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World Enivornment Day 2023: पर्यावरण संरक्षण के लिए आस्था को बनाया हथियार, फिर लोगों ने छोड़ दी पेड़ों की कटाई

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पिछले तीन दशकों से पेड़ों को बचाने के लिए काम करने वाले पर्यावरण संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद से खास बातचीत की गई. इस दौरान उन्होंने अपने इस सफर के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें शुरूआत में पेड़ बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा.

environmentalist Surendra Prasad
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Published : Jun 5, 2023, 6:28 PM IST

पर्यावरण संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद से खास बातचीत

रांची: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चारों ओर वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की बात हो रही है. लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. लोग जागरूक भी हो रहे हैं. लेकिन आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका तो निभाई ही, लेकिन लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने एक अनोखे तरीके की भी इजाद की.

यह भी पढ़ें: World Environment Day 2023: बंजर जमीन पर बंपर पैदावार, असुर जनजाति परिवारों में नाशपाती घोल रहा मिठास, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

हम बात कर रहे हैं, सुरेंद्र प्रसाद की. सुरेंद्र प्रसाद पिछले तीन दशकों से झारखंड में पेड़ों को बचाने का काम कर रहे हैं. वह पेशे से शिक्षक हैं. सुरेंद्र प्रसाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 90 के दशक में जब पर्यावरण संरक्षण की बात की जाती थी तो ग्रामीण इस बात को नहीं समझते थे. जब भी किसी खाली जगह पर वह और उनके वरिष्ठ महादेव महतो पेड़ लगाते थे तो कुछ दिनों में स्थानीय और ग्रामीण उस पेड़ को काट देते थे. ग्रामीणों के इस व्यवहार से वह काफी दुखी हो गए थे, जिसके बाद सुरेंद्र प्रसाद और उनके वरिष्ठ सहयोगी महादेव महतो ने यह निर्णय लिया कि यदि पेड़ को बचाना है तो हमें सबसे पहले ग्रामीणों को जागरूक करना होगा.

पेड़ को लोगों की आस्था से जोड़ना किया शुरू: इसके लिए उन्होंने एक अनोखा तरीका इजाद किया. उन्होंने पेड़ को लोगों की आस्था से जोड़ना शुरू कर दिया. इसलिए उन्होंने लाल धागे से पेड़ में रक्षा सूत्र बांधा और लोगों के मन में यह डाला किया कि यह सिर्फ एक पेड़ नहीं बल्कि हमारा भगवान है, जो जीवन भर हमारी रक्षा करेगा. धीरे-धीरे सुरेंद्र प्रसाद की बात लोगों के जेहन में उतरने लगी और लोग पेड़ों की पूजा भी करने लगे. सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि आज की तारीख में चील, कौवे, गौरैया, सांप, नेवले जैसे जीव जंतु अब नहीं दिखते हैं, जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते थे. यदि इन सभी जीव जंतुओं को फिर से धरती पर संरक्षित करना है तो इसके लिए हमें पेड़ पौधे को बचाना होगा, तभी हमारा पर्यावरण स्वच्छ और सुंदर हो पाएगा.

पर्यावरण संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि पर्यावरण दिवस के मौके पर वह लोगों से यही अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा अपने आसपास पेड़ लगाएं ताकि हमारा रांची और झारखंड फिर से पर्यावरण के मामले में पूरे देश में अव्वल नंबर पर आ सके.

पर्यावरण संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद से खास बातचीत

रांची: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चारों ओर वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की बात हो रही है. लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. लोग जागरूक भी हो रहे हैं. लेकिन आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका तो निभाई ही, लेकिन लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने एक अनोखे तरीके की भी इजाद की.

यह भी पढ़ें: World Environment Day 2023: बंजर जमीन पर बंपर पैदावार, असुर जनजाति परिवारों में नाशपाती घोल रहा मिठास, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

हम बात कर रहे हैं, सुरेंद्र प्रसाद की. सुरेंद्र प्रसाद पिछले तीन दशकों से झारखंड में पेड़ों को बचाने का काम कर रहे हैं. वह पेशे से शिक्षक हैं. सुरेंद्र प्रसाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 90 के दशक में जब पर्यावरण संरक्षण की बात की जाती थी तो ग्रामीण इस बात को नहीं समझते थे. जब भी किसी खाली जगह पर वह और उनके वरिष्ठ महादेव महतो पेड़ लगाते थे तो कुछ दिनों में स्थानीय और ग्रामीण उस पेड़ को काट देते थे. ग्रामीणों के इस व्यवहार से वह काफी दुखी हो गए थे, जिसके बाद सुरेंद्र प्रसाद और उनके वरिष्ठ सहयोगी महादेव महतो ने यह निर्णय लिया कि यदि पेड़ को बचाना है तो हमें सबसे पहले ग्रामीणों को जागरूक करना होगा.

पेड़ को लोगों की आस्था से जोड़ना किया शुरू: इसके लिए उन्होंने एक अनोखा तरीका इजाद किया. उन्होंने पेड़ को लोगों की आस्था से जोड़ना शुरू कर दिया. इसलिए उन्होंने लाल धागे से पेड़ में रक्षा सूत्र बांधा और लोगों के मन में यह डाला किया कि यह सिर्फ एक पेड़ नहीं बल्कि हमारा भगवान है, जो जीवन भर हमारी रक्षा करेगा. धीरे-धीरे सुरेंद्र प्रसाद की बात लोगों के जेहन में उतरने लगी और लोग पेड़ों की पूजा भी करने लगे. सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि आज की तारीख में चील, कौवे, गौरैया, सांप, नेवले जैसे जीव जंतु अब नहीं दिखते हैं, जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते थे. यदि इन सभी जीव जंतुओं को फिर से धरती पर संरक्षित करना है तो इसके लिए हमें पेड़ पौधे को बचाना होगा, तभी हमारा पर्यावरण स्वच्छ और सुंदर हो पाएगा.

पर्यावरण संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि पर्यावरण दिवस के मौके पर वह लोगों से यही अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा अपने आसपास पेड़ लगाएं ताकि हमारा रांची और झारखंड फिर से पर्यावरण के मामले में पूरे देश में अव्वल नंबर पर आ सके.

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