रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन कोविड-19 के हालात पर 1 घंटे की विशेष चर्चा हुई. विधायक प्रदीप यादव के प्रस्ताव पर हुई इस विशेष चर्चा में लोबिन हेंब्रम, सीपी सिंह, राजेश कच्छप, लंबोदर महतो, अमित यादव, विनोद सिंह और बंधु तिर्की ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन इस गंभीर मसले पर चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को सुधारने और हालात से निपटने के तरीकों पर फोकस करने के बजाए ज्यादा समय एक दूसरे पर छींटाकशी में निकल गया.
प्रदीप यादव ने राहुल गांधी की तारीफ की
प्रदीप यादव ने कहा कि 30 जनवरी को केरल में कोविड-19 का पहला मामला आया था, उसी समय राहुल गांधी ने सरकार को आने वाली चुनौती को लेकर आगाह किया था, लेकिन तब केंद्र की सरकार दिल्ली चुनाव और ट्रंप के स्वागत में जुटी हुई थी, उसी वक्त अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा रोक दी जाती तो भारत की स्थिति कुछ और होती. उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राय मशविरा किए बगैर 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए, साथ ही लॉकडाउन के कारण रास्तों पर पैदल चल पड़े मजदूरों की तकलीफ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. प्रदीप यादव ने लॉकडाउन के दौरान उपजे हालात के वक्त प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए झारखंड सरकार की तरफ से की गई पहल की जमकर सराहना की. उन्होंने देवघर में टेस्ट लैब स्थापित करने की मांग रखी, सरकार को सुझाव दिया कि रांची, जमशेदपुर और धनबाद को छोड़कर अन्य जिलों में स्कूल खोले जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए, इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों के ओर से की जा रही लूट पर भी नकेल कसने का सुझाव दिया.
बीजेपी पर हमला
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी अपना पक्ष रखा, लेकिन उन्होंने मुख्य विपक्षी दल भाजपा को पूरे हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया. लोबिन हेंब्रम केंद्र सरकार को कोसते रहे और दूसरी तरफ भाजपा के विधायक चुटकी लेते रहे. इस दौरान हंसी ठिठोली भी हुई.
सीएम पर निशाना
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि आप हर दिन सत्ता के नशे में चूर होते हैं और शाम गुजर जाती है, एक शाम नशे में होगी और आपकी सत्ता चली जाएगी. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती. सीपी सिंह ने झारखंड में कोरोना के हालात को बताने के लिए अखबारों के कतरन दिखाए और हेड लाइन पढ़कर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने वालों को समझना चाहिए कि झारखंड की स्थिति कैसी है. सीपी सिंह ने कहा कि झारखंड में रांची के हिंदपीढ़ी में तबलीगी जमात की वजह से यह बीमारी आई, ऐसा बयान खुद स्वास्थ्य मंत्री दे चुके हैं. उनके ऐसा कहते ही सदन में हो हल्ला मच गया. मंत्री बन्ना गुप्ता ने आपत्ति जताई. दूसरी तरफ बंधु तिर्की और सीपी सिंह ने एक दूसरे के लिए अपशब्द कहे. सीपी सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने दीदी किचन और आंगनबाड़ी में हो रहे भ्रष्टाचार पर मंत्री जगरनाथ के बयान का जिक्र कर दिया. उन्होंने वर्तमान हालात पर हाई कोर्ट की टिप्पणी की चर्चा की. इसके अलावा खुद के लिए कोरोना जांच के दौरान हुई तकलीफ का जिक्र किया और रिम्स में इलाज में हो रही कोताही का मुद्दा भी उठाया.
सीपी सिंह ने हिंदपीढ़ी इलाके में 8 डीएसपी और दो सीआरपीएफ कंपनी की तैनाती का मुद्दा उठाया और कहा कि एक बड़े समूह को बचाने के लिए चंद लोगों पर गलत तरीके से कार्रवाई की गई. सीपी सिंह ने कहा कि सुखदेव नगर थाना प्रभारी ने पुजारी को अनाज देने जा रही एक विधवा को पीटा था, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने रातू रोड के कृष्णा नगर मोहल्ले में संक्रमण की जानकारी दी और कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की मांग की.
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कोविड-19 पर बोलते हुए लंबोदर महतो ने कहा कि हम सभी मिलकर कोरोना वायरस से मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि दी. अमित यादव ने प्रखंड स्तर के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों को भोजन देने में हो रही कोताही का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर के अस्पतालों में सिर्फ घोटाला हो रहा है. विनोद सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना होगा, जबकि बंधु तिर्की ने कोरोना वायरस को सलाम कहते हुए प्रवासी मजदूरों को लाने में सरकार के पहल की सराहना की. उन्होंने प्रखंड स्तर के अस्पतालों में मैन पावर बढ़ाने की मांग की. चर्चा के अंत में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि केंद्र की आज दूरदर्शिता की वजह से यह बीमारी भारत में पहुंची. उन्होंने सीपी सिंह पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस सरकारी अस्पताल में इलाज करा कर ठीक हुए उसी को कोस रहे हैं. स्वास्थ मंत्री ने कहा कि झारखंड के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, झारखंड में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर है और अब 7 जगहों पर rt-pcr से जांच हो रही है. उन्होंने कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले लोगों को शहीदों का दर्जा दिया.