रांची: सियासी चर्चाओं के बीच सरकार पर छाए संकट का असर सरकारी कामकाज पर भी देखने को मिल रहा है. पिछले तीन दिनों से चल रही सियासी उठापटक का असर शासन सचिवालय में भी देखने को मिला. हालांकि गुरुवार को सचिवालय में कुछ रौनक लौटी, लेकिन आम दिनों की तुलना में कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति कम रही, जिससे फाइलों की आवाजाही भी कम दिखी.
दोपहर करीब दो बजे कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता नेपाल हाउस स्थित अपने सचिवालय चैंबर पहुंचे. इससे पहले उनसे मिलने आए लोग काफी चिंतित दिखे. इन सबके बीच मंत्री कुछ अहम फाइलों का निपटारा करते दिखे. स्थानीय मो. गुलाम सरवर का कहना है कि सरकार पर छाए संकट के बादलों का असर सचिवालय पर साफ दिख रहा है. कई विभागों में कर्मचारी के साथ-साथ अधिकारी भी नजर नहीं आ रहे हैं और जो हैं भी वे रूटीन काम के अलावा कुछ खास नहीं कर रहे हैं.
कामकाज सामान्य रूप से चल रहा है- मंत्री: झारखंड में राजनीतिक संकट का सरकारी कामकाज पर कोई असर पड़ने से इनकार करते हुए श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता कहते हैं कि सभी विभागों में सामान्य दिनों की तरह काम हो रहा है. इधर, झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा का कहना है कि नये साल पर अधिकांश कर्मचारियों के छुट्टी पर रहने के कारण विभाग खाली दिख रहे हैं, लेकिन सरकार का काम अपनी गति से चल रहा है. 31 मार्च को ध्यान में रखते हुए चालू वित्तीय वर्ष की योजनाओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए निर्णय लिये जा रहे हैं. हालांकि सियासी चर्चाओं के बीच सरकारी कामकाज धीमी गति से चल रहा है और सबकी नजरें ईडी की कार्रवाई और सरकार के अस्तित्व पर टिकी हैं. ऐसे में विकास कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक है.
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