रांची: पहले गर्मी शुरू होते ही एसी चैम्बर में बैठे अधिकारियों के पसीने छूटने लगते थे. उन्हें गर्मी के दौरान ही रेल दुर्घटना की चिंता ज्यादा सताती थी. कारण था गर्मी के कारण रेलवे ट्रैक का क्षतिग्रस्त होना. अब तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि इस तरह की परेशानियां न के बराबर है. हालांकि खुले आसमान के नीचे काम कर रहे आउटडोर कर्मचारियों के लिए इस भीषण गर्मी के दौरान रेलवे परिचालन विभाग की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि परिचालन में किसी भी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो सके.
एक जमाना था जब गर्मी शुरू होते ही ट्रेन परिचालन को लेकर काफी परेशानियां होती थी. ऐसे में बैठे रेलवे अधिकारियों के पसीने छूटने लगते थे. भीषण गर्मी के दौरान इन्हें ये डर रहता था कि कहीं कोई रेलवे ट्रैक खराब न पड़ गया हो या लाइन इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ गड़बड़ी ना आ गई हो, लेकिन अब इस तरह की परेशानियों से निजात पा लिया गया है.
ओआरएस और हेल्थ ड्रिंक की व्यवस्था
गर्मी को देखते हुए रेल परिचालन विभाग की ओर से कई तरह के उपाय किये गए हैं, ताकि खुले आसमान के नीचे काम कर रहे आउटडोर कर्मचारियों को किसी तरह की परेशानी ना हो. ट्रैकों की निगरानी कर रहे कर्मचारियों पर इस गर्मी में विशेष ध्यान दिया गया है. रेलवे ट्रैक क्षेत्र में शीतल पेय की व्यवस्था और ओआरएस जैसे जरूरी हेल्थ ड्रिंक की व्यवस्था भी की गई है, साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप की भी व्यवस्था रेल परिचालन विभाग की ओर से किया गया है. ताकि कर्मचारी इतनी गर्मी के बावजूद भी अपने काम को सही तरीके से निपटा सकें.