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अशोक नगर को-ऑपेरिटव सोसाइटी फिर से बहाल, निबंधक ने समिति को 4 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश - रांची की सर्विसेज हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी फिर से बहाल

रांची के सर्विसेज हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी को फिर से बहाल कर दिया गया है. झारखंड सहयोग समिति के निबंधक ने समिति को सभी गड़बड़ियों को दूर कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

Services Housing Co-operative Society of Ranchi restored
अशोक नगर को-ऑपेरिटव सोसाइटी फिर से बहाल
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Published : Dec 23, 2020, 7:11 AM IST

रांची: राजधानी के अशोक नगर की सर्विसेज हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी को फिर से बहाल कर दिया गया है. झारखंड सहयोग समिति के निबंधक ने मंगलवार को समिति को जांच में सहयोग का आदेश दिया. इसके साथ ही निलंबित समिति को फिर से बहाल करने का आदेश जारी कर दिया.

सहकारिता पदाधिकारी ने की थी जांच

निबंधक ने समिति को सभी गड़बड़ियों को दूर कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले में पहले से बनी जांच समिति को पूरा सहयोग करने का निर्देश भी दिया है. इससे पहले निबंधक की ओर से समिति की गड़बड़ी की जांच जिला सहकारिता पदाधिकारी से कराई गई थी, जिसमें कई गड़बड़ियां पाईं गईं थीं. इसके बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट निबंधक को दी थी. इस पर सोसाइटी समिति को निलंबित कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें-प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के क्रियान्वयन में देश में झारखंड को मिला पहला स्थान

बोर्ड के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थे निबंधक

सोसाइटी पर समिति के सदस्यों को आवंटित भूखंडों पर तीन वर्षों तक निर्माण नहीं कराने, आवास बोर्ड के पत्र के आधार पर अधिक्रमित 2.10 एकड़ भूमि और आवंटित रिक्त प्लॉटों की वापसी संबंधी कार्रवाई उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है. जिला सहकारिता पदाधिकारी से 12 बिंदुओं पर जांच कराई गई थी, जिसमें सदस्यों को प्राप्त प्लॉट, सदस्यों को आवंटित प्लॉटों में निर्मित भवनों का आवासीय उपयोग और भूखंडधारियों की ओर से निर्मित भवन का व्यावसायिक उपयोग में लाए जाने संबंधी कार्यों का आरोप भी था. इस संबंध में बोर्ड ने जो स्पष्टीकरण दिया था, उससे निबंधक संतुष्ट नहीं थे.

रांची: राजधानी के अशोक नगर की सर्विसेज हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी को फिर से बहाल कर दिया गया है. झारखंड सहयोग समिति के निबंधक ने मंगलवार को समिति को जांच में सहयोग का आदेश दिया. इसके साथ ही निलंबित समिति को फिर से बहाल करने का आदेश जारी कर दिया.

सहकारिता पदाधिकारी ने की थी जांच

निबंधक ने समिति को सभी गड़बड़ियों को दूर कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले में पहले से बनी जांच समिति को पूरा सहयोग करने का निर्देश भी दिया है. इससे पहले निबंधक की ओर से समिति की गड़बड़ी की जांच जिला सहकारिता पदाधिकारी से कराई गई थी, जिसमें कई गड़बड़ियां पाईं गईं थीं. इसके बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट निबंधक को दी थी. इस पर सोसाइटी समिति को निलंबित कर दिया गया था.

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बोर्ड के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थे निबंधक

सोसाइटी पर समिति के सदस्यों को आवंटित भूखंडों पर तीन वर्षों तक निर्माण नहीं कराने, आवास बोर्ड के पत्र के आधार पर अधिक्रमित 2.10 एकड़ भूमि और आवंटित रिक्त प्लॉटों की वापसी संबंधी कार्रवाई उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है. जिला सहकारिता पदाधिकारी से 12 बिंदुओं पर जांच कराई गई थी, जिसमें सदस्यों को प्राप्त प्लॉट, सदस्यों को आवंटित प्लॉटों में निर्मित भवनों का आवासीय उपयोग और भूखंडधारियों की ओर से निर्मित भवन का व्यावसायिक उपयोग में लाए जाने संबंधी कार्यों का आरोप भी था. इस संबंध में बोर्ड ने जो स्पष्टीकरण दिया था, उससे निबंधक संतुष्ट नहीं थे.

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