रांचीः राज्य सरकार ने से विधानसभा के सदन से सरना आदिवासी धर्म कोड पारित कर केंद्र सरकार को लागू करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. इसको लेकर राज्य के आदिवासी समुदाय में हर्षोल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को कांके क्षेत्र के सांगा गांव में महागठबंधन पार्टी समेत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त करने के साथ सोहराय जतरा का आयोजन किया गया. वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए बहुत ही कम संख्या में आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार सिर्फ गांव के पहान ने सोहराय जतरा का पूजा किया.
सीएम का जताया आभार
मौके पर मौजूद मुख्य अतिथि के रूप में आजसू जिला उपाध्यक्ष सह कांके पश्चिमी जिप सदस्य हकीम अंसारी ने कहा कि जिस तरह से आदिवासी समुदाय अपने पहचान सरना आदिवासी धर्म कोड का लड़ाई लड़ते रहे हैं, उसका पहला नतीजा हम सबों के बीच है. हमारे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने आदिवासियों को उनकी पहचान दिलाने के लिए सदन से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को सरना आदिवासी धर्म कोड लागू करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. इसके अलावा आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो का भी आभार व्यक्त किया गया. जिन्होंने सदन में सरना आदिवासी धर्म कोड का समर्थन किया.
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कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्थानीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुकुंद कुमार मुंडा, मुर्तुजा अंसारी, अर्जुन चंद्र यादव, अटल बिहारी सिंह, राज कुमार, मनीरुद्दिन अंसारी, असलम अंसारी, बंदी उरांव, खालिक अंसारी, जगरनाथ उरांव, सूरज मुंडा, सूरज गोप, प्रेम प्रकाश मुंडा, राजकुमार महतो, अब्दुल्लाह अंसारी, यासीन अंसारी, वसीम अंसारी, भोला महली, कुंवार लोहरा उपस्थित रहे.