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एससी-एसटी प्रोन्नति मामला गर्मः कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बोले-अधिकारी मुख्यमंत्री के काम में अटका रहे रोड़ा

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Published : Dec 5, 2021, 9:33 PM IST

एससी-एसटी प्रोन्नति मामले में झारखंड में राजनीति गर्म होने लगी है. सत्तारूढ़ कांग्रेस के झारखंड कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने अधिकारियों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काम में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया है.

executive president bandhu tirkey
कांग्रेस के झारखंड कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की

रांची: एससी-एसटी अधिकारी, कर्मचारी प्रोन्नति मामला गरमा गया है. एससी-एसटी अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रोन्नति मामले में झारखंड में राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्ष तो सरकार को घेर ही रहा था, अब सहयोगी दल भी झारखंड सरकार पर हमला करने लगे हैं. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की ने 15 दिन में अधिकारियों के निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया है.

बंधु तिर्की का कहना है कि सीधा-सीधा कहना है कि सरकार के इस रवैये से लगता है कि अधिकारी बेलगाम हो गए हैं, अधिकारी एससी-एसटी अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ हैं. इससे सरकार की बदनामी हो रही है. अधिकारी संघीय व्यवस्था को कमजोर करने में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री के आदेश होने के बावजूद भी अधिकारी रोड़ा अटकाने में लगे रहते हैं, काम होने नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-लालू के बेटे तेज प्रताप का अनोखा अंदाज, सड़क पर पेन बेच रही बच्ची को गिफ्ट दिया iphone

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि 2 साल पूर्व उनकी ओर से एससी-एसटी प्रोन्नति को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया गया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष कमेटी गठित की गई थी. कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को दी गई है. विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई है. उसके बाद उस रिपोर्ट की समीक्षा भी की जा चुकी है. समीक्षा में काफी समय लगा, हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उसकी रिपोर्ट दी गई तो सीएम ने मंजूरी भी दे दी. लेकिन अधिकारी उस फाइल को दबा कर बैठे हैं. विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद संचिका को मुख्य सचिव के पास भेजा गया है, अब मुख्य सचिव को अनुमोदन कर मुख्यमंत्री के पास भेजना है.

2020 में लगी थी रोक

इससे पहले झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ने वर्ष 2020 में प्रोन्नति पर रोक लगाने से संबंधित आदेश जारी किया था. इसके बाद राज्य सरकार की सभी सेवाओं एवं पदों पर प्रोन्नति अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक दी गई थी. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सभी विभागीय प्रमुख, आयुक्त और जिलों के उपायुक्तों को इस बाबत निर्देश जारी किए गए थे. इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है.

इतने पद प्रोन्नति से भरे जाने हैं

बता दें कि राज्य के 34 विभागों में से 31 प्रमुख विभागों में राज्य के कुल स्वीकृत पदों की कुल संख्या 3,01,198 है, जिसमें से 57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं, जबकि 2,44,016 पद सीधी नियुक्ति से भरी जानी है.

रांची: एससी-एसटी अधिकारी, कर्मचारी प्रोन्नति मामला गरमा गया है. एससी-एसटी अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रोन्नति मामले में झारखंड में राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्ष तो सरकार को घेर ही रहा था, अब सहयोगी दल भी झारखंड सरकार पर हमला करने लगे हैं. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की ने 15 दिन में अधिकारियों के निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया है.

बंधु तिर्की का कहना है कि सीधा-सीधा कहना है कि सरकार के इस रवैये से लगता है कि अधिकारी बेलगाम हो गए हैं, अधिकारी एससी-एसटी अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ हैं. इससे सरकार की बदनामी हो रही है. अधिकारी संघीय व्यवस्था को कमजोर करने में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री के आदेश होने के बावजूद भी अधिकारी रोड़ा अटकाने में लगे रहते हैं, काम होने नहीं दिया जा रहा है.

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कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि 2 साल पूर्व उनकी ओर से एससी-एसटी प्रोन्नति को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया गया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष कमेटी गठित की गई थी. कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को दी गई है. विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई है. उसके बाद उस रिपोर्ट की समीक्षा भी की जा चुकी है. समीक्षा में काफी समय लगा, हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उसकी रिपोर्ट दी गई तो सीएम ने मंजूरी भी दे दी. लेकिन अधिकारी उस फाइल को दबा कर बैठे हैं. विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद संचिका को मुख्य सचिव के पास भेजा गया है, अब मुख्य सचिव को अनुमोदन कर मुख्यमंत्री के पास भेजना है.

2020 में लगी थी रोक

इससे पहले झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ने वर्ष 2020 में प्रोन्नति पर रोक लगाने से संबंधित आदेश जारी किया था. इसके बाद राज्य सरकार की सभी सेवाओं एवं पदों पर प्रोन्नति अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक दी गई थी. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सभी विभागीय प्रमुख, आयुक्त और जिलों के उपायुक्तों को इस बाबत निर्देश जारी किए गए थे. इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है.

इतने पद प्रोन्नति से भरे जाने हैं

बता दें कि राज्य के 34 विभागों में से 31 प्रमुख विभागों में राज्य के कुल स्वीकृत पदों की कुल संख्या 3,01,198 है, जिसमें से 57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं, जबकि 2,44,016 पद सीधी नियुक्ति से भरी जानी है.

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