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Crime News Ranchi: झारखंड में कोकीन का सस्ता विकल्प एम्फैटेमिन की तस्करी जोरों पर, जांच में जुटी एटीएस

रांची में ड्रग माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में एटीएस ने पिछले दिनों तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. तस्करों से पूछताछ के क्रम में एटीएस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. एटीएस की जांच में यह तथ्य निकल कर आया है कि झारखंड में नशे के लिए अब एम्फैटेमिन का इस्तेमाल हो रहा है. एटीएस और पुलिस मामले में गिरोह तक पहुंचने की कोशिश में है.

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Smuggling Of Amphetamine In Jharkhand
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Published : May 27, 2023, 6:56 PM IST

रांची: महानगरों का नशा अब छोटे शहरों को भी अपनी जद में लेने लगा है. झारखंड एटीएस की टीम में पिछले दिनों झारखंड से पहली बार एम्फैटेमिन पाउडर के साथ तीन ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तस्करों के पास से ब्राउन शुगर के साथ 50 लाख से अधिक का एम्फैटेमिन पाउडर भी बरामद किया गया था. 50 लाख के एम्फैटेमिन पाउडर मिलने के बाद एटीएस के साथ-साथ झारखंड एनसीबी भी अलर्ट हो गई है.

ये भी पढ़ें-होम डिलीवरी से ड्रग बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, लाखों के माल के साथ 6 तस्कर गिरफ्तार

कोकीन का विकल्प बना है एम्फैटेमिन पाउडर: राजधानी रांची सहित जमशेदपुर, बोकारो, पलामू और धनबाद जैसे शहरों में ड्रग्स का कारोबार तेजी के साथ फल-फूल रहा है. नशे के आदि होते युवाओं के बीच अब एक और ड्रग्स उनके बीच प्रचलित हो चला है. उस ड्रग्स का नाम है एम्फैटेमिन. पाउडर और टेबलेट के रूप में मिलने वाला यह ड्रग्स अब छोटे शहरों में भी अपनी पहुंच बना चुका है. झारखंड एटीएस ने मंगलवार ने 50 लाख रुपए के एम्फैटेमिन पाउडर के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था.

कोकिन महंगा पड़ने के कारण एम्फैटेमिन की बिक्री बढ़ीः दरअसल, जानकार बताते हैं कि झारखंड के छोटे राज्यों में जो ड्रग्स नशे के लिए बेचे जाते हैं उनमें सबसे महंगा कोकीन होता है. कोकीन के बाद ब्राउन शुगर नशे के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है.चूंकि कोकीन बेहद महंगा नशा होता है इस कारण कोकीन के विकल्प के रूप में एम्फैटेमिन पाउडर की बिक्री होने लगी. जानकार बताते हैं कि एम्फैटेमिन पाउडर की तस्करी का अंतर्राष्ट्रीय लिंक है.

म्यांमार से लाया जाता है एम्फैटेमिन पाउडरः म्यांमार जैसे देश में इस पाउडर का निर्माण होता है और फिर वहं से तस्कर इसे भारत लाते हैं. वर्ष 2015 से ही महानगरों में इस ड्रग्स का प्रचलन शुरू हो गया था. धीरे-धीरे अब इसका प्रयोग झारखंड जैसे राज्यों में भी हो रहा है. एटीएस के पूछताछ में गिरफ्तार तस्करों ने यह खुलासा किया है कि वे लोग उज्जैन से एम्फैटेमिन पाउडर लाते हैं, हालांकि देने वाले की शक्ल उन्होंने कभी नहीं देखी.

एक पुड़िया एम्फैटेमिन पाउडर 150 रुपए में बेची जाती हैः पूछताछ में तस्करों ने यह भी खुलासा किया है कि एक पुड़िया एम्फैटेमिन पाउडर 150 रुपए और एक टैबलेट 90 रुपए में बिक्री होती है. जबकि कोकीन 500 में एक पुड़िया और ब्राउन शुगर 450 में एक पुड़िया मिलता है. जो लोग कोकीन का इस्तेमाल करते आये हैं उनके लिए कोकीन जैसा ही नशा सस्ते में ही एम्फैटेमिन पाउडर से मिल रहा है, यही वजह है कि हाल के दिनों में इसकी तस्करी बढ़ी है.


