रांची: आगामी रामनवमी त्योहार के दौरान अस्त्र-शस्त्र के साथ जुलूस निकालने और डीजे बजाने के मामले पर सदन का पारा चढ़ा रहा. बात असली राम भक्त और सरस्वती पूजा से अजान तक पहुंच गई. इसका ट्रेलर पहली पारी में ही देखने को मिल चुका था, जब भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने यह कहते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया था कि हजारीबाग में राम भक्त जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ अनशन पर बैठे हैं लेकिन सरकार उस पर संज्ञान नहीं ले रही है, उनके विरोध का असर दूसरी पाली में भी दिखा.
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इसी बीच मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि रामनवमी के जुलूस पर कहीं भी प्रतिबंध नहीं है. भाजपा वाले लोगों को भड़का रहे हैं. लोगों को गुमराह किया जा रहा है. सिर्फ डीजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश को सुनिश्चित किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि हजारीबाग में अनशन पर बैठे लोग राम भक्त नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता हैं. हम जय सियाराम कहते हैं, ये लोग जय श्री राम कहते हैं.
इस पर अमर बावरी ने कहा कि अभी पिछले दिनों सरस्वती पूजा के दौरान जमकर डीजे बजाया गया था, तब नियम कहां था. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से अजान दिया जा रहा है, क्या उसका डेसीबल मापा गया है. भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि तय डेसीबल से ज्यादा आवाज नहीं होना चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार चाहे तो विशेष स्थिति में धर्म के नाम पर छूट दे सकती है. सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन रोक लगा रहा है.
खींचतान के बीच मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा के विधायकों को यह समझना चाहिए कि रांची में रामनवमी के तमाम अखाड़े जुलूस लेकर डोरंडा स्थित तपोवन मंदिर पहुंचते हैं. उस मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने कुछ नहीं किया लेकिन हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 13 करोड़ की लागत से सुंदरीकरण करने का फैसला लिया है.