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नागालैंड से तस्करी कर उग्रवादियों तक पहुंचता है हथियार , NIA की जांच में खुलासा - पीएलएफआई पर एनआईए का शिकंजा

झारखंड में माओवादियों को नागालैंड से हथियार पहुंचाया जाता है. इस मामले में एनआईए ने कई अहम खुलासे किए हैं. एनआईए की जांच में यह बात भी सामने आई है कि झारखंड में गिरोह के जरिये रांची के बैंक ऑफ बड़ौदरा और सरकुलर रोड स्थित एक्सिस बैंक में भी खाते खोले गए थे, जहां से पैसे का लेनदेन भी चलता था.

नागालैंड से तस्करी कर उग्रवादियों तक पहुंचता है हथियार
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Published : Oct 2, 2019, 1:26 AM IST

रांची: झारखंड में उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी, पीएलएफआई को नागालैंड से हथियारों की खेप पहुंचती है. एनआईए ने हथियारों की डील से जुड़े केस आरसी 5/19 की जांच में कई अहम खुलासे किए हैं.

रिमांड पर लेने के बाद हुआ खुलासा
एनआईए ने इस मामले में आरा कोर्ट में सरेंडर करने वाले हथियार तस्कर संतोष सिंह को रिमांड पर लिया है. संतोष से पहले इस केस में गिरफ्तार हो चुके मुकेश सिंह, त्रिपुरारी सिंह ने एनआईए के सामने आर्म्स तस्कर रैकेट के संबंध में कई खुलासे किए हैं. मुकेश को रांची के अरगोड़ा से , जबकि त्रिपुरारी को लातेहार के नेतरहाट से गिरफ्तार किया गया था. अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह ने 50 से अधिक एके 47 की सप्लाई नक्सलियों को की है. जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि सबसे अधिक एके47 टीपीसी नक्सलियों तक पहुंची थी.

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कैसे काम कर रहा हथियार तस्करों का नेटवर्क
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई- एम) का नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम झारखंड-बिहार में नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है. म्यांमार से मणिपुर के रास्ते हथियारों की इंट्री होती है. गिरोह के लोग झारखंड बिहार के कई हाईप्रोफाइल लोगों का आर्म्स लाइसेंस भी नागालैंड से फर्जी कागजात के जरिए बनवाते हैं. जानकारी के अनुसार आखान सांगथम अलगाववादी संगठन एनएससीएन आईएम ग्रुप का कप्तान है. दीमापुर में रहने वाले मुकेश और संतोष सिंह आखान सांगथम के लिए काम करते थे. सूरज नाम के युवक को बतौर हैंडलर काम पर रखा गया था. नागालैंड नंबर के ट्रक और एक डिजायर कार से एके 47, यूजीबीएल राइफल की तस्करी होती थी. नागा लोग म्यांमार बोर्डर से मणिपुर उखरूल के रास्ते से शक्तिमान गाड़ी से हथियार लाते हैं. नागालैंड से वर्मा जाने और हथियार लाने में तीन से चार दिनों का वक्त लगता है. एक बार में तीन से चार विदेशी हथियार लाए जाते हैं.

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रांची के एक्सिस व बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में आते थे पैसे
एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि झारखंड में गिरोह के जरिये रांची के चर्च रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदरा और सरकुलर रोड स्थित एक्सिस बैंक में भी खाते खोले गए थे. यहां अभिजीत नाम के एक युवक ने हवाला के जरिए पैसे भिजवाने में मदद की थी. आर्म्स तस्कर मुकेश और संतोष हथियार को रूपया हवाला के जरिए दिलवाने में राजू नाम का एक युवक भी मददगार था, जिसे कमीशन के तौर पर खूब पैसे दिए जाते थे.

झारखंड में कब कब पकड़ाए विदेशी हथियार

  • चतरा में जनवरी महीने में गिरफ्तार भाकपा माओवादी अजय यादव के पास से मेड इन इंग्लैंड स्प्रिंग रायफल मिले थे.
  • लातेहार में साल 2015 में आठ अमेरिकी रायफल मिले थे.
  • रांची पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को भेजे जा रहे अमेरिकी ग्रेनेड लॉचर की बरामदगी की थी. इस लॉचर का इस्तेमाल पाकिस्तानी और म्यांमार आर्मी करती थी.
  • सिमडेगा, हजारीबाग में भारी पैमाने पर विदेशी हथियारों की बरामदगी हुई थी, इन मामलों में एनआईए अलग से जांच कर रही है.
  • सिमडेगा में पाकिस्तानी कारतूस बरामद किया गया था.
  • हजारीबाग में अमेरिकी रायफल की बरामदगी उग्रवादियों के पास से हुई थी. इस केस को बाद में एनआईए ने टेकओवर किया था.