10 घंटे तक रहता है एम्फैटेमिन का प्रभावः रांची रिनपास के मनोचिकित्सक जेके सोलंकी नशे के आदी बन चुके युवाओं की काउंसेलिंग कर उन्हें वापस नई जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करते हैं. डॉक्टर जेके सोलंकी के अनुसार हाल के दिनों में कई तरह के ड्रग्स युवाओं के द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे हैं. दरअसल, आज के युवा लंबे समय तक नशे में रहना चाहते हैं. यही वजह है कि वे ऐसे ड्रग्स को इस्तेमाल कर रहे हैं, जो काफी देर तक उनके शरीर पर प्रभाव डाले. एम्फैटेमिन पाउडर भी उसी में से एक है. इसका नशा 10 घंटे से ज्यादा तक रहता है. इस ड्रग्स को लेने वाला व्यक्ति बेहद उत्तेजक हो जाता है.


कुरियर के लिए इस्तेमाल हो रही हैं महिलाएं: ड्रग्स कुरियर के रूप में अधेड़ महिलाओं का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है. झारखंड एटीएस की टीम ने जब एक करोड़ की ड्रग्स की खेप पकड़ी थी उस दौरान भी दो अधेड़ महिलाएं पकड़ी गईं थीं. पूछताछ में दोनों महिलाओं ने एटीएस को यह बताया था कि उन्हें सिर्फ ड्रग्स को पहुंचाने की जिम्मेवारी मिली थी. इसके एवज में उन्हें 20 हजार रुपए मिले थे. ड्रग्स के तस्कर हर बार ट्रेन से आदमी या औरत जो भी हो उन्हें बदल-बदल कर कुरियर के रूप में इस्तेमाल करते हैं. पूछताछ में गिरफ्तार महिलाओं ने एटीएस को यह बताया है कि इससे पहले भी वह कई बार ड्रग्स कुरियर के रूप में काम कर चुकी हैं, लेकिन ड्रग्स देने वाले का चेहरा आज तक उन्होंने नहीं देखा है.


एटीएस को उज्जैन का मिला है लिंक, रांची में भी हैं पैडलर्स:रांची में ब्राउन शुगर, कोकीन और एम्फैटेमिन पाउडर का लिंक उज्जैन में मिला है. एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उज्जैन से भारी मात्रा में ड्रग्स झारखंड लाया जा रहा है. गिरफ्तार तस्करों ने राजधानी रांची के कई ऐसे लोगों का नाम भी बताए हैं जो ड्रग्स के धंधे में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए झारखंड एटीएस की टीम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के संपर्क में है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और झारखंड एटीएस की एक संयुक्त टीम झारखंड में काम कर रहे ड्रग्स कार्टेल के नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में है.

ये भी पढ़ें-एंटी क्राइम चेकिंग में आदित्यपुर पुलिस को सफलता, ब्राउन शुगर के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

झारखंड में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में एटीएसः जांच में कई अहम जानकारियां एटीएस को मिली है जिसके आधार पर कई लोग ड्रग्स को लेकर निशाने पर हैं. मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर जल्द ही एटीएस का एक बड़ी कार्रवाई झारखंड में देखने को मिलेगी.

रांची: महानगरों का नशा अब छोटे शहरों को भी अपनी जद में लेने लगा है. झारखंड एटीएस की टीम में पिछले दिनों झारखंड से पहली बार एम्फैटेमिन पाउडर के साथ तीन ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तस्करों के पास से ब्राउन शुगर के साथ 50 लाख से अधिक का एम्फैटेमिन पाउडर भी बरामद किया गया था. 50 लाख के एम्फैटेमिन पाउडर मिलने के बाद एटीएस के साथ-साथ झारखंड एनसीबी भी अलर्ट हो गई है.

ये भी पढ़ें-होम डिलीवरी से ड्रग बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, लाखों के माल के साथ 6 तस्कर गिरफ्तार

कोकीन का विकल्प बना है एम्फैटेमिन पाउडर: राजधानी रांची सहित जमशेदपुर, बोकारो, पलामू और धनबाद जैसे शहरों में ड्रग्स का कारोबार तेजी के साथ फल-फूल रहा है. नशे के आदि होते युवाओं के बीच अब एक और ड्रग्स उनके बीच प्रचलित हो चला है. उस ड्रग्स का नाम है एम्फैटेमिन. पाउडर और टेबलेट के रूप में मिलने वाला यह ड्रग्स अब छोटे शहरों में भी अपनी पहुंच बना चुका है. झारखंड एटीएस ने मंगलवार ने 50 लाख रुपए के एम्फैटेमिन पाउडर के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था.

कोकिन महंगा पड़ने के कारण एम्फैटेमिन की बिक्री बढ़ीः दरअसल, जानकार बताते हैं कि झारखंड के छोटे राज्यों में जो ड्रग्स नशे के लिए बेचे जाते हैं उनमें सबसे महंगा कोकीन होता है. कोकीन के बाद ब्राउन शुगर नशे के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है.चूंकि कोकीन बेहद महंगा नशा होता है इस कारण कोकीन के विकल्प के रूप में एम्फैटेमिन पाउडर की बिक्री होने लगी. जानकार बताते हैं कि एम्फैटेमिन पाउडर की तस्करी का अंतर्राष्ट्रीय लिंक है.

म्यांमार से लाया जाता है एम्फैटेमिन पाउडरः म्यांमार जैसे देश में इस पाउडर का निर्माण होता है और फिर वहं से तस्कर इसे भारत लाते हैं. वर्ष 2015 से ही महानगरों में इस ड्रग्स का प्रचलन शुरू हो गया था. धीरे-धीरे अब इसका प्रयोग झारखंड जैसे राज्यों में भी हो रहा है. एटीएस के पूछताछ में गिरफ्तार तस्करों ने यह खुलासा किया है कि वे लोग उज्जैन से एम्फैटेमिन पाउडर लाते हैं, हालांकि देने वाले की शक्ल उन्होंने कभी नहीं देखी.

एक पुड़िया एम्फैटेमिन पाउडर 150 रुपए में बेची जाती हैः पूछताछ में तस्करों ने यह भी खुलासा किया है कि एक पुड़िया एम्फैटेमिन पाउडर 150 रुपए और एक टैबलेट 90 रुपए में बिक्री होती है. जबकि कोकीन 500 में एक पुड़िया और ब्राउन शुगर 450 में एक पुड़िया मिलता है. जो लोग कोकीन का इस्तेमाल करते आये हैं उनके लिए कोकीन जैसा ही नशा सस्ते में ही एम्फैटेमिन पाउडर से मिल रहा है, यही वजह है कि हाल के दिनों में इसकी तस्करी बढ़ी है.


10 घंटे तक रहता है एम्फैटेमिन का प्रभावः रांची रिनपास के मनोचिकित्सक जेके सोलंकी नशे के आदी बन चुके युवाओं की काउंसेलिंग कर उन्हें वापस नई जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करते हैं. डॉक्टर जेके सोलंकी के अनुसार हाल के दिनों में कई तरह के ड्रग्स युवाओं के द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे हैं. दरअसल, आज के युवा लंबे समय तक नशे में रहना चाहते हैं. यही वजह है कि वे ऐसे ड्रग्स को इस्तेमाल कर रहे हैं, जो काफी देर तक उनके शरीर पर प्रभाव डाले. एम्फैटेमिन पाउडर भी उसी में से एक है. इसका नशा 10 घंटे से ज्यादा तक रहता है. इस ड्रग्स को लेने वाला व्यक्ति बेहद उत्तेजक हो जाता है.


कुरियर के लिए इस्तेमाल हो रही हैं महिलाएं: ड्रग्स कुरियर के रूप में अधेड़ महिलाओं का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है. झारखंड एटीएस की टीम ने जब एक करोड़ की ड्रग्स की खेप पकड़ी थी उस दौरान भी दो अधेड़ महिलाएं पकड़ी गईं थीं. पूछताछ में दोनों महिलाओं ने एटीएस को यह बताया था कि उन्हें सिर्फ ड्रग्स को पहुंचाने की जिम्मेवारी मिली थी. इसके एवज में उन्हें 20 हजार रुपए मिले थे. ड्रग्स के तस्कर हर बार ट्रेन से आदमी या औरत जो भी हो उन्हें बदल-बदल कर कुरियर के रूप में इस्तेमाल करते हैं. पूछताछ में गिरफ्तार महिलाओं ने एटीएस को यह बताया है कि इससे पहले भी वह कई बार ड्रग्स कुरियर के रूप में काम कर चुकी हैं, लेकिन ड्रग्स देने वाले का चेहरा आज तक उन्होंने नहीं देखा है.


एटीएस को उज्जैन का मिला है लिंक, रांची में भी हैं पैडलर्स:रांची में ब्राउन शुगर, कोकीन और एम्फैटेमिन पाउडर का लिंक उज्जैन में मिला है. एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उज्जैन से भारी मात्रा में ड्रग्स झारखंड लाया जा रहा है. गिरफ्तार तस्करों ने राजधानी रांची के कई ऐसे लोगों का नाम भी बताए हैं जो ड्रग्स के धंधे में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए झारखंड एटीएस की टीम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के संपर्क में है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और झारखंड एटीएस की एक संयुक्त टीम झारखंड में काम कर रहे ड्रग्स कार्टेल के नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में है.

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झारखंड में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में एटीएसः जांच में कई अहम जानकारियां एटीएस को मिली है जिसके आधार पर कई लोग ड्रग्स को लेकर निशाने पर हैं. मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर जल्द ही एटीएस का एक बड़ी कार्रवाई झारखंड में देखने को मिलेगी.

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