रांचीः शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के 59वां स्थापना दिवस पर सीनेट की बैठक हुई. लगभग 2 साल बाद इस बैठक में 75 सवालों पर चर्चा हुई. जिसमें सिंडिकेट सदस्यों का चुनाव भी संपन्न कराया गया. हालांकि कुछ मुद्दों को लेकर सीनेट सदस्यों ने बैठक शुरू होने से पहले जमकर हो हंगामा भी किया.
बता दें कि उच्च शिक्षा सचिव को बैठक में उपस्थित रहने की मांग को लेकर सीनेटर काफी उग्र दिखे. हालांकि वीसी रमेश कुमार पांडे के समझाने के बाद सीनेटर शांत हुए और बैठक को सुचारु तरीके से संचालित किया गया. मौके पर विशेष रूप से आरयू के तीन कॉलेजों की जमीन संबंधी मुद्दा ज्यादा गरमाया रहा.
वहीं, जेपीएससी की गड़बड़ियों को लेकर भी वीसी रमेश कुमार पांडे को सीनेटर को जवाब देना पड़ा. इसके अलावे शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की प्रोन्नति के मामले पर भी वीसी और सदन के वरीय सदस्यों को घेरा गया. इस दौरान विशेष रूप से कुलपति को नियुक्ति का अधिकार दिलाने, शिक्षकों को अर्जित अवकाश लोक सेवा आयोग में राजपत्रित अधिकारी के पदों पर नियुक्ति के लिए स्नाकोत्तर वैकल्पिक विषय के रूप में प्रावधान रखने, महिला महाविद्यालय में जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिलाने के अलावे अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में मनमानी बंद करने जैसे मांग काफी जोर पकड़ा.
बैठक के दौरान छात्र हित में अस्पताल और सेनेटरी वेंडिंग मशीन स्थापित करने का भी मुद्दा उठा. विवि में फाइल ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने विश्वविद्यालय मुख्यालय में बिना किसी विज्ञापन और नियम के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने का मामला भी उठाया गया. बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के बजट पर भी चर्चा हुई. कुल 859 करोड़ रुपए का बजट विवि प्रशासन ने राज्य सरकार को भेजा गया था. जिसमें से 214 करोड़ सैलरी मद में और 90 करोड़ रुपये पेंशन मद में विश्वविद्यालय को मिला है.
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तमाम एजेंटों पर सीनियर सदस्यों ने अपनी सहमति प्रदान की
इस दौरान सीनेट के तमाम सदस्य शामिल हुए. जिसमें विधायक नवीन जायसवाल, रामकुमार पाहन और गंगोत्री कुजूर भी मौजूद दिखे. मौके पर विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय और छात्र हित के लिए वे सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर विश्वविद्यालय की परेशानियों को सरकार के समक्ष उठाएंगे.