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Ranchi News: रिनपास की प्रभारी निदेशक के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट ने लगाए गंभीर आरोप, सीएम और एसीबी को पत्र लिख जांच की मांग

आरीटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार ने रिनपास की प्रभारी निदेशक जयति सिमलई पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है.

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Serious Allegations Against Acting Director RINPAS
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Published : Mar 15, 2023, 12:51 PM IST

रांची: राजधानी में मानसिक रोगियों के लिए नामी अस्पताल रिनपास की प्रभारी निदेशक जयति सिमलई की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है. दरअसल आरीटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार नाम के शख्स ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त कर प्रभारी निदेशक जयति सिमलई के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और एसीबी से शिकायत की है.

ये भी पढे़ं-RINPAS में अधिकतर दवाओं का स्टॉक खत्म, मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही दवा

त्याग पत्र देकर गलत ढंग से दोबारा रिनपास ज्वाइन करने की शिकायतः शिकायत पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि जयति सिमलई ने वर्ष 2005 में रिनपास में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया था. दो साल बाद उनका चयन रिम्स अस्पताल के मनोरोग विभाग में हो गया. जिसके बाद उन्होंने रिनपास के तत्कालीन निदेशक से रिलीव करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद तत्कालीन निदेशक ने जयति सिमलई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें रिनपास की सेवा से विरमित कर दिया था.आरोप है कि इसके बावजूद जयति सिमलई ने फिर अपने पुराने त्यागपत्र को वापस लेने का आवेदन देकर तत्कालीन निदेशक से दोबारा रिनपास में नियुक्ति करायी, जो पूरी तरह से गैर कानूनी है.

नियम विरुद्ध दोबार रिनपास में जयति सिमलई की नियुक्ति पर उठाए सवालः इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार ने शिकायत दर्ज कराते हुए सवाल उठाया है कि किसी भी सरकारी संस्था से त्यागपत्र देने के बाद जब किसी का त्यागपत्र स्वीकृत हो गई तो फिर वो दोबारा उसी संस्था में कैसे ज्वाइन कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक तो उन्होंने गलत तरीके से दोबारा रिनपास ज्वाइन कर लिया और फिर वर्ष 2007 से लगातार रिनपास में कार्य कर रही हैं.

रिनपास में वित्तीय अनियमितता करने का लगाया आरोपः वहीं वर्ष 2015 में जयति सिमलई को रिनपास का प्रभारी निदेशक भी बना दिया गया. आरोप है कि प्रभारी निदेशक बनने के महज छह महीने में ही जयति ने कई वित्तीय अनियमितता की. जिसको देखते हुए प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और तत्कालीन प्रमंडल आयुक्त केके खंडेलवाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से जयति सिमलई को प्रभारी निदेशक के पद से हटाने की अनुशंसा भी की थी.

मुख्यमंत्री और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने की मांगः आरटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से मांग की है कि जयति सिमलाई के कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितता की जांच की जाए, ताकि दवाई खरीद सहित मरीजों की सुविधा के लिए जुटाए गए संसाधनों में किए गए घोटाले का पर्दाफाश हो सके.अब देखने वाली बात होगी कि उत्तम कुमार की शिकायत के बाद मानसिक रोगियों के लिए प्रख्यात अस्पताल रिनपास (RINPAS) की प्रभारी निदेशक जयति सिमलाई पर क्या कुछ कार्रवाई होती है.

रांची: राजधानी में मानसिक रोगियों के लिए नामी अस्पताल रिनपास की प्रभारी निदेशक जयति सिमलई की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है. दरअसल आरीटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार नाम के शख्स ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त कर प्रभारी निदेशक जयति सिमलई के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और एसीबी से शिकायत की है.

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त्याग पत्र देकर गलत ढंग से दोबारा रिनपास ज्वाइन करने की शिकायतः शिकायत पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि जयति सिमलई ने वर्ष 2005 में रिनपास में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया था. दो साल बाद उनका चयन रिम्स अस्पताल के मनोरोग विभाग में हो गया. जिसके बाद उन्होंने रिनपास के तत्कालीन निदेशक से रिलीव करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद तत्कालीन निदेशक ने जयति सिमलई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें रिनपास की सेवा से विरमित कर दिया था.आरोप है कि इसके बावजूद जयति सिमलई ने फिर अपने पुराने त्यागपत्र को वापस लेने का आवेदन देकर तत्कालीन निदेशक से दोबारा रिनपास में नियुक्ति करायी, जो पूरी तरह से गैर कानूनी है.

नियम विरुद्ध दोबार रिनपास में जयति सिमलई की नियुक्ति पर उठाए सवालः इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार ने शिकायत दर्ज कराते हुए सवाल उठाया है कि किसी भी सरकारी संस्था से त्यागपत्र देने के बाद जब किसी का त्यागपत्र स्वीकृत हो गई तो फिर वो दोबारा उसी संस्था में कैसे ज्वाइन कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक तो उन्होंने गलत तरीके से दोबारा रिनपास ज्वाइन कर लिया और फिर वर्ष 2007 से लगातार रिनपास में कार्य कर रही हैं.

रिनपास में वित्तीय अनियमितता करने का लगाया आरोपः वहीं वर्ष 2015 में जयति सिमलई को रिनपास का प्रभारी निदेशक भी बना दिया गया. आरोप है कि प्रभारी निदेशक बनने के महज छह महीने में ही जयति ने कई वित्तीय अनियमितता की. जिसको देखते हुए प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और तत्कालीन प्रमंडल आयुक्त केके खंडेलवाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से जयति सिमलई को प्रभारी निदेशक के पद से हटाने की अनुशंसा भी की थी.

मुख्यमंत्री और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने की मांगः आरटीआई एक्टिविस्ट उत्तम कुमार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से मांग की है कि जयति सिमलाई के कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितता की जांच की जाए, ताकि दवाई खरीद सहित मरीजों की सुविधा के लिए जुटाए गए संसाधनों में किए गए घोटाले का पर्दाफाश हो सके.अब देखने वाली बात होगी कि उत्तम कुमार की शिकायत के बाद मानसिक रोगियों के लिए प्रख्यात अस्पताल रिनपास (RINPAS) की प्रभारी निदेशक जयति सिमलाई पर क्या कुछ कार्रवाई होती है.

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