रांची: झारखंड के वरिष्ठ नेता गौतम सागर राणा ने महज 8 महीनों में ही जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. गौतम सागर राणा ने बताया कि 8 महीनों तक सेवा देने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल वह किस पार्टी में नहीं जाएंगे. इसको लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में जनता की सेवा के लिए वह सड़क से लेकर सदन तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
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गौतम सागर राणा राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, इसके अलावा भी उन्होंने झारखंड जनता दल का गठन किया था जिसके वह खुद अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं. गौतम सागर राणा बगोदर विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं. एकीकृत बिहार में गौतम सागर राणा की राजनीतिक पकड़ मानी जाती थी. बिहार में गौतम सागर राणा एमएलसी भी रह चुके हैं.
उनकी राजनीतिक पकड़ को देखते हुए राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन बाद में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर अभय सिंह को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़ दिया था.
पिछले वर्ष नवंबर महीने में उन्हें जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. लेकिन 8 महीने तक पार्टी में रहने के बाद उन्होंने गुरुवार को प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को सौंप दिया है. जिसके बाद खीरू महतो ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास उनके इस्तीफे पत्र को भेज दिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गौतम सागर राणा जेडीयू में प्रदेश अध्यक्ष बनने की चाह रख रहे थे, लेकिन पार्टी की तरफ से कोई संकेत नहीं मिलता देख उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. गौतम सागर राणा ने बताया कि देश में धर्मनिरपेक्ष को बढ़ावा देने के लिए वह आगे की राजनीति करेंगे. क्योंकि वर्तमान में जितनी भी राजनीतिक पार्टियां हैं वह सभी धर्म-जाति के आधार पर अपनी वोट बैंक मजबूत कर रही है. वहीं, जनता दल यूनाइटेड की तरफ से गौतम सागर राणा के इस्तीफे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.