रांची: आमतौर पर विधायिका की कार्यप्रणाली को बच्चे किताबों में पढ़ते हैं. किताब के जरिए मिलने वाली जानकारी उतनी संतुष्ट नहीं कर पाती है जितना कि प्रत्यक्ष रूप से देखने से मिलती है. कुछ इसी उद्देश्य के साथ झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही को देखने बोकारो से स्कूली बच्चे मंगलवार को रांची पहुंचे. मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही देखने पहुंचे डीपीएस बोकारो के इन बच्चों ने जब विधायी कार्यों को नजदीक से देखा तो उनका आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा. सदन के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हो रही तीखी नोंकझोंक, प्रश्नकाल और सीटिंग एरेंजमेंट को इन बच्चों ने नजदीक से देखा.
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बोकारो डीपीएस के 50 बच्चे थे शामिल: मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही देखने बोकारो डीपीएस से आए इन बच्चों ने दिनभर सदन की कार्यवाही देखी. इसके बाद सदन के बाहर मीडिया कर्मियों से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस अवसर को देने में स्थानीय विधायक बिरंची नारायण और स्कूल के प्राचार्य की बड़ी भूमिका रही है. जिस वजह से हमने लोकतंत्र के इस मंदिर में चल रहे विधायी कार्यों को नजदीक से देखा और जाना. 9वीं में पढ़ने वाली वंशिका सिंह कहती हैं कि वह पहली बार झारखंड विधानसभा की कार्यवाही को देखने यहां पहुंची हैं, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोगों को किसी मुद्दे पर कैसे बहस सदन में होती है इसे देखा. अपने स्कूल से 50 बच्चों को लेकर झारखंड विधानसभा पहुंची स्कूल पर्यवेक्षिका निमिषा बताती हैं कि सदन की कार्यवाही देखने से बच्चों को बहुत लाभ मिलेगा. आमतौर पर यह बच्चे किताबों में विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा के बारे में पढ़ते हैं मगर जब इसे नजदीक से इन्होंने देखा तो यह पता चला कि कैसे हमारा लोकतांत्रिक व्यवस्था चलती है और कैसे सदन में बहस के बाद पारित किया जाता है.