रांची: झारखंड में 30 मार्च तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया था, लेकिन 31 मार्च से लेकर आज तक यानी 24 अप्रैल तक ये संख्या 56 पहुंच गई. इनमें अकेले केवल हिंदपीढ़ी इलाके से ही 35 पॉजिटिव हैं. जाहिर तौर पर कोरोना का खतरा हिंदपीढ़ी से ही लगतार फैल रहा है.इन सबके बावजूद यहां से लोगों का छिपकर बाहर निकलना जारी है. यही वजह है कि अब पूरे हिंदपीढ़ी इलाके को सीसीटीवी के निगरानी में रखा गया है.
सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया गया है और अब गुरुनानक स्कूल स्थित कंट्रोल रूम से लगातार हर गली चौराहे की निगरानी की जा रही है.
पूरे मसले को लेकर रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने ईटीवी भारत की टीम ने बात की जिसमें लॉकडाउन और हिंदपीढ़ी के मामले को लेकर एसएसपी ने अपनी रणनीति के बारे में बताया.
37 स्थानों पर लगाए गए कैमरे
राजधानी रांची में हिंदीपीढ़ी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए रांची पुलिस ने कमर कस ली है. हिन्दपीढ़ी में अब लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
यहां रहने वाले लोग इधर-उधर न निकले इसके लिए इलाके में 37 सीलिंग प्वाइंट बनाकर उनमें सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं. इसके अलावा एक हजार से अधिक जवान दिन रात हिंदपीढ़ी की निगरानी में लगे हुए है.
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि हिन्दपीढ़ी इलाके से लगातार कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. यही वजह है कि अब इस क्षेत्र पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
लॉकडाउन के 200 से अधिक मामले दर्ज
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन को कड़ाई से पालन करवाने के लिए लगातार पुलिस की तरफ से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.
यही वजह है कि 23 मार्च से अब तक 200 से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं. 45 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है. इसके अलावा अगर ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई की बात करें तो औसतन हर दिन 12 लाख रुपए के चालान काटे जा रहे हैं.
सभी मोर्चों पर कार्य कर रही पुलिस
लॉकडाउन के दौरान फ्रंट फुट पर पुलिस रहती है. चाहे कानून का पालन करवाना हो या फिर असहाय और गरीबों को खाना खिलाना पुलिस इन सभी मोर्चों पर काफी बेहतर काम कर रही है, लेकिन इन सबके बावजूद भी पुलिस लोगों के निशाने पर है.
हिंदपीढ़ी में जान की बाजी लगाकर अपनी ड्यूटी कर रहे कई पुलिस अफसरों को थोड़ी सी लापरवाही बरते जाने की वजह से निलंबन का शिकार होना पड़ा है.
दरअसल छोटी सी लापरवाही किसी के जान पर बन आई ,इस वजह से पुलिस दिन-रात काम कर रहे हैं. साथ ही लापरवाही बरतने पर उन्हें करवाई झेलनी पड़ रही है.
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हिंदपीढ़ी की वजह से अब तक लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी कार्रवाई के शिकार हो चुके हैं जबकि अगर विस्तार से इन मामलों की जांच हो तो शायद पुलिसकर्मी कहीं से भी दोषी नहीं पाए जाएंगे.
इस मसले को लेकर रांची के सीनियर एसपी भी कहते हैं कि थोड़ा सा पुलिसकर्मियों को भी एक्टिव बनना पड़ेगा और उन्हें डिसीजन लेने की क्षमता को विकसित करनी पड़ेगी , तभी आगे भविष्य में कोरोना जैसे संकट को झेलने में सक्षम हो पाएंगे.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने यह भी कहा कि पुलिस की कड़ाई परेशान करने के लिए नही है, बल्कि यह कोरोना महामारी से आम लोगों को बचाने के लिए है .अगर पब्लिक इसमें पुलिस का सपोर्ट करेगी तो बहुत जल्द कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचा जा सकता है.