ETV Bharat / state

कोल्हान में स्पाइक होल के सहारे नक्सली, सुरक्षाबलों के लिए बन रहा परेशानी का सबब! - रांची न्यूज

झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के लगाए स्पाइक होल से सुरक्षा बल परेशान हैं. इससे उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोल्हान में ऑपरेशन क्लीन के दौरान पुलिस से बचने के लिए घने जंगलों में नक्सली स्पाइक होल का इस्तेमाल कर रहे हैं. Police jawans injured due to spike holes in Kolhan.

Security forces troubled by spike holes planted by Naxalites in Kolhan of Jharkhand
झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के लगाए स्पाइक होल से सुरक्षा बल परेशान
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 29, 2023, 12:42 PM IST

रांचीः झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस लड़ाई में सुरक्षाबलों के सामने अब स्पाइक होल बड़ी मुसीबत साबित हो रहे हैं. पहले से ही आईईडी बमों की वजह से सुरक्षाबलों को कई तरह का नुकसान उठाना पड़ा. अब नक्सलियों के स्पाइक होल भी सुरक्षाबलों के लिए खरतनाक साबित हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सीआरपीएफ सब इंस्पेक्टर हुए घायल, एयरलिफ्ट कर भेजा गया रांची

लगातार जवान हो रहे हैं घायलः कोल्हान में नक्सलियों के द्वारा घने जंगलों में बनाए गए स्पाइक होल की वजह से अभियान में लगे जवान लगातार घायल हो रहे हैं. दो दिन पूर्व सीआरपीएफ के 60वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर परमिंदर स्पाइक होल में गिर गए, इसमे उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. परमिंदर को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया, वो अभी भी रांची के अस्पताल में इलाजरत हैं. पिछले तीन महीने से केवल स्पाइक होल में गिरने की वजह से ही आधा दर्जन जवान घायल हुए हैं. चाईबासा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार स्पाइक होल की वजह से सिर्फ जवान ही नहीं घायल हुए हैं बल्कि कई ग्रामीण भी इसका शिकार हुए हैं. इसके अलावा घने जंगलों में विचरण के दौरान कई पालतू पशुओं की तो मौत भी स्पाइक होल में गिरने से हो चुकी है.

क्या है स्पाइक होलः कोल्हान में ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है. ऑपरेशन क्लीन में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बमों को जमीन के भीतर से निकालकर निष्क्रिय किया जा रहा है. सर्च के दौरान ही सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर जंगलों से स्पाइक होल मिले हैं. स्पाइक होल जवानों को नुकसान पहुंचाने का बहुत ही पुराना तरीका है. इस तरीके को ताइवान में गुरिल्ला योद्धा इस्तेमाल करते थे. कई छोटे देश भी अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए स्पाइक होल का इस्तेमाल करते हैं. अब इसी पुरानी प्रणाली का प्रयोग कोल्हान में नक्सली कर रहे हैं.

जानलेवा स्पाइक होल! स्पाइक होल बनाने के लिए जंगल के बीचोंबीच गुजरने वाली रास्ते में एक बड़ा गड्ढा खोद दिया जाता है. उस गड्ढे में कांच के टुकड़े, लोहे की कांटी, सरिया के छोटे-बडे टुकड़े और शरीर में तेजी से चुभने वाली दूसरी नुकीली चीजों को डालकर उसे गड्ढे को भर दिया जाता है. इस स्पाइक होल के बीच में एक आईईडी बम रख दिया जाता है जब सुरक्षाबल उस जमीन से होकर गुजरते है तब नक्सली उसमें विस्फोट करवा देते हैं. विस्फोट के बाद बड़े तेजी के साथ जमीन के अंदर गड़ी नुकीली तेजी से बाहर निकलती हैं और जवानों के शरीर में धंस जाती हैं. धमाके में एक साथ कई जवान इसमें जख्मी होते हैं, उनकी मौत तुरंत तो नहीं होती लेकिन उनके शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है. कोल्हान में ऑपरेशन क्लीन के दौरान बड़े पैमाने पर स्पाइक होल से पुलिस को नुकसान पहुंचा है लेकिन सुरक्षा बलों ने इन जंगलों से काफी स्पाइक होल को खोज निकाला है.

इसे भी पढ़ें- Naxalites In Kolhan: स्पाइक होल्स के सहारे नक्सली कोल्हान में लड़ रहे अंतिम लड़ाई, जानिए क्या है स्पाइक होल्स और सुरक्षाबलों को इससे कितना खतरा है

रांचीः झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस लड़ाई में सुरक्षाबलों के सामने अब स्पाइक होल बड़ी मुसीबत साबित हो रहे हैं. पहले से ही आईईडी बमों की वजह से सुरक्षाबलों को कई तरह का नुकसान उठाना पड़ा. अब नक्सलियों के स्पाइक होल भी सुरक्षाबलों के लिए खरतनाक साबित हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सीआरपीएफ सब इंस्पेक्टर हुए घायल, एयरलिफ्ट कर भेजा गया रांची

लगातार जवान हो रहे हैं घायलः कोल्हान में नक्सलियों के द्वारा घने जंगलों में बनाए गए स्पाइक होल की वजह से अभियान में लगे जवान लगातार घायल हो रहे हैं. दो दिन पूर्व सीआरपीएफ के 60वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर परमिंदर स्पाइक होल में गिर गए, इसमे उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. परमिंदर को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया, वो अभी भी रांची के अस्पताल में इलाजरत हैं. पिछले तीन महीने से केवल स्पाइक होल में गिरने की वजह से ही आधा दर्जन जवान घायल हुए हैं. चाईबासा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार स्पाइक होल की वजह से सिर्फ जवान ही नहीं घायल हुए हैं बल्कि कई ग्रामीण भी इसका शिकार हुए हैं. इसके अलावा घने जंगलों में विचरण के दौरान कई पालतू पशुओं की तो मौत भी स्पाइक होल में गिरने से हो चुकी है.

क्या है स्पाइक होलः कोल्हान में ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है. ऑपरेशन क्लीन में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बमों को जमीन के भीतर से निकालकर निष्क्रिय किया जा रहा है. सर्च के दौरान ही सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर जंगलों से स्पाइक होल मिले हैं. स्पाइक होल जवानों को नुकसान पहुंचाने का बहुत ही पुराना तरीका है. इस तरीके को ताइवान में गुरिल्ला योद्धा इस्तेमाल करते थे. कई छोटे देश भी अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए स्पाइक होल का इस्तेमाल करते हैं. अब इसी पुरानी प्रणाली का प्रयोग कोल्हान में नक्सली कर रहे हैं.

जानलेवा स्पाइक होल! स्पाइक होल बनाने के लिए जंगल के बीचोंबीच गुजरने वाली रास्ते में एक बड़ा गड्ढा खोद दिया जाता है. उस गड्ढे में कांच के टुकड़े, लोहे की कांटी, सरिया के छोटे-बडे टुकड़े और शरीर में तेजी से चुभने वाली दूसरी नुकीली चीजों को डालकर उसे गड्ढे को भर दिया जाता है. इस स्पाइक होल के बीच में एक आईईडी बम रख दिया जाता है जब सुरक्षाबल उस जमीन से होकर गुजरते है तब नक्सली उसमें विस्फोट करवा देते हैं. विस्फोट के बाद बड़े तेजी के साथ जमीन के अंदर गड़ी नुकीली तेजी से बाहर निकलती हैं और जवानों के शरीर में धंस जाती हैं. धमाके में एक साथ कई जवान इसमें जख्मी होते हैं, उनकी मौत तुरंत तो नहीं होती लेकिन उनके शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है. कोल्हान में ऑपरेशन क्लीन के दौरान बड़े पैमाने पर स्पाइक होल से पुलिस को नुकसान पहुंचा है लेकिन सुरक्षा बलों ने इन जंगलों से काफी स्पाइक होल को खोज निकाला है.

इसे भी पढ़ें- Naxalites In Kolhan: स्पाइक होल्स के सहारे नक्सली कोल्हान में लड़ रहे अंतिम लड़ाई, जानिए क्या है स्पाइक होल्स और सुरक्षाबलों को इससे कितना खतरा है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.