14 मार्च 2019 को एनआईए को सौंपा गया था जांच का जिम्मा
साल 2019 के ही मार्च महीने में झारखंड-बिहार में अवैध विदेशी हथियारों की तस्करी के आरोपी नागा नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एनआईए ने जांच शुरू की थी. नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई-एम) का नेता नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है. इसकी पुख्ता जानकारी एनआईए को मिली थी. इनका रैकेट म्यांमार से मणिपुर के रास्ते उग्रवादियों-अपराधियों तक हथियार पहुंचाता है. एनआईए ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 5/19 दर्ज कर अलगाववादी नागा नेता आखान सांगथम समेत अन्य को आरोपी बनाया था. 2019 फरवरी महीने में आर्म्स तस्करों की गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करों के इस रैकेट का खुलासा हुआ था.

रांची: झारखंड में उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी, पीएलएफआई को नागालैंड से हथियारों की खेप पहुंचती है. एनआईए ने हथियारों की डील से जुड़े केस आरसी 5/19 की जांच में कई अहम खुलासे किए हैं.

रिमांड पर लेने के बाद हुआ खुलासा
एनआईए ने इस मामले में आरा कोर्ट में सरेंडर करने वाले हथियार तस्कर संतोष सिंह को रिमांड पर लिया है. संतोष से पहले इस केस में गिरफ्तार हो चुके मुकेश सिंह, त्रिपुरारी सिंह ने एनआईए के सामने आर्म्स तस्कर रैकेट के संबंध में कई खुलासे किए हैं. मुकेश को रांची के अरगोड़ा से , जबकि त्रिपुरारी को लातेहार के नेतरहाट से गिरफ्तार किया गया था. अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह ने 50 से अधिक एके 47 की सप्लाई नक्सलियों को की है. जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि सबसे अधिक एके47 टीपीसी नक्सलियों तक पहुंची थी.

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कैसे काम कर रहा हथियार तस्करों का नेटवर्क
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई- एम) का नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम झारखंड-बिहार में नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है. म्यांमार से मणिपुर के रास्ते हथियारों की इंट्री होती है. गिरोह के लोग झारखंड बिहार के कई हाईप्रोफाइल लोगों का आर्म्स लाइसेंस भी नागालैंड से फर्जी कागजात के जरिए बनवाते हैं. जानकारी के अनुसार आखान सांगथम अलगाववादी संगठन एनएससीएन आईएम ग्रुप का कप्तान है. दीमापुर में रहने वाले मुकेश और संतोष सिंह आखान सांगथम के लिए काम करते थे. सूरज नाम के युवक को बतौर हैंडलर काम पर रखा गया था. नागालैंड नंबर के ट्रक और एक डिजायर कार से एके 47, यूजीबीएल राइफल की तस्करी होती थी. नागा लोग म्यांमार बोर्डर से मणिपुर उखरूल के रास्ते से शक्तिमान गाड़ी से हथियार लाते हैं. नागालैंड से वर्मा जाने और हथियार लाने में तीन से चार दिनों का वक्त लगता है. एक बार में तीन से चार विदेशी हथियार लाए जाते हैं.

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रांची के एक्सिस व बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में आते थे पैसे
एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि झारखंड में गिरोह के जरिये रांची के चर्च रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदरा और सरकुलर रोड स्थित एक्सिस बैंक में भी खाते खोले गए थे. यहां अभिजीत नाम के एक युवक ने हवाला के जरिए पैसे भिजवाने में मदद की थी. आर्म्स तस्कर मुकेश और संतोष हथियार को रूपया हवाला के जरिए दिलवाने में राजू नाम का एक युवक भी मददगार था, जिसे कमीशन के तौर पर खूब पैसे दिए जाते थे.

झारखंड में कब कब पकड़ाए विदेशी हथियार

  • चतरा में जनवरी महीने में गिरफ्तार भाकपा माओवादी अजय यादव के पास से मेड इन इंग्लैंड स्प्रिंग रायफल मिले थे.
  • लातेहार में साल 2015 में आठ अमेरिकी रायफल मिले थे.
  • रांची पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को भेजे जा रहे अमेरिकी ग्रेनेड लॉचर की बरामदगी की थी. इस लॉचर का इस्तेमाल पाकिस्तानी और म्यांमार आर्मी करती थी.
  • सिमडेगा, हजारीबाग में भारी पैमाने पर विदेशी हथियारों की बरामदगी हुई थी, इन मामलों में एनआईए अलग से जांच कर रही है.
  • सिमडेगा में पाकिस्तानी कारतूस बरामद किया गया था.
  • हजारीबाग में अमेरिकी रायफल की बरामदगी उग्रवादियों के पास से हुई थी. इस केस को बाद में एनआईए ने टेकओवर किया था.

14 मार्च 2019 को एनआईए को सौंपा गया था जांच का जिम्मा
साल 2019 के ही मार्च महीने में झारखंड-बिहार में अवैध विदेशी हथियारों की तस्करी के आरोपी नागा नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एनआईए ने जांच शुरू की थी. नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई-एम) का नेता नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है. इसकी पुख्ता जानकारी एनआईए को मिली थी. इनका रैकेट म्यांमार से मणिपुर के रास्ते उग्रवादियों-अपराधियों तक हथियार पहुंचाता है. एनआईए ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 5/19 दर्ज कर अलगाववादी नागा नेता आखान सांगथम समेत अन्य को आरोपी बनाया था. 2019 फरवरी महीने में आर्म्स तस्करों की गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करों के इस रैकेट का खुलासा हुआ था.

