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घायलों की मदद करने पर मिलेगा विशेष सम्मान, पुलिस नहीं करेगी सवाल जवाब, पढ़ें रिपोर्ट

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Published : Feb 4, 2021, 5:11 PM IST

झारखंड में हर साल पांच हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिसमें तीन हजार से अधिक लोगों की मौत होती है. सरकार ने झारखंड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है, ताकि सड़क हादसे में घायलों की मदद करने पर लोग आगे आएं और किसी के जीवन की रक्षा हो सके.

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सड़क हादसा

रांची: झारखंड में हर साल पांच हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं और तीन हजार से अधिक मौतें होती है. साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान दुर्घटना में काफी कमी आई. साल 2020 के अक्टूबर तक 3366 सड़क हादसे हुए और इनमें 2294 लोगों की मौत हुई है. दुघर्टना में अधिकांश मौत युवाओं की हो रही है. सरकार ने झारखंड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है, ताकि सड़क हादसे में घायलों की मदद करने पर लोग आगे आएं और किसी के जीवन की रक्षा हो सके. अब सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी.

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा और अंग की हानि कम करने के लिए गोल्डन आवर यानी प्रथम 60 मिनट में उपचार बेहद प्रभावी होता है, लेकिन पुलिस के सवाल-जवाब और कानूनी प्रक्रिया में उलझने के डर से अस्पताल ले जाने का प्रयास नहीं किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकार ने पॉलिसी को मंजूरी दी है.

इसे भी पढे़ं: चाईबासाः ट्रेन की चपेट में आने से दो हाथियों की मौत, वन विभाग की टीम और मालगाड़ी चालक में नोकझोंक

सरकारी कर्मी और जन प्रतिनिधियों पर भी सड़क दुर्घटना में घायल को मदद करने की जिम्मेवारी

  • दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर दो हजार रुपये
  • दो व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं तो दोनों को दो- हजार देने की योजना
  • दो से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं, तो पांच हजार रुपये सरकार देगी. उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा
  • दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेने की स्थित में पुलिस को हर पूछताछ के लिए नेक नागरिक के बैंक एकाउंट में डालना होगा एक हजार रुपये
  • पुलिस द्वारा Good Samaritan को अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा
  • Good Samaritan को मरीज को अस्पताल में पहुंचाने के बाद अनावश्यक रोका नहीं जाएगा
  • सवाल-जवाब के क्रम में पुलिस द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाएगा
  • गवाही हेतु विशेष परिस्थिति में ही तथा न्यूनतम बार उन्हें सम्मन जा सकेगा

रांची: झारखंड में हर साल पांच हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं और तीन हजार से अधिक मौतें होती है. साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान दुर्घटना में काफी कमी आई. साल 2020 के अक्टूबर तक 3366 सड़क हादसे हुए और इनमें 2294 लोगों की मौत हुई है. दुघर्टना में अधिकांश मौत युवाओं की हो रही है. सरकार ने झारखंड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है, ताकि सड़क हादसे में घायलों की मदद करने पर लोग आगे आएं और किसी के जीवन की रक्षा हो सके. अब सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी.

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा और अंग की हानि कम करने के लिए गोल्डन आवर यानी प्रथम 60 मिनट में उपचार बेहद प्रभावी होता है, लेकिन पुलिस के सवाल-जवाब और कानूनी प्रक्रिया में उलझने के डर से अस्पताल ले जाने का प्रयास नहीं किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकार ने पॉलिसी को मंजूरी दी है.

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सरकारी कर्मी और जन प्रतिनिधियों पर भी सड़क दुर्घटना में घायल को मदद करने की जिम्मेवारी

  • दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर दो हजार रुपये
  • दो व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं तो दोनों को दो- हजार देने की योजना
  • दो से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं, तो पांच हजार रुपये सरकार देगी. उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा
  • दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेने की स्थित में पुलिस को हर पूछताछ के लिए नेक नागरिक के बैंक एकाउंट में डालना होगा एक हजार रुपये
  • पुलिस द्वारा Good Samaritan को अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा
  • Good Samaritan को मरीज को अस्पताल में पहुंचाने के बाद अनावश्यक रोका नहीं जाएगा
  • सवाल-जवाब के क्रम में पुलिस द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाएगा
  • गवाही हेतु विशेष परिस्थिति में ही तथा न्यूनतम बार उन्हें सम्मन जा सकेगा
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