लखनऊ : रांची में पुलिस सुरक्षा के बीच बहुचर्चित महिला सुषमा बड़ाईक को दिनदहाड़े गोली मारने वाले (Shohrab shooter shot Sushma Badaik in Ranchi) सलीम-शोहराब-रुस्तम गैंग के दो शूटरों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. दोनों शूटर राजधानी के ठाकुरगंज व बाजारखाला के रहने वाले हैं. बीती 13 दिसंबर 2022 को बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के सहजानंद चौक के समीप सुषमा बड़ाईक की गोली मार दी थी. सुषमा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. आईपीएस अधिकारी पर मामला दर्ज कराने के बाद वह चर्चा में आ गई थीं, तभी से सुषमा बड़ाईक को बॉडीगार्ड दिया गया था.
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यूपी एसटीएफ के एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया है कि 'रांची की चर्चित महिला सुषमा बड़ाईक को पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद सहजानंद चौक के बीच में दिनदहाड़े गोली मारी गयी थी, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शूटर की पहचान हुई थी. रांची पुलिस ने यूपी एसटीएफ से शूटर की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगने पर डिप्टी एसपी दीपक कुमार के तत्वावधान में एक टीम गठित की थी. टीम को गुरुवार को सूचना मिली कि सुषमा बड़ाईक को गोली मारने वाले शूटर दुबग्गा, ठाकुरगंज निवासी फरहान खान व बाजारखाला निवासी मुद्दसिर लक्ष्मण विहार फाटक के पास ताज काम्प्लेक्स के सामने पारा रोड, राजाजीपुरम में मौजूद हैं, जिसके बाद टीम ने जाल बिछा कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
शूटर की बहन की दानिश रिजवान से हुई थी शादी : पूछताछ पर शूटर फरहान ने बताया कि 'वह कई वर्षों से सलीम-शोहराब-रुस्तम गैंग का सक्रिय सदस्य है और लखनऊ में कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है. साल 2020 में उसकी बहन अमरीन की शादी आरा, बिहार के रहने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान के साथ हुई थी. दो-तीन महीने पहले उसकी बहन अमरीन एवं बहनोई दानिश रिजवान उसके घर लखनऊ आए थे, जहां पर मुझे मेरे बहनोई दानिश रिजवान के द्वारा बताया गया कि रांची की रहने वाली एक महिला सुषमा बड़ाईक उर्फ़ पद्मा बड़ाईक जिसने झारखंड के आईजी, आईपीएस नटराजन समेत कई लोगों के विरुद्ध यौन-शोषण व बलात्कार के मुकदमें दर्ज कराए हैं, वह मेरे ऊपर भी यौन-शोषण करने के आरोप में केस दर्ज कराने का प्रयास कर रही है. जिसके सम्बन्ध में उच्च न्यायालय रांची में पिटीशन भी दाखिल की है, जिसमें सुषमा बड़ाईक द्वारा मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि उसके बेटे का पिता मैं हूं.'
फरहान ने पूछताछ में कबूल किया कि 'मेरे बहनोई ने सुषमा की हत्या करवाने के लिए रुपए का ऑफर दिया व हथियार, गाड़ी की व्यवस्था भी कराने के लिए भी कहा तो मैं इस काम को करने के लिए तैयार हो गया. मैंने अपने बहनोई दानिश की मुलाकात अपने दोस्त मुद्दसिर जो कि बाजारखाला के पास का रहने वाला है और गुड्डु उर्फ उमर जो बारुद खाना, चिकमन्डी, लखनऊ का रहने वाला से कराई और वहीं पर हम लोगों ने सुषमा को मारने का प्लान बनाया. कुछ दिनों बाद दानिश ने मुझे पटना बुलाया, जहां पर मुझे दानिश रिजवान के द्वारा दो पिस्टल तथा 12 कारतूस व लगभग 30 हजार रुपए दिए गए तथा सुषमा बड़ाईक की फोटो आदि उपलब्ध कराई गयी. मैं पिस्टल व 12 कारतूस लेकर लखनऊ आ गया. इसके बाद मैं 22 नवंबर 2022 को रांची, गुड्डु उर्फ उमर के साथ गया, जहां पर दानिश रिजवान के द्वारा मुझे सुषमा बड़ाईक के प्लाजा चौक के पास वाले घर तथा हरमू चौक के पास स्थित घर का पता बताया. मैं और गुड्डू दोनों वहां जाकर अच्छे से रेकी कर हर एक जगह को समझ कर वापस लखनऊ आ गए. फिर कुछ दिन बाद मैनें गुड्डू को 12 हजार रुपए दिए व एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था करने को कहा, जिससे रांची में जाकर ये काम आसानी से किया जा सके. गुड्डू के द्वारा चोरी की एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था की गई जिस पर फर्जी नंबर लगाकर गुड्डू द्वारा बाईरोड लखनऊ से रांची ले जाया गया. मैं और मुद्दसिर बस द्वारा 5 दिसम्बर को पहुंचे. घटना करने के बाद हमें कोई ट्रेस न कर सके इसलिए हम तीनों लोग अपने मोबाइलों को लखनऊ में ही बन्द करके आए थे.'
फरहान ने बताया कि '5 से 12 दिसम्बर तक हम लोगों ने कई बार सुषमा को मारने का प्रयास किया, लेकिन सफल न हो सके. 12 दिसम्बर को दानिश रिजवान के द्वारा मुझे बताया गया कि 13 दिसम्बर को सुषमा किसी केस के सिलसिले में हाईकोर्ट जाने वाली है उस दिन काम करके निकल जाना. मैं और मेरा दोस्त मुद्दसिर और गुड्डू तीनों 13 तारीख को सुषमा के प्लाजा चौक वाले घर के आगे खड़े होकर रेकी करने लगे. उस दिन मैं मोटरसाइकिल चला रहा था व मुद्दसिर व गुड्डू असलहों के साथ पीछे बैठे हुए थे. लगभग साढ़े 8 बजे के बाद सुषमा अपने साथ एक छोटा लड़का जो मोटरसाइकिल के बीच में बैठा हुआ व एक बाॅडीगार्ड के साथ मोटरसाइकिल पर प्लाजा चौक के पास वाले घर से निकली. प्लाजा चौक होते हुए वे हरमू चौक वाले घर गयी, फिर उसके साथ जो छोटा लड़का था उसको वहां छोड़कर अपने बाॅडीगार्ड के साथ घर से बाहर निकलकर हरमु चौक की ओर जाने लगी. हम तीनों भी तेजी से मोटरसाइकिल से आगे बढ़े. हरमु चौक से थोड़ा आगे बढ़ने पर मैंने अपनी मोटरसाइकिल सुषमा के पास सटा दी और सुषमा बड़ाईक को निशाना बनाते हुए मुद्दसिर व गुड्डू द्वारा 5 फायर किए गए. गोली लगने पर सुषमा वहीं पर गिर गई, फिर हम तीनों वहां से मोटरसाइकिल से भागते हुए मेन रोड तक आए जहां मोटरसाइकिल को पार्किंग में लगाकर बस द्वारा गया, वाराणसी होते हुए लखनऊ आ गए.'