ETV Bharat / state

नहीं निकाली जाएगी सरहुल की शोभायात्रा, सैनिटाइजर-मास्क उपलब्ध कराने की मांग

झारखंड में धूमधाम से मनाए जानेवाले सरहुल पर्व में इस बार शोभायात्रा पर रोक लगा दी गई है. केंद्रीय सरना समिति ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से पूजा के दौरान विभिन्न सरना स्थलों में सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने की मांग की है. इसके अलावा डॉक्टरों की टीम की भी व्यवस्था की करने की अपील की है.

सरहुल, Sarhul
बैठक करते सरना समिति के लोग
author img

By

Published : Mar 23, 2020, 11:37 PM IST

रांची: कोरोना वायरस के चलते देश के कई राज्य लॉकडाउन हो गए हैं. हर तरफ लोगों के चेहरों पर डर और खौफ का माहौल दिखाई दे रहा है, इसके चलते झारखंड में धूमधाम से मनाए जानेवाले सरहूल पर्व में इस बार शोभायात्रा पर रोक लगा दी गई है. इसे लेकर समाज के बुद्धिजीवी और विभिन्न सरना समिति के लोगों के एक साथ बैठकर यह निर्णय लिया है.

देखें पूरी खबर

तीन दिनों तक मनाया जाता है त्योहार

प्राकृतिक महापर्व सरहुल की पूजा झारखंड में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाता है. तीन दिवसीय प्राकृतिक के इस महापर्व शुरुआत उपवास के साथ शुरू होती है जो फूलखोंसी के साथ ही खत्म होती है. सरहुल पूजा के दिन गांव-मोहल्ले के अखड़ा से शोभायात्रा निकाली जाती है जो मुख्य सड़क होते हुए सिरमटोली मुख्य सरना स्थल पहुंचती है. जिसमें आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्र के साथ नृत्य करते नजर आते हैं. इसे देखने के लिए शहर में लाखों की तादाद में भीड़ जुटती है.

ये भी पढ़ें- AICC के राज्यसभा पर्यवेक्षक पीएल पुनिया ने की अहम बैठक, राज्यसभा चुनाव में किया जीत का दावा

सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने की अपील

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि सरहूल पूजा के दौरान विभिन्न सरना स्थलों में सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने के अलावा डॉक्टरों की टीम की भी व्यवस्था की जाए. आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति इनके परंपराओं में देखने को मिलती है जो सदियों से चली आ रही है. आदिवासियों के प्रमुख त्योहार में से एक प्राकृतिक के महापर्व सरहुल है जिसकी तैयारी महीने भर पहले से शुरू कर दी जाती है. लेकिन इस बार कोरोना के प्रकोप से उत्साह और उमंग में खलल पड़ गई है.

रांची: कोरोना वायरस के चलते देश के कई राज्य लॉकडाउन हो गए हैं. हर तरफ लोगों के चेहरों पर डर और खौफ का माहौल दिखाई दे रहा है, इसके चलते झारखंड में धूमधाम से मनाए जानेवाले सरहूल पर्व में इस बार शोभायात्रा पर रोक लगा दी गई है. इसे लेकर समाज के बुद्धिजीवी और विभिन्न सरना समिति के लोगों के एक साथ बैठकर यह निर्णय लिया है.

देखें पूरी खबर

तीन दिनों तक मनाया जाता है त्योहार

प्राकृतिक महापर्व सरहुल की पूजा झारखंड में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाता है. तीन दिवसीय प्राकृतिक के इस महापर्व शुरुआत उपवास के साथ शुरू होती है जो फूलखोंसी के साथ ही खत्म होती है. सरहुल पूजा के दिन गांव-मोहल्ले के अखड़ा से शोभायात्रा निकाली जाती है जो मुख्य सड़क होते हुए सिरमटोली मुख्य सरना स्थल पहुंचती है. जिसमें आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्र के साथ नृत्य करते नजर आते हैं. इसे देखने के लिए शहर में लाखों की तादाद में भीड़ जुटती है.

ये भी पढ़ें- AICC के राज्यसभा पर्यवेक्षक पीएल पुनिया ने की अहम बैठक, राज्यसभा चुनाव में किया जीत का दावा

सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने की अपील

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि सरहूल पूजा के दौरान विभिन्न सरना स्थलों में सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने के अलावा डॉक्टरों की टीम की भी व्यवस्था की जाए. आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति इनके परंपराओं में देखने को मिलती है जो सदियों से चली आ रही है. आदिवासियों के प्रमुख त्योहार में से एक प्राकृतिक के महापर्व सरहुल है जिसकी तैयारी महीने भर पहले से शुरू कर दी जाती है. लेकिन इस बार कोरोना के प्रकोप से उत्साह और उमंग में खलल पड़ गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.