रांचीः हाई स्कूल से प्लस टू स्कूलों में नियुक्त किए गए शिक्षकों के वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने एक योजना बनाई है. इसी के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है. जिन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2012-17 और 2018 में हाई स्कूल से प्लस -2 स्कूलों में हुई है. ऐसे शिक्षकों के वेतन विसंगतियों को दूर जल्द किया जाएगा.
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इन 3 साल की नियुक्ति प्रक्रिया में साल 2010 में हाई स्कूल में नियुक्त शिक्षक शामिल हुए हैं. वहीं 2012 में करीब 350, 2017 में 100 और 2018 में 70 शिक्षक हाई स्कूल से प्लस टू स्कूल में नियुक्त किए गए हैं. ऐसे शिक्षकों की संख्या 520 है और इनका वेतनमान हाई स्कूल में रहते हुए अधिक था. लेकिन प्लस 2 स्कूलों में नियुक्ति होते ही वेतनमान कम मिल रहा है. जबकि इनके वेतनमान को नियुक्ति के बाद बढ़ाया जाना था. ऐसे ही शिक्षकों को चिन्हित कर जल्द से जल्द उनके तमाम कागजातों का वेरिफिकेशन करने का निर्देश विभागीय स्तर पर जारी कर दिया गया है. इन शिक्षकों के वेतनमान में 10 से 15 हजार की वृद्धि होने की संभावना है. इसे देखते हुए ही विभागीय स्तर पर यह निर्णय लिया गया है.
10 से 15 हजार की वृद्धि करने का लिया फैसला
जानकारी के अनुसार इनके वेतन में काफी विसंगतियां हैं. साल 2010 में हाई स्कूल में योगदान करने वाले शिक्षकों के वेतन और 2012 में योगदान देने वाले शिक्षकों के वेतनमान में दो बार इंक्रीमेंट के बावजूद इनका वेतन नहीं बढ़ाया गया है. इन्हीं गड़बड़ियों को सुधारने के उद्देश्य से विभाग ने करीब 520 शिक्षकों का वेतनमान में 10 से 15 हजार की वृद्धि करने का फैसला लिया है.