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झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023 पर बवाल, बीजेपी-आजसू बिफरी, कहा- छात्रों के लिए करेंगे आंदोलन, कांग्रेस ने कहा सीएम से करेंगे बात - प्रदीप यादव

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक- 2023 पर बवाल मच गया है. विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों को भी इसके सजा के प्रावधानों पर आपत्ति है.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
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Published : Aug 2, 2023, 5:14 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 7:46 PM IST

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक पर नेताओं के बयान

रांची: परीक्षा में नकल और प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए सरकार के द्वारा लाए जा रहे बिल पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए इस बिल के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक में आंदोलन करने का एलान किया है.

ये भी पढ़ें- सावधान! नकल करते पकड़े जाने पर जाना होगा जेल, हेमंत सरकार ला रही है कड़ा कानून, जानिए क्या-क्या है प्रावधान

मानसून सत्र के चौथे दिन झारखंड विधानसभा में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस तरह से इस बिल में प्रावधान किए गए हैं वह छात्रों के हित में नहीं है. थोड़ी सी चूक की वजह से यदि छात्रों को जेल जाना पड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है. सरकार ने इस बिल के माध्यम से कहीं ना कहीं छात्रों की आवाज को बंद करने की कोशिश की है. भारतीय जनता पार्टी इस बिल का विरोध करेगी.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
बाबूलाल मरांडी का बयान

युवाओं की आवाज दबाना चाहती है हेमंत सरकार: "झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक- 2023" के अलग अलग कठोर दंड के प्रावधानों का जिक्र करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि जिस तरह का कानून परीक्षा में कदाचार रोकने के नाम पर हेमंत सोरेन की सरकार बनाना चाहती है, उससे साफ है कि वह जनता की आवाज को दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ आजसू आंदोलन कर राज्य के छात्रों-युवाओं की आवाज बनेगा. सुदेश महतो ने कहा कि सरकार आज लाठी के बल पर युवाओं की आवाज दबाना चाहती है.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
सुदेश महतो का बयान

प्रस्तावित विधेयक में संशोधन संभव: प्रस्तावित "झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक- 2023" के कठोर प्रावधान और छात्रों के भविष्य को लेकर संभावित खतरे को लेकर प्रदीप यादव ने कहा कि अभ्यर्थियों के लिए जो कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, उसमें बदलाव की जरूरत है. प्रदीप यादव ने कहा कि वह इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
प्रदीप यादव का बयान

जेएमएम ने बिल का किया समर्थन: इधर, सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने इस बिल की सराहना करते हुए कहा है कि यह वैसे लोगों के ऊपर चाबुक है, जो पेपर लीक में शामिल होकर झारखंड के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं. इस बिल को लेकर उठ रहे सवाल पर झामुमो विधायक ने कहा कि यदि सरकार को इसमें संशोधन का कुछ सुझाव दिया जाता है और यदि इसमें आवश्यकता पड़ेगी तो सरकार जरूर इस पर विचार करेगी.

जानिए बिल में क्या है प्रावधान जिस पर मचा है बवाल: परीक्षाओं में नकल और प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए हेमंत सरकार ने झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 लाया है. इस बिल के जरिए जहां सरकार ने कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल रोकने कि कवायद की है. वहीं, दूसरी ओर इस बिल के प्रावधान को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 17 पेज के इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं उसमें परीक्षा के दौरान थोड़ी सी भी नकल करते विद्यार्थी पाए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा.

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प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम के प्रावधान

यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पाया जाता है तो उसे 3 वर्ष तक की कारावास हो सकती है. ऐसे मामलों में 5 लाख से कम जुर्माना नहीं होगा. जुर्माना नहीं देने पर परीक्षार्थी को 9 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. इसके अलावा यदि वह परीक्षार्थी फिर दूसरी बार किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पकड़ा जाता है तो इसकी सजा की अवधि कम से कम 7 वर्ष की होगी और ऐसे में जुर्माना की राशि 10 लाख रुपए से कम नहीं होगा. यदि जुर्माना की राशि परीक्षार्थी नहीं देता है तो 30 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. इसी तरह बिल में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिसमें परीक्षार्थियों को आजीवन कारावास से लेकर एक करोड़ तक का अर्थदंड की सजा भी भुगतनी होगी वहीं प्रतियोगिता परीक्षा से आजीवन उन्हें वंचित होना पड़ेगा.

