रांची: देशभर में कोरोना महामारी के चलते तमाम गतिविधियां बंद हैं. शिक्षा जगत पर इसका व्यापक असर भी पड़ा है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सरकारी स्कूलों को दुरुस्त करने के लिए कदम बढ़ाए जा रहे हैं. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से केंद्र सरकार को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी भेजा गया है, जिसके तहत 1 हजार सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.
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बताते चलें कि कुल 1228 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. वहीं, 44 स्कूलों में वोकेशनल की पढ़ाई शुरू करने की भी योजना है.
समग्र शिक्षा अभियान के तहत मांगी गई राशि
राज्य सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत 3241 करोड़ की मांग केंद्र सरकार से की है. इसके तहत स्कूल ग्रांट, पोशाक, पारा शिक्षकों के मानदेय, स्कूली शिक्षा से ड्रॉपआउट बच्चों को जोड़ने के लिए भी राशि मांगी गई है. वहीं, पहली से तीसरी के बच्चों को पढ़ाना लिखना सिखाना योजना की शुरुआत राज्य स्तर पर की जाएगी और इसकी भी राशि अलग से केंद्र से मांगी गई है. आंगनवाड़ी केंद्रों में अंतिम वर्ष में पढ़ रहे बच्चों को स्कूल से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. नई शिक्षा नीति के तहत इसका प्रावधान भी है. कल्याण विभाग के समन्वय स्थापित कर इस दिशा में कदम बढ़ाई जाएगी. केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव के तहत मिडिल स्कूलों के लिए 611, हाय और प्लस टू स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए योजना बताया गया है.
सभी स्कूलों में 10-10 कंप्यूटर लैब
इसके तहत 358 हाई और 31 प्लस 2 स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना होगी. इसमें 10-10 कंप्यूटर का लैब हर स्कूलों में लगाए जाएंगे. साथ ही 1228 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जाएगी. इसमें ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था होगी. केंद्र से राशि मिलने के बाद ही इन योजनाओं को राज्य स्तर पर शुरू किया जाएगा.