रांची: झारखंड में अपराध के बदलते स्वरूप और अपराध में तकनीक के बढ़ते प्रयोग के बीच पुलिस के अनुसंधान को कैसे बेहतर बनाया जाए ताकि अपराधियों को सजा दिलाई जा सके. इसके लिए जूनियर अफसरों को ट्रेंड किया जा रहा है. इसके तहत रांची के होटवार स्थित इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल में राज्य के अलग-अलग जिलों से बुलाए गए 48 सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अफसरों को बेहतर अपराध अनुसंधान की ट्रेनिंग दी गई.
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होटवार स्थित इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल में इन एसआई स्तर के अधिकारियों को अपराध के नए स्वरूप, अनुसंधान की नई तकनीक, कानूनों में बदलाव के साथ-साथ साइबर, फॉरेंसिक, एक्सप्लोसिव साइंस, ड्रग्स, नकली नोट, हथियार और कारतूस की परख के साथ-साथ मामलों को सुलझाने के लिए क्राइम सीन कैसे क्रिएट किया जाय यह सिखाया गया.
शनिवार को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल में एक डेमोंस्ट्रेशन सेंटर का उद्घाटन भी किया (Demonstration Center Inauguration). इस डेमोंसट्रेशन सेंटर में आपराधिक वारदातों को सुलझाने के लिए वैसी तमाम चीजें उपलब्ध हैं, जिनका अगर बारीकी से अध्ययन किया जाए तो किसी भी जटिल से जटिल केस को सुलझाया जा सकता है.
डीजीपी ने किया पुस्तक का विमोचनः अपराध के नए स्वरूप को समझने के लिए डीजीपी द्वारा एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया. इस पुस्तक में तमाम तरह की वे जानकारियां उपलब्ध हैं जो जटिल वारदातों को सुलझाने में मददगार होंगी.