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक पर नेताओं के बयान

रांची: परीक्षा में नकल और प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए सरकार के द्वारा लाए जा रहे बिल पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए इस बिल के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक में आंदोलन करने का एलान किया है.

ये भी पढ़ें- सावधान! नकल करते पकड़े जाने पर जाना होगा जेल, हेमंत सरकार ला रही है कड़ा कानून, जानिए क्या-क्या है प्रावधान

मानसून सत्र के चौथे दिन झारखंड विधानसभा में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस तरह से इस बिल में प्रावधान किए गए हैं वह छात्रों के हित में नहीं है. थोड़ी सी चूक की वजह से यदि छात्रों को जेल जाना पड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है. सरकार ने इस बिल के माध्यम से कहीं ना कहीं छात्रों की आवाज को बंद करने की कोशिश की है. भारतीय जनता पार्टी इस बिल का विरोध करेगी.

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बाबूलाल मरांडी का बयान

युवाओं की आवाज दबाना चाहती है हेमंत सरकार: "झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक- 2023" के अलग अलग कठोर दंड के प्रावधानों का जिक्र करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि जिस तरह का कानून परीक्षा में कदाचार रोकने के नाम पर हेमंत सोरेन की सरकार बनाना चाहती है, उससे साफ है कि वह जनता की आवाज को दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ आजसू आंदोलन कर राज्य के छात्रों-युवाओं की आवाज बनेगा. सुदेश महतो ने कहा कि सरकार आज लाठी के बल पर युवाओं की आवाज दबाना चाहती है.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
सुदेश महतो का बयान

प्रस्तावित विधेयक में संशोधन संभव: प्रस्तावित "झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक- 2023" के कठोर प्रावधान और छात्रों के भविष्य को लेकर संभावित खतरे को लेकर प्रदीप यादव ने कहा कि अभ्यर्थियों के लिए जो कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, उसमें बदलाव की जरूरत है. प्रदीप यादव ने कहा कि वह इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे.

Jharkhand Competitive Examination Bill 2023
प्रदीप यादव का बयान

जेएमएम ने बिल का किया समर्थन: इधर, सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने इस बिल की सराहना करते हुए कहा है कि यह वैसे लोगों के ऊपर चाबुक है, जो पेपर लीक में शामिल होकर झारखंड के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं. इस बिल को लेकर उठ रहे सवाल पर झामुमो विधायक ने कहा कि यदि सरकार को इसमें संशोधन का कुछ सुझाव दिया जाता है और यदि इसमें आवश्यकता पड़ेगी तो सरकार जरूर इस पर विचार करेगी.

जानिए बिल में क्या है प्रावधान जिस पर मचा है बवाल: परीक्षाओं में नकल और प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए हेमंत सरकार ने झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 लाया है. इस बिल के जरिए जहां सरकार ने कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल रोकने कि कवायद की है. वहीं, दूसरी ओर इस बिल के प्रावधान को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 17 पेज के इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं उसमें परीक्षा के दौरान थोड़ी सी भी नकल करते विद्यार्थी पाए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा.

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प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम के प्रावधान

यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पाया जाता है तो उसे 3 वर्ष तक की कारावास हो सकती है. ऐसे मामलों में 5 लाख से कम जुर्माना नहीं होगा. जुर्माना नहीं देने पर परीक्षार्थी को 9 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. इसके अलावा यदि वह परीक्षार्थी फिर दूसरी बार किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पकड़ा जाता है तो इसकी सजा की अवधि कम से कम 7 वर्ष की होगी और ऐसे में जुर्माना की राशि 10 लाख रुपए से कम नहीं होगा. यदि जुर्माना की राशि परीक्षार्थी नहीं देता है तो 30 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. इसी तरह बिल में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिसमें परीक्षार्थियों को आजीवन कारावास से लेकर एक करोड़ तक का अर्थदंड की सजा भी भुगतनी होगी वहीं प्रतियोगिता परीक्षा से आजीवन उन्हें वंचित होना पड़ेगा.

Last Updated : Aug 2, 2023, 7:46 PM IST

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