रांचीः झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पेश की गई. विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की. सोमवार को मानसून सत्र की कार्यवाही के दूसरे पाली में बीजेपी विधायकों की ओर से सदन के अंदर खूब हंगामा किया गया. हालांकि, कार्यमंत्रणा की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बहस होनी थी, लेकिन बैठक में तय हुई बातों का पालन नहीं किया गया.
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बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जो घोषणा की गई थी, उसके अनुरूप नियोजन नीति नहीं बनाई गई है. नियोजन नीति को वापस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार नियोजन नीति पर बहस करने से बचना चाहती है. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर जब बहस शुरू हुई, तो रोजगार के मुद्दे को हटा दिया गया. इसका बीजेपी ने विरोध किया है.
निर्णय के अनुसार होनी चाहिए थी बहस
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि कार्यमंत्रणा की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार बेरोजगारी पर बहस होनी चाहिए थी, लेकिन बेरोजगारी बहस से हटा दी गई. यह गलत परंपरा की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले दिनों दिल्ली गए थे, जहां उद्योगपतियों से एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस स्थिति में मुख्यमंत्री को राज्य की जनता को रोजगार देने की मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए थी, जो नहीं हुआ.
गलत परंपरा की शुरुआत
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जनता द्वारा चुनकर प्रतिनिधि लोकतंत्र के मंदिर में पहुंचते हैं. लेकिन, विपक्ष की ओर से लगातार हंगामा करके जनता के मुद्दों को गौण किया जा रहा है. इस परंपरा की शुरुआत बीजेपी ने पिछले सत्र से की है. उन्होंने कहा कि पवित्र मंदिर को शर्मसार किया जा रहा है.