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विधायकों को देना होगा सम्मान, सीएस और कैबिनेट सचिव होंगे जिम्मेवार, आसन से निर्देश जारी - रांची न्यूज

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने राज्य के मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव को निर्देश दिया है कि प्रावधानों के मुताबिक विधायकों को सम्मान दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

Speaker Rabindra Nath Mahato
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Published : Mar 23, 2022, 4:42 PM IST

रांची: विधायकों के सम्मान में पदाधिकारी स्तर पर बरती जा रही कोताही पर खेद प्रकट करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो की तरफ से मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव को निर्देश जारी हुआ है. स्पीकर ने अपने निर्देश में कहा है कि दोनों अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें कि हर स्तर के पदाधिकारी, विधायकों को प्रोटोकॉल के अनुरूप सम्मान दें. निर्धारित व्यवहार का अनुपालन कराना मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी होगी. स्पीकर ने कहा कि इन दिनों कई बार उन्हें जानकारी मिली है कि राज्य के पदाधिकारियों द्वारा माननीय सदस्यों को संवैधानिक और अन्य विधिक प्रावधानों के तहत सम्मान नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- विधायकों को इज्जत नहीं देते हैं पदाधिकारी, सदन में गूंजा मामला, स्पीकर बोले- लिखेंगे पत्र

दरअसल, 22 मार्च को सदन में कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने इस मामले को उठाया था. उन्होंने कहा था कि 21 मार्च को राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री समेत सभी विधायकों को राजभवन में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. लेकिन वहां तैनात पदाधिकारियों ने कई विधायकों को अपमानित किया. कई विधायकों को बैठने की जगह नहीं मिली. उन्हें आम लोगों के बीच बिठा दिया गया.

यही नहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रवाना हो गए, तब विधायकों की कतारबद्ध गाड़ियों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी ने इसलिए रोक दिया क्योंकि उस वक्त एडीजी मीणा की गाड़ी आ रही थी. इस पर कई अन्य विधायकों ने भी अपनी पीड़ा साझा किए थे. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा था कि ज्यादातर पदाधिकारी फोन को रिसीव भी नहीं करते हैं. अंबा प्रसाद ने कहा था कि पिछले दिनों उनके साथ देवघर में एसडीओ ने दुर्व्यवहार किया था लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर खेद प्रकट करते हुए 22 मार्च को ही स्पीकर ने कहा था कि आसन की तरफ से इस बाबत निर्देश जारी किए जाएंगे.

मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव के नाम जारी पत्र में स्पीकर ने लिखा है कि कतिपय पदाधिकारियों द्वारा माननीय सदस्यों को संवैधानिक और अन्य विधिक प्रावधानों के अनुरूप सम्मान नहीं दिया जा रहा है. आसन इस पर खेद व्यक्त करता है और माननीय सदस्यों के संरक्षण और अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन के अनुरूप आसन यह ठीक समझता है कि राज्य के सभी पदाधिकारी चाहे वह जिस भी स्तर के हों, अब माननीय सदस्यों को राज्य के घोषित अनुपूर्वी सूची के अनुरूप यथोचित सम्मान दें. आसन राज्य के मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव को निर्देश देता है कि यह उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी.

रांची: विधायकों के सम्मान में पदाधिकारी स्तर पर बरती जा रही कोताही पर खेद प्रकट करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो की तरफ से मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव को निर्देश जारी हुआ है. स्पीकर ने अपने निर्देश में कहा है कि दोनों अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें कि हर स्तर के पदाधिकारी, विधायकों को प्रोटोकॉल के अनुरूप सम्मान दें. निर्धारित व्यवहार का अनुपालन कराना मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी होगी. स्पीकर ने कहा कि इन दिनों कई बार उन्हें जानकारी मिली है कि राज्य के पदाधिकारियों द्वारा माननीय सदस्यों को संवैधानिक और अन्य विधिक प्रावधानों के तहत सम्मान नहीं दिया जा रहा है.

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दरअसल, 22 मार्च को सदन में कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने इस मामले को उठाया था. उन्होंने कहा था कि 21 मार्च को राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री समेत सभी विधायकों को राजभवन में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. लेकिन वहां तैनात पदाधिकारियों ने कई विधायकों को अपमानित किया. कई विधायकों को बैठने की जगह नहीं मिली. उन्हें आम लोगों के बीच बिठा दिया गया.

यही नहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रवाना हो गए, तब विधायकों की कतारबद्ध गाड़ियों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी ने इसलिए रोक दिया क्योंकि उस वक्त एडीजी मीणा की गाड़ी आ रही थी. इस पर कई अन्य विधायकों ने भी अपनी पीड़ा साझा किए थे. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा था कि ज्यादातर पदाधिकारी फोन को रिसीव भी नहीं करते हैं. अंबा प्रसाद ने कहा था कि पिछले दिनों उनके साथ देवघर में एसडीओ ने दुर्व्यवहार किया था लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर खेद प्रकट करते हुए 22 मार्च को ही स्पीकर ने कहा था कि आसन की तरफ से इस बाबत निर्देश जारी किए जाएंगे.

मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव के नाम जारी पत्र में स्पीकर ने लिखा है कि कतिपय पदाधिकारियों द्वारा माननीय सदस्यों को संवैधानिक और अन्य विधिक प्रावधानों के अनुरूप सम्मान नहीं दिया जा रहा है. आसन इस पर खेद व्यक्त करता है और माननीय सदस्यों के संरक्षण और अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन के अनुरूप आसन यह ठीक समझता है कि राज्य के सभी पदाधिकारी चाहे वह जिस भी स्तर के हों, अब माननीय सदस्यों को राज्य के घोषित अनुपूर्वी सूची के अनुरूप यथोचित सम्मान दें. आसन राज्य के मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव को निर्देश देता है कि यह उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी.

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