुलिस के 15 लाख के इनामी रीजनल कमांडर की तलाश में राज्य पुलिस ने शुक्रवार को बड़ा अभियान शुरू कर दिया है.

Special drive against Naxalites
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Published : Oct 30, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 10:50 PM IST

रांची: लोहरदगा, गुमला और लातेहार में रवींद्र के दस्ते पर शिकंजा कसने के लिए बड़ा अभियान राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर शुरू किया गया है. अभियान में जगुआर, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों की भी तैनाती की गई हैं. वहीं जगुआर की स्मॉल एक्शन टीमों को अलग-अलग लोकेशन पर तैनात किया गया है. पुलिस की ओर से लोहरदगा-लातेहार, लोहरदगा-गुमला और लोहरदगा-रांची सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है.

रवींद्र का दस्ता पुलिस के लिए चुनौती

भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू का दस्ता पुलिस के साथ-साथ अब एनआईए की रडार पर है. 23 नवंबर 2019 को चंदवा में पुलिस बलों पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने के बाद भी रवींद्र के दस्ते के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया था, लेकिन रवींद्र अबतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

ये भी पढ़ें- लोहरदगाः नक्सलियों ने पुलिस की टीम पर ग्रेनेड से किया हमला, 2 जवान घायल

पत्नी की गिरफ्तारी का बदला भी लिया
बीते साल जून महीने में लोहरदगा पुलिस ने रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता और उसके खास सहयोगी फुलेश्वर की गिरफ्तारी की थी. पत्नी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस से बदले की नीयत से रवींद्र गंझू ने हमले की साजिश रची थी. 23 नवंबर 2019 को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पूर्व चंदवा में पेट्रोलिंग वाहन पर हमले के लिए रवींद्र ने दस्ता सदस्यों के सहयोग से रेकी की. इसके बाद मोटरसाइकिल दस्ते के जरिए वारदात को अंजाम दिया. जिस दिन भाकपा माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया, उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा लातेहार में हुई थी. घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर तब जेपी नड्डा ने सभा को संबोधित भी किया था. घटना के दिन लातेहार से रांची के बीच वीवीआईपी मूवमेंट भी अधिक थी, ऐसे में सड़क किनारे पुलिस बलों पर हमले की योजना माओवादियों ने रची थी.

रांची: लोहरदगा, गुमला और लातेहार में रवींद्र के दस्ते पर शिकंजा कसने के लिए बड़ा अभियान राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर शुरू किया गया है. अभियान में जगुआर, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों की भी तैनाती की गई हैं. वहीं जगुआर की स्मॉल एक्शन टीमों को अलग-अलग लोकेशन पर तैनात किया गया है. पुलिस की ओर से लोहरदगा-लातेहार, लोहरदगा-गुमला और लोहरदगा-रांची सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है.

रवींद्र का दस्ता पुलिस के लिए चुनौती

भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू का दस्ता पुलिस के साथ-साथ अब एनआईए की रडार पर है. 23 नवंबर 2019 को चंदवा में पुलिस बलों पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने के बाद भी रवींद्र के दस्ते के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया था, लेकिन रवींद्र अबतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

ये भी पढ़ें- लोहरदगाः नक्सलियों ने पुलिस की टीम पर ग्रेनेड से किया हमला, 2 जवान घायल

पत्नी की गिरफ्तारी का बदला भी लिया
बीते साल जून महीने में लोहरदगा पुलिस ने रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता और उसके खास सहयोगी फुलेश्वर की गिरफ्तारी की थी. पत्नी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस से बदले की नीयत से रवींद्र गंझू ने हमले की साजिश रची थी. 23 नवंबर 2019 को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पूर्व चंदवा में पेट्रोलिंग वाहन पर हमले के लिए रवींद्र ने दस्ता सदस्यों के सहयोग से रेकी की. इसके बाद मोटरसाइकिल दस्ते के जरिए वारदात को अंजाम दिया. जिस दिन भाकपा माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया, उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा लातेहार में हुई थी. घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर तब जेपी नड्डा ने सभा को संबोधित भी किया था. घटना के दिन लातेहार से रांची के बीच वीवीआईपी मूवमेंट भी अधिक थी, ऐसे में सड़क किनारे पुलिस बलों पर हमले की योजना माओवादियों ने रची थी.

Last Updated : Oct 30, 2020, 10:50 PM IST
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