Intro:नागालैंड से तस्करी कर उग्रवादियों तक पहुंचता है हथियार , NIA की जांच में खुलासा

रांची।
झारखंड में उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी, पीएलएफआई को नागालैंड से हथियारों की खेंप पहुंचती है। एनआईए ने हथियारों की डील से जुड़े केस आरसी 5/19 की जांच में कई अहम खुलासे किए हैं।

रिमांड पर लेने के बाद हुआ खुलासा

एनआईए ने इसी मामले में आरा कोर्ट में सरेंडर करने वाले हथियार  तस्कर संतोष सिंह को रिमांड पर लिया है। संतोष के पहले इस केस में गिरफ्तार हो चुके मुकेश सिंह, त्रिपुरारी सिंह ने एनआईए के समक्ष आर्म्स तस्कर रैकेट के संबंध में कई खुलासे किए हैं। मुकेश को रांची के अरगोड़ा जबकि त्रिपुरारी को लातेहार के नेतरहाट से गिरफ्तार किया गया था। अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि हथियार सप्लायी करने वाले गिरोह ने 50 से अधिक एके 47 की सप्लायी नक्सलियों को की है।  जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि सबसे अधिक एक के 47 टीपीसी नक्सलियो तक पहुची थी।


कैसे काम कर रहा हथियार तस्करों का नेटवर्क

नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई- एम) का नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम झारखंड- बिहार में नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है। म्यांमार से मणिपुर के रास्ते हथियारों की इंट्री होती है।  गिरोह के लोग झारखंड बिहार के कई हाईप्रोफाइल लोगों का आर्म्स लाइसेंस भी नागालैंड से फर्जी कागजात के जरिए बनवाते हैं। जानकारी के मुताबिक,आखान सांगथम अलगाववादी संगठन एनएससीएन आईएम ग्रुप का कप्तान है। दीमापुर में रहने वाले मुकेश और संतोष सिंह आखान सांगथम के लिए काम करते थे। सूरज नाम के युवक को बतौर हैंडलर काम पर रखा गया था। नागालैंड नंबर के ट्रक और एक डिजायर कार से एके 47, यूजीबीएल राइफल की तस्करी होती थी। नागा लोग म्यांमार बोर्डर से मणिपुर उखरूल के रास्ते से शक्तिमान गाड़ी से हथियार लाते हैं। नागालैंड से वर्मा जाने व हथियार लाने में तीन से चार दिनों का वक्त लगता है। एक बार में तीन से चार विदेशी हथियार आते हैं।

रांची के एक्सिस व बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में आते थे पैसे

एनआईए की जांच में यह बात सामने आयी है कि झारखंड में गिरोह के द्वारा रांची के चर्च रोड स्थित बैंक आफ बड़ौदरा और सरकुलर रोड स्थित एक्सिस बैंक में भी खाते खोले गए थे। यहां अभिजीत नाम के एक युवक ने हवाला के जरिए पैसे भिजवाने में मदद की थी। आर्म्स तस्कर मुकेश और संतोष हथियार को रूपया हवाला के जरिए दिलवाने में राजू नाम का एक युवक भी मददगार था। जिसे कमीशन के तौर पर खूब पैसे दिए जाते थे।

झारखंड में कब कब पकड़ाए विदेशी हथियार
- चतरा में जनवरी महीने में गिरफ्तार भाकपा माओवादी अजय यादव के पासे से मेड इन इंग्लैंड स्प्रिंग रायफल मिले थे।
- लातेहार में साल 2015 में आठ अमेरिकी रायफल मिले थे।
- रांची पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को भेजे जा रहे अमेरिकी ग्रेनेड लॉचर की बरामदगी की थी। इस लॉचर का इस्तेमाल पाकिस्तानी व म्यांमार आर्मी के द्वारा किया जाता था।
- सिमडेगा, हजारीबाग में भारी पैमाने पर विदेशी हथियारों की बरामदगी हुई थी, इन मामलों में एनआईए अलग से जांच कर रही है। सिमडेगा में पाकिस्तानी कारतूस जबकि हजारीबाग में अमेरिकी रायफल की बरामदगी उग्रवादियों के पास से हुई थी। इस केस को बाद में एनआईए ने टेकओवर किया था।

14 मार्च 2019 को एनआईए को सौंपा गया था जांच का जिम्मा

साल 2019 के ही मार्च महीने में झारखंड-बिहार में अवैध विदेशी हथियारों की तस्करी के आरोपी नागा नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एनआईए ने जांच शुरू की थी। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड(आई-एम) का नेता नक्सलियों तक विदेशी हथियार की तस्करी कराता है इसकी पुख्ता जानकारी एनआईए को मिली थी। इनका रैकेट म्यांमार से मणिपुर के रास्ते उग्रवादियों -अपराधियों तक हथियार पहुंचाता है। एनआईए ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 5/19 दर्ज कर अलगाववादी नागा नेता आखान सांगथम समेत अन्य को आरोपी बनाया था।2019 फरवरी महीने में आर्म्स तस्करों की गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करों के इस रैकेट का खुलासा हुआ था